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Parliament Debate : 12 घंटे की बहस के बाद पास हुआ Waqf Bill, समर्थन में 288 तो विरोध में 232 वोट पड़े

Waqf amendment bill 2024

Waqf Amendment Bill 2024: स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा में बहस के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया है. वहीं, बिल पर बहस के लिए सत्ताधारी गठबंधन को 4 घंटे 40 मिनट का समय दिया गया है.

Written By Satyam Kumar | Published : April 2, 2025 10:30 AM IST

देर रात साढ़े बजे के करीब वक्फ संशोधन बिल को लोकसभा से पारित कर दिया गया है. वक्फ बिल के समर्थन में 288 वोट पड़े हैं, वहीं इस बिल के विरोध में 232 वोट पड़े हैं. लोकसभा से बिल पारित होने के बाद इसे आज राज्यसभा में लाया जाएगा. फाइनल वोटिंग से पहले अससुद्दीन ओवैसी ने बिल को फाड़ दिया, मौजूद सपा एमपी जिया उर्र रहमान ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि क्यों सरकार मुस्लिमों का भला करना चाहती है, जबकि उनके पास एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है.

गृहमंत्री ने दुष्प्रचार से जताई आपत्ति

वक्फ बिल संशोधन अधिनियम सदन के पटल पर रखा जा चुका है. बिल को लेकर बारी-बारी से सदन के सदस्य बारी-बारी से अपनी बात कह रहे हैं. इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने भी वक्फ बिल को लेकर अपना संबोधन दिया. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह से भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं तो मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि वक्फ मुस्लिम भाइयों की धार्मिक क्रिया-क्लाप और उनके बनाए हुए दान से ट्रस्ट है... उसमें सरकार कोई दखल नहीं देना चाहती है. मुतवल्ली भी उनका होगा, वाकिफ भी उनका होगा, वक्फ भी उनका होगा.

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सपा के अगले 25 साल अध्यक्ष रहेंगे अखिलेश यादव: गृहमंत्री अमित शाह

सदन के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव की बोलने के बारी आई, उन्होंने अध्यक्ष ओम बिरला के माध्यम से सदन को कहा कि महोदय, जो पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है, वह अब तक अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं ढूंढ़ पाई है. इस पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जबाव दिया. गृहमंत्री ने कहा कि महोदय, हमारी पार्टी में 12 करोड़ सदस्य है, जिनमें से हमे राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनना है. वहीं, अखिलेश जी को पांच सदस्यों में से किसी को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनना है. मैं कहता हूं कि आप (अखिलेश यादव) अगले 25 वर्ष तक अपनी पार्टी के अध्यक्ष रहेंगे.

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वक्फ बिल पर बहस

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 बुधवार को निचले सदन लोकसभा में पेश होगा. इस पर चर्चा के लिए स्पीकर ओम बिरला ने 8 घंटे का समय निर्धारित किया है. बिल पर बहस के लिए सत्ताधारी गठबंधन को 4 घंटे 40 मिनट का समय दिया गया है. राज्यसभा में इस विधेयक पर बृहस्पतिवार को चर्चा होने की उम्मीद है तथा दोनों सदनों को प्रस्तावित कानून पर बहस के लिए आठ-आठ घंटे का समय आवंटित किया गया है. वक्फ अधिनियम, 1995 में पहली बार संशोधन नहीं किया जा रहा है. इस कानून में 2013 में यूपीए की सरकार के समय भी संशोधन हुए थे.

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विपक्ष का लोकसभा में नंबर

लोकसभा में एनडीए के पास 293 सांसद है. इंडिया गठबंधन के पास 235 सांसद है. बहुमत का नंबर 273 है. विपक्ष अब तक इस जुगत में है कि अगर टीडीपी (16 सांसद) और जदयू (12 सांसद) अपना वक्फ बोर्ड पर समर्थन वापस लेंले, तो कुछ मजबूत विरोध दिखा सकें.

सरकार का राज्यसभा में नंबर

राज्यसभा में कुछ सीटें 245 हैं. बहुमत के लिए 123 सीटें चाहिए. इसमें कुछ सीटें अभी खाली भीं है. इसमें एनडीए के पास 112 सीटें है. 96 सीट बीजेपी के पास खुद है. वहीं, एक निर्दलीय और छह मनोनीत सदस्यों का समर्थन भी प्राप्त है.

