शर्मिष्ठा पनोली को आज जमानत नहीं, राज्य सरकार को Case Diary लेकर आने के निर्देश... जानें सुनवाई के दौरान Calcutta HC ने आज क्या-कुछ कहा
सम्प्रदायिक टिप्पणियों के मामले में वीडियो अपलोड करने के मामले में शर्मिष्ठा पनोली को आज कलकत्ता हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. हाई कोर्ट ने आज शर्मिष्ठा को एड-इंटिम बेल देने से इंकार किया है. वहीं, राज्य सरकार को निर्देश दिया कि अगली सुनवाई में केस डायरी लेकर हाजिर रहे. साथ ही मामले की सुनवाई एक दिन के बाद रखी गई है. शर्मिष्ठा की याचिका पर सुनवाई कर रहे जस्टिस पार्थसारथी चटर्जी ने कहा कि वे इस मामले को आगे की सुनवाई के लिए वेकेशन बेंच के पास भेजेंगे. शर्मिष्ठा ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें कोर्ट ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था. बता दें कि शर्मिष्ठा के खिलाफ ऑपेशन सिंदूर के दौरान वीडियो बनाने को लेकर गिरफ्तार किया गया है. एफआईआर में वीडियो के जरिए भावनाओं को आहत करने का दावा किया गया है.
कलकत्ता हाई कोर्ट ने शर्मिष्ठा के वीडियो पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम सबको अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम दूसरों को आहत करने वाली बात कहे. हमारा देश विविधता से भरा है. हमे कुछ भी कहने से पहले सतर्क रहना चाहिए. साथ ही हाई कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि उस वीडियो के आधार पर शर्मिष्ठा के खिलाफ कोई दूसरी FIR नहीं होगी. कोर्ट ने जेल ऑथोरिटी से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि शर्मिष्ठा को बाकी कैदियों की तरह सभी सुविधाएं मिले. शर्मिष्ठा की ओर से वकील ने कहा कि उसके खिलाफ संज्ञेय अपराध का मामला नहीं बनता है. वांरट , गिरफ्तारी में उचित क़ानूनी प्रकिया का पालन नहीं कि या गया . नोटिस नहीं दिया. शर्मिष्ठा के वकील ने जमानत की मांग करते हुए कहा कि उसको लगातार धमकी दी गई, लोग उसके घर के बाहर तक पहुंच गए. धमकी को देखते हुए परिवार गुरुग्राम आ गया. उन्होंने फोन बंद कर लिए क्योंकि लगातार गंदे मैसेज आ रहे थे. उसे ADHD की दिक्कत है, जेल में रहना मुश्किल है.
वकील ने गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए अंतरिम राहत की मांग की. वहीं, राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने अंतरिम राहत का विरोध किया.
Also Read
- Rape के आरोपी को जमानत से किया इंकार, मनुस्मृति के श्लोक का जिक्र कर कर्नाटक HC ने सुनाया यह फैसला
- Delhi BMW Case: आरोपी गगनप्रीत कौर को Delhi Court ने दी सशर्त जमानत, जानें सुनवाई के दौरान क्या-कुछ हुआ
- कुड़मी आंदोलन के दौरान रेल पटरियों को बंद करना 'अवैध और असंवैधानिक', इसे जल्द से जल्द करें खाली: कलकत्ता हाई कोर्ट
कलकत्ता हाई कोर्ट ने अभी अंतरिम ज़मानत देने से इनकार करते हुए कहा कि अभी हमारे पास केस से जुड़े सारे तथ्य उपलब्ध नहीं है. केस डायरी नहीं है. अगर दो दिन बाद सुनवाई होती है तो कोई आसमान नहीं गिर जाएगा.