सपा विधायक नाहिद हसन को MP-MLA Court ने ठहराया दोषी, पीएम मोदी और बसपा सुप्रीमो के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी का मामला
उत्तर प्रदेश के शामली एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन को 2014 में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीएसपी नेता मायावती के बारे में अनुचित टिप्पणी करने का दोषी पाया. अदालत ने सपा विधायक पर 100 रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जुर्माना न भरने पर एक महीने की अतिरिक्त कैद की सजा का प्रावधान किया है.
सपा विधायक नाहिद हसन दोषी
शामली के एमपी-एमएलए कोर्ट ने कैराना से सपा विधायक नाहिद हसन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बसपा सुप्रीमो मायावती पर अशोभनीय टिप्पणी करने के मामले में दोषी पाया. कोर्ट ने 2014 के मामले में उन्हें 100 रुपए का अर्थदंड लगाया है. अदालत ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर विधायक जुर्माने की राशि भरने में असफल रहते हैं तो उन्हें एक जेल की सजा गुजारना पड़ेगा.
पीएम मोदी-मायावती के खिलाफ अशोभनीय भाषा
मामला 2014 के चुनाव का है, जब नाहिद हसन ने एक रैली के दौरान नरेंद्र मोदी और मायावती के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. अशोभनीय बयान के चलते 28 मार्च 2014 को शामली के सिटी कोतवाली के तत्कालीन हलका इंचार्ज ने मुकदमा दर्ज कराया था. सपा विधायक के खिलाफ यह मामला आईपीसी की धारा 171 (6) के तहत मुकदमा दर्ज किया था.
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क्या है आईपीसी की धारा 171 (F)
आईपीसी की धारा 171F, चुनाव में अनुचित प्रभाव या छद्मवेश धारण करने के लिए दंड का वर्णन किया गया है. इस अपराध के लिए दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों को एक वर्ष तक कारावास, जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है. इस विनियमन का उद्देश्य निष्पक्ष चुनावों से समझौता करने वाले जोड़-तोड़ वाले व्यवहारों को रोककर चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखना है.