Advertisement

Justice Yashwant Varma को लेकर क्या तय हुआ? जब CJI Sanjiv Khanna से मिलने पहुंचे छह बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट

Justice Yashwant varma, CJI Sanjiv Khanna

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने विभिन्न बार एसोसिएशनों के साथ लगभग 15 मिनट की बैठक की. इस दौरान इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले पर अपनी आपत्ति जाहिर की है.

Written By Satyam Kumar | Published : March 27, 2025 3:54 PM IST

सीजेआई संजीव खन्ना (CJI Sanjiv Khanna) के साथ विभिन्न बार एसोसिएशन की मीटिंग खत्म संपन्न हुई. यह मीटिंग करीब 15 मिनट चला. मीटिंग के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (Allahabad High Court Bar Association) के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि CJI ने आश्वासन दिया है कि जस्टिस वर्मा के ट्रांसफर पर उनकी आपत्ति पर वो विचार करेंगे. बार एसोसिएशन इस मीटिंग के बाद फिर से विचार करेगी कि क्या अनिश्चितकालीन हड़ताल को वापस लिया जाए या नहीं. बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन लगातार जस्टिस यशवंत वर्मा का हाई कोर्ट में ट्रांसफर का विरोध कर रहा है. कॉलेजियम की अनुशंसा के खिलाफ हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा कि यहां कोई कूड़ेदान नहीं है. विरोध में एसोसिएशन ने यह भी दावा किया कि अगर जस्टिस यशवंत वर्मा का ट्रांसफर हाई कोर्ट में होता है, तो वकील उनके कोर्ट का बहिष्कार करेंगे.

CJI ने दिया आश्वासन

छह बार एसोसिएशन के अध्यक्षों ने चीफ जस्टिस और चार अन्य सीनियर जज से मुलाकात कर अपनी बात रखी. इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने प्रधान न्यायाधीश से जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले पर मुलाकात की. चीफ जस्टिस ने आश्वासन दिया कि वे बिंदुओं पर विचार करेंगे और तदनुसार निर्णय लेंगे.

Advertisement

Also Read

More News

 केन्द्रीय कानून मंत्री से भी मिले थे

Advertisement

इससे पहले, बीते दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी की कानून मंत्री से मुलाकात की थी. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष अनिल तिवारी ने  केन्द्रीय कानून मंत्री से जस्टिस यशवंत वर्मा का इलाहाबाद हाईकोर्ट नहीं भेजने का अनुरोध किया है. बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट ने कहा कि आरोपों में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट न भेजा जाए. हाई कोर्ट बार प्रेसिडेंट के अनुसार, कानून मंत्री ने आश्वस्त किया है कि जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट नहीं भेजने पर जल्द ही पुनर्विचार होगा.