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S Gurumurthy ने Justice S Muralidhar के खिलाफ किये ट्वीट, Contempt of Court के मामले में Delhi High Court ने किया बरी

Delhi HC Closes Contempt of Court Case of S Gurumurthy Tweeting Against Justices S Muralidhar

उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस एस मुरलीधर के खिलाफ ट्वीट करने की वजह से आरएसएस के एस गुरुमूर्ती के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला दर्ज हो गया था। दिल्ली उच्च न्यायालय के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस गौरांग कंठ की पीठ ने अब इस मामले को खत्म कर दिया है...

Written By Ananya Srivastava | Published : July 14, 2023 10:41 AM IST

नई दिल्ली: पत्रकार और आरएसएस विचारक एस गुरुमूर्ति (S Gurumurthy) के खिलाफ दायर कोर्ट की अवमानना (Contempt of Court) के मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने गुरुवार को खत्म कर दिया है।

दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और फिलहाल उड़ीसा उच्च न्यायालय (Orissa High Court) के मुख्य न्यायाधीश, जूसीके एस मुरलीधर (Justice S Muralidhar) के खिलाफ एस गुरुमूर्ति ने ट्वीट किये थे जिसकी वजह से मामला दर्ज किया गया था।

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने S Gurumurthy को किया बरी

जैसा कि हमने आपको अभी बताया, कोर्ट की अवमानना के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने एस गुरुमूर्ति को बरी कर दिया है और केस को खत्म कर दिया है। यह फैसला न्यायाधीश सिद्धार्थ मृदुल (Justice Siddharth Mridul) और न्यायाधीश गौरांग कंठ (Justice Gaurang Kanth) की पीठ ने सुनाया है।

एस गुरुमूर्ति ने दाखिल किया था माफीनामा

जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस गौरांग कंठ की पीठ ने एस गुरुमूर्ति को इसलिए बरी किया है क्योंकि उन्होंने एक लिखती माफीनामा दाखिल किया जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्हें इस बात पर गहरा पश्चाताप हुआ है और वो माफी मांगना चाहते हैं।

जानें क्या था मामला

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मामला एक कथित ट्वीट से जुड़ा है जो गुरुमूर्ति द्वारा किया गया था जिसमें उन्होंने पूछा था कि क्या जस्टिस मुरलीधर पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) के जूनियर रहे हैं? इस ट्वीट को जस्टिस मुरलीधर की अध्यक्षता वाली पीठ ने नोटिस किया था और उन्होंने स्पष्ट किया था कि उन्होंने कभी पी चिदंबरम के जूनियर के रूप में काम नहीं किया है।

इतना ही नहीं, अदालत ने यह भी कहा था कि एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल और बार इस बात का फैसला करेंगे कि इस तरह के ट्वीट्स के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए या नहीं। इसी के चलते दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (DHCBA) ने 2018 में एस गुरुमूर्ति के खिलाफ आपराधिक अवमानना (Criminal Contempt) का मामला दर्ज किया था।

पाँच साल बाद, एस गुरुमूर्ति की माफी के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले को खत्म कर दिया है।