Advertisement

फिजियोथेरेपी की डिग्री MBBS के बराबर है या नहीं? इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुनाया अपना फैसला, कही ये बात

इलाहाबाद हाई कोर्ट

याचिका खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद के लिए चयन प्रक्रिया में शामिल महिला की उम्मीदवारी खारिज होने से संबंधित थी. इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट को यह तय करना था कि फिजियोथेरेपी की डिग्री एमबीबीएस के बराबर है या नहीं.

Written By Satyam Kumar | Published : July 10, 2025 11:41 AM IST

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि वह अपने असाधारण न्याय क्षेत्र के तहत यह निर्धारित नहीं कर सकता कि फिजियोथैरेपी में डिग्री एमबीबीएस की डिग्री के समक्ष है या नहीं, यह तय करना राज्य सरकार का काम है. संध्या यादव नामक एक महिला की याचिका खारिज करते हुए जस्टिस अजित कुमार ने कहा कि फिजियोथैरेपी में ऐसी डिग्री एमबीबीएस की डिग्री के समक्ष है या नहीं, यह तय करना राज्य सरकार का काम है.

यह मामला खाद्य सुरक्षा अधिकारी की बहाली से जुड़ा है. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 14 जुलाई, 2024 को एक एड निकाला जिसमें खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किया जिसके लिए कुछ योग्यता निर्धारित की गई. याचिकाकर्ता आयोग की लिखित परीक्षा में शामिल हुई और परीक्षा उत्तीर्ण की और उसे इंटरव्यू के लिए कॉल लेटर’ जारी किया गया. हालांकि, जब याचिकाकर्ता इंटरव्यू के लिए आयोग पहुंची तो उसे इंटरव्यू में शामिल नहीं होने दिया गया. अंतिम परिणाम 29 जनवरी, 2025 को घोषित कर दिया गया और याचिकाकर्ता की उम्मीदवारी खारिज कर दी गई जिसके बाद उसने हाई कोर्ट में याचिका दायर की.

Advertisement

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने नियमों के तहत उल्लिखित योग्यता के समकक्ष किसी अन्य योग्यता को अधिसूचित नहीं किया है और नियुक्ति अधिकारी से प्राप्त सूचना के आधार पर आयोग ने निष्कर्ष निकाला कि फिजियोथैरेपी में स्नातक की डिग्री को मेडिसिन’ में डिग्री नहीं माना जाएगा जो खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद के लिए आवश्यक योग्यता है.

Also Read

More News

इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि जब तक राज्य सरकार या नियुक्ति अधिकारी ऐसी डिग्री को सेवा नियमों के तहत अकादमिक योग्यता के तौर पर आवश्यक नहीं मानता, तब तक यह अदालत उस अधिकारी को इस डिग्री को योग्यता के तौर पर एमबीबीएस की डिग्री के समान विचार करने के लिए निर्देश नहीं देगा. उक्त टिप्पणी के साथ हाई कोर्ट ने महिला की याचिका खारिज कर दी है.

Advertisement

(खबर एजेंसी इनपुट से है)