RG KAR भ्रष्टाचार मामले में CBI ने क्या भूल की, जिसके चलते अदालत से पड़ी फटकार
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई को अदालत की फटकार का सामना करना पड़ा है. विशेष अदालत ने सीबीआई के जांच अधिकारी मनीष उपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अदालत ने पूछा है कि संदीप घोष और अन्य के खिलाफ आरोप तय करने के लिए सरकारी स्वीकृति मिलने के बावजूद अदालत को सूचित क्यों नहीं किया गया. अदालत ने सीबीआई की कार्यप्रणाली पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि वे समझ नहीं पा रहे हैं कि सीबीआई क्या करना चाहती है. उन्होंने निर्देश दिया कि सभी दस्तावेज अगले दिन तक प्रस्तुत किए जाएं ताकि आरोप तय कर मुकदमे की प्रक्रिया शुरू की जा सके. अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि उच्च न्यायालय को सूचित किया गया, लेकिन ट्रायल कोर्ट को क्यों नहीं.
CBI ने संदीप घोष को लेकर किया बड़ा दावा
सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, संदिप घोष ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य रहते हुए टेंडर प्रक्रिया में 7 से 10 प्रतिशत कमीशन लिया था. उनके कार्यकाल में 70 प्रतिशत टेंडर उनके करीबी दो ठेकेदारों को मिले थे. यह भी आरोप है कि हाउस स्टाफ की नियुक्ति में 24 उम्मीदवारों के साक्षात्कार अंकों में हेरफेर की गई थी.
संदीप घोष के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला
पूर्व डिप्टी सुपरिंटेंडेंट अख्तर अली ने संदिप घोष के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. 23 अगस्त 2024 को जस्टिस राजर्षि भारद्वाज ने इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था. 29 नवंबर को सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की. रिपोर्ट में दावा किया गया कि टेंडर का 70 प्रतिशत हिस्सा संदिप घोष के करीबी विप्लव सिंह और सुमन हाजरा को मिला था. इसके अलावा, अस्पताल के लिए आवंटित धन का दुरुपयोग भी किया गया था.
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ED भी कर रही RG KAR में भ्रष्टाचार की जांच
रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद, अदालत ने निर्देश दिया कि सीबीआई जल्द से जल्द मुकदमे की प्रक्रिया शुरू करने का प्रयास करे और इसके लिए समय सीमा भी निर्धारित की. उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई के एक सप्ताह के भीतर आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का प्रयास किया जाना चाहिए. दूसरी ओर, प्रवर्तन निदेशालय ने भी आर जी कर मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार के मामले में अलग से जांच शुरू की है. वहीं, ईडी की जांच पर जस्टिस तीरथंकर घोष ने असंतोष व्यक्त किया था.
(खबर पीटीआई इनपुट से है)