बीएचसी बैठक में बनी सहमति

केंद्रीय अल्पसंख्यक और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संवाददाताओं से कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में सदन की कार्य मंत्रणा समिति (Business of the House Committee) की बैठक में इस विधेयक पर आठ घंटे की चर्चा के लिए सहमति बनी जिसे सदन की भावना के अनुरूप और बढ़ाया जा सकता है. बैठक में विधेयक को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी तकरार के प्रारंभिक संकेत तब दिखाई दिए जब विपक्षी गठबंधन इंडिया’ के सदस्यों ने बैठक से वॉकआउट किया और सरकार पर उनकी आवाज दबाने का आरोप लगाया है.

थ्री-लाइन व्हिप जारी

कांग्रेस ने मंगलवार को पार्टी के सभी लोकसभा सदस्यों को व्हिप जारी कर अगले तीन दिनों तक सदन में उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस ने तीन पंक्ति का व्हिप तब जारी किया, जब सरकार ने स्पष्ट किया कि विवादास्पद वक्फ (संशोधन) विधेयक बुधवार को चर्चा और पारित कराने के लिए लोकसभा में लाया जाएगा. लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के मुख्य सचेतक के. सुरेश ने जारी किया है.

बिल पर बहस के समय

लोकसभा में बहस के लिए भाजपा, कांग्रेस, जदयू, टीडीपी समेत पार्टियों ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दिया है. मंगलवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दोहराया कि सरकार बिल पर चर्चा चाहती है और इस पर सभी राजनीतिक दलों को बोलने का अधिकार है. देश भी जानना चाहता है कि किस पार्टी का क्या स्टैंड है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर विपक्ष चर्चा में शामिल नहीं होना चाहता तो ऐसा रोकने से उन्हें कोई रोक भी नहीं सकता.

विपक्ष ने संसद भवन में की बैठक

विपक्षी दलों ने संसद भवन में बैठक की, जिसमें इस विवादास्पद विधेयक को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई. बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल, समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव, राकांपा नेता सुप्रिया सुले, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी और आप के संजय सिंह शामिल हुए. बैठक में द्रमुक के टी आर बालू, तिरुचि शिवा और कनिमोई, राजद के मनोज कुमार झा, माकपा के जॉन ब्रिटास, भाकपा के संदोष कुमार पी, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन और वाइको भी उपस्थित थे.

2013 में भी हुए थे बदलाव

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के उद्देश्यों और कारणों के विवरण में कहा गया है कि वर्ष 2013 में अधिनियम में व्यापक संशोधन किए गए थे. संशोधनों के बावजूद, यह देखा गया है कि राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों, वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और सर्वेक्षण, अतिक्रमणों को हटाने, वक्फ की परिभाषा सहित संबंधित मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए अधिनियम में अब भी और सुधार की आवश्यकता है.  2013 में अधिनियम में संशोधन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राजिंदर सच्चर की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों और वक्फ और केंद्रीय वक्फ परिषद पर संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर और अन्य हितधारकों के साथ विस्तृत परामर्श के बाद किया गया था. विधेयक 2024 का एक प्रमुख उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 करना है.

महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी

बता दें, केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड एक्ट में करीब 40 बदलाव करना चाहती है. एक अहम बदलाव वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों का प्रवेश हो सकता है. इसका मकसद महिलाओं और अन्य मुस्लिम समुदाय की सहभागिता को बढ़ाना है. साथ ही नए बिल में बोर्ड पर सरकार का नियंत्रण बढ़ाया जा सकता है. विधेयक पर चर्चा और उसके बाद उसे मंजूरी मिलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार द्वारा निचले सदन में एनडीए की संख्यात्मक श्रेष्ठता का दावा करने के लिए शक्ति प्रदर्शन के अवसर के रूप में भी देखा जा रहा है.

लाइव अपडेट

7:52 PM IST 2 APR

केरल से आईयूएमएल (IUML) सांसद ईटी मोहम्मद बशीर गृह मंत्री अमित शाह के भाषण से नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने भी इस बिल का विरोध किया है.

7:39 PM IST 2 APR

वक्फ का अर्थ क्या? लोकसभा में बोले अमित शाह ने बताया

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वक्फ एक अरबी शब्द है. वक्फ का इतिहास कुछ हदीसों से जुड़ा हुआ मिलता है और आज कल जिस अर्थ में वक्फ का प्रयोग किया जाता है, इसका अर्थ है अल्लाह के नाम पर संपत्ति का दान... पवित्र धार्मिक उद्देश्यों के लिए संपत्ति का दान.

वक्फ का समकालीन अर्थ, इस्लाम के दूसरे खलीफा उमर के समय स्तित्व में आया। एक प्रकार से आज की भाषा में व्याख्या करें तो वक्फ एक प्रकार का charitable enrollment है. जहां एक व्यक्ति संपत्ति, भूमि धार्मिक और सामाजिक भलाई के लिए दान करता है, बिना उसको वापिस लेने के उद्देश्य से.

