SG के पास इतनी छोटी सी जगह... एक निजी ट्रस्ट को 350 करोड़ की संपत्ति कैसे अलॉट कर दी गई? हाई कोर्ट से तेलंगाना सरकार को बड़ा झटका
भूमि आवंटन मामले में तेलंगाना सरकार को हाई कोर्ट से बड़ा झटका मिला है. तेलंगाना हाई कोर्ट ने हैदराबाद में अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता और मध्यस्थता केंद्र (IAMC) को रायदुर्गम में 3.5 एकड़ भूमि जमीन देने के फैसले को रद्द किया है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि भूमि का आवंटन नियमों की अनदेखी करके की गई है और यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन भी है, जबकि राज्य सरकार ने दावा किया कि IAMC अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के बीच विवादों को सुलझाने में मदद करेगा, लेकिन हाई कोर्ट ने सरकार की दलीलों को मानने से इंकार करते हुए याचिकाकर्ताओं की दलीलों को स्वीकार किया है.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील एडवोकेट रघुनाथ राव ने दावा किया कि राज्य सरकार ने नियमों की अनदेखी कर 350 करोड़ रूपये की संपत्ति IAMC दे दिया. याचिकाकर्ताओं ने जमीन देने के उद्देश्य पर सवाल उठाया. राज्य सरकार ने जमीन आवंटन के फैसले के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि IAMC अंतरर्राष्ट्रीय कंपनियों के बीच मध्यस्थता कर उनके बीच के विवाद को सुलझाने का काम करेगी.
तेलंगाना हाई कोर्ट में जस्टिस के लक्ष्मण और जस्टिस के सुजना की खंडपीठ ने इस मामले से जुड़ी दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. हाई कोर्ट ने सवाल किया कि क्या IAMC कार्यालय स्थापित करने के लिए हैदराबाद में कोई खाली इमारतें नहीं थीं, बजाय इसके कि प्रमुख भूमि दे दी जाए और उस पर निर्माण के लिए धन जारी किया जाए. हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल का कार्यालय तेलंगाना हाई कोर्ट में 50 फीट की जगह में स्थित है, जबकि कई सरकारी कार्यालय पट्टे या निजी भूमि से काम कर रहे हैं. इस दौरान हाई कोर्ट ने सरकार द्वारा एक निजी ट्रस्ट के लिए सरकारी समर्थन के पीछे के औचित्य पर सवाल उठाया. हाई कोर्ट ने तेलंगाना सरकार के भूमि आवंटन के फैसले को रद्द कर दिया है.
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(खबर IANS इनपुट के आधार पर है)