इसमें जो दान देता है उसका बहुत महत्व है. दान उस चीज का ही किया जा सकता है जो हमारा है, सरकारी संपत्ति का दान मैं नहीं कर सकता, किसी और की संपत्ति का दान मैं नहीं कर सकता.

ये जो भ्रम खड़ा किया जा रहा है कि यह एक्ट मुस्लिम भाइयों के धार्मिक क्रियाकलापों के अंदर उनकी दान की हुई संपत्ति के अंदर दखल करने का है... ये बहुत बड़ी भ्रांति फैलाकर माइनोरिटी को डराकर अपनी वोटबैंक खड़ी करने के लिए किया जा रहा है.

वक्फ का कानून दान के लिए किसी द्वारा दी हुई संपत्ति, उसका एडमिनिस्ट्रेशन अच्छे से चल रहा है या नहीं, कानून के हिसाब से चल रहा है या नहीं... या तो दान जिस चीज के लिए दिया जा रहा है, इस्लाम धर्म के लिए दिया है, गरीबों के उद्धार के लिए दिया गया है... उसके उद्देश्य के लिए उपयोग हो रहा है या नहीं हो रहा है ... इसको रेगुलेट करने का काम है, जो भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं तो मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि वक्फ मुस्लिम भाइयों की धार्मिक क्रिया-क्लाप और उनके बनाए हुए दान से ट्रस्ट है... उसमें सरकार कोई दखल नहीं देना चाहती है. मुतवल्ली भी उनका होगा, वाकिफ भी उनका होगा, वक्फ भी उनका होगा.

अमित शाह ने कहा कि ये पैसा देश के गरीब मुसलमानों का है, ये धन्नासेठों की चोरी के लिए नहीं है. 2001-12 के बीच दो लाख करोड़ की वक्फ की संपत्ति निजी संस्थानों को सौ साल की लीज पर ट्रांसफर कर दी गई. बेंगलुरु में उच्च न्यायालय को बीच में पड़ना पड़ा और 602 एकड़ भूमि को जब्त करने से रोकना पड़ा.

7:39 PM IST 2 APR

वक्फ का अर्थ क्या? लोकसभा में बोले अमित शाह ने बताया

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वक्फ एक अरबी शब्द है. वक्फ का इतिहास कुछ हदीसों से जुड़ा हुआ मिलता है और आज कल जिस अर्थ में वक्फ का प्रयोग किया जाता है, इसका अर्थ है अल्लाह के नाम पर संपत्ति का दान... पवित्र धार्मिक उद्देश्यों के लिए संपत्ति का दान.

वक्फ का समकालीन अर्थ, इस्लाम के दूसरे खलीफा उमर के समय स्तित्व में आया। एक प्रकार से आज की भाषा में व्याख्या करें तो वक्फ एक प्रकार का charitable enrollment है. जहां एक व्यक्ति संपत्ति, भूमि धार्मिक और सामाजिक भलाई के लिए दान करता है, बिना उसको वापिस लेने के उद्देश्य से.

इसमें जो दान देता है उसका बहुत महत्व है. दान उस चीज का ही किया जा सकता है जो हमारा है, सरकारी संपत्ति का दान मैं नहीं कर सकता, किसी और की संपत्ति का दान मैं नहीं कर सकता.

ये जो भ्रम खड़ा किया जा रहा है कि यह एक्ट मुस्लिम भाइयों के धार्मिक क्रियाकलापों के अंदर उनकी दान की हुई संपत्ति के अंदर दखल करने का है... ये बहुत बड़ी भ्रांति फैलाकर माइनोरिटी को डराकर अपनी वोटबैंक खड़ी करने के लिए किया जा रहा है.

वक्फ का कानून दान के लिए किसी द्वारा दी हुई संपत्ति, उसका एडमिनिस्ट्रेशन अच्छे से चल रहा है या नहीं, कानून के हिसाब से चल रहा है या नहीं... या तो दान जिस चीज के लिए दिया जा रहा है, इस्लाम धर्म के लिए दिया है, गरीबों के उद्धार के लिए दिया गया है... उसके उद्देश्य के लिए उपयोग हो रहा है या नहीं हो रहा है ... इसको रेगुलेट करने का काम है, जो भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं तो मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि वक्फ मुस्लिम भाइयों की धार्मिक क्रिया-क्लाप और उनके बनाए हुए दान से ट्रस्ट है... उसमें सरकार कोई दखल नहीं देना चाहती है. मुतवल्ली भी उनका होगा, वाकिफ भी उनका होगा, वक्फ भी उनका होगा.

अमित शाह ने कहा कि ये पैसा देश के गरीब मुसलमानों का है, ये धन्नासेठों की चोरी के लिए नहीं है. 2001-12 के बीच दो लाख करोड़ की वक्फ की संपत्ति निजी संस्थानों को सौ साल की लीज पर ट्रांसफर कर दी गई. बेंगलुरु में उच्च न्यायालय को बीच में पड़ना पड़ा और 602 एकड़ भूमि को जब्त करने से रोकना पड़ा.

7:33 PM IST 2 APR

सीपीआई (एम) ने वक्फ बिला किया विरोध


केरल से सीपीआई(एम) सांसद के राधाकृष्णन ने वक्फ बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह विधेयक गरीब या महिला मुसलमानों के लिए नहीं है. मुस्लिम समुदाय हमारा दुश्मन नहीं है, लेकिन सरकार का उद्देश्य हिंदुओं के सामने उन्हें इस तरह पेश करना है. अगर वे वाकई मुसलमानों में गरीबों की मदद करना चाहते हैं, तो उन्हें मुस्लिम छात्रों के लिए कटी हुई छात्रवृत्ति को फिर से शुरू करना चाहिए. छात्रवृत्ति की राशि हर साल कम होती जा रही है. इसलिए सीपीआई(एम) विधेयक का विरोध कर रही है. सीपीआई (एम) सासंद ने आगे कहा कि केरल में देवस्वोम बोर्ड हैं. जब देवस्वोम बोर्ड के एक सदस्य का नाम ईसाई था, तो इस बात पर बहुत हंगामा हुआ कि हिंदू मंदिरों को केवल हिंदुओं को दिया जाना चाहिए. हर समुदाय को खुद की मदद करने का अवसर दिया जाना चाहिए.

7:29 PM IST 2 APR

राजद ने किया विरोध

राष्ट्रीय जनता दल के सांसद सुधाकर सिंह अपनी पार्टी की ओर से विधेयक का विरोध किया. सांसद ने कहा कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड और लोकतांत्रिक तथा संवैधानिक सिद्धांतों तथा अधिकारों को कमजोर करता है. इस सरकार की नजर मुसलमानों की जमीन पर है. राजद सांसद ने आगे कहा कि कल वे मंदिरों की जमीन पर नजर गड़ाएंगे.

7:28 PM IST 2 APR

NCP(SP) ने वक्फ बिल का विरोध किया

एनसीपी (शरतचंद्र पवार-एसपी) सांसद नीलेश लंके ने कहा कि बिल पेश करने के पीछे बीजेपी का कोई छिपा हुआ मकसद है. यह मुस्लिम समुदाय के उत्थान के लिए नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि वे छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेते हैं, लेकिन वे भूल जाते हैं कि वे एक धर्मनिरपेक्ष नेता थे. मैं अनुरोध करूंगा कि बिल पर विचार करते समय हम शिवाजी के सर्व समावेशी दृष्टिकोण ध्यान में रखें.

7:26 PM IST 2 APR

लोजपा ने वक्फ बिल को समर्थन दिया

बिहार से एलजेपी सांसद अरुण भारती ने कहा, "मैं अपनी पार्टी की ओर से इस विधेयक का समर्थन करता हूं."

वहीं, उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि मुस्लिम लोगों को डरा रहा है, लेकिन वे वास्तविक मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहते क्योंकि इससे उन्हें राजनीतिक रूप से कोई फायदा नहीं होगा.

लोजपा सांसद ने कहा कि ये अन्य देशों की बात करते हैं जिन्होंने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए कानून बनाए हैं. भारत को भी सक्रिय होना चाहिए और मुस्लिम समुदाय के पिछड़े और कमजोर वर्गों को आगे लाना चाहिए.

7:23 PM IST 2 APR

वक्फ बिल पर क्या बोले भाजपा सांसद अनुराग सिंह ठाकुर

सासंद अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि यह विधेयक नहीं, उम्मीद है. इस विधेयक का समर्थन कई संगठन और लोग कर रहे हैं, जिनमें ईसाई और कुछ मुस्लिम संगठन भी शामिल हैं. वक्फ व्यवस्था भ्रष्टाचार पर आधारित रही है। इसे खत्म करने का समय आ गया है. भारत को वक्फ के आतंक से मुक्ति चाहिए.

7:19 PM IST 2 APR

शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ने वक्फ बिल पर दिया समर्थन

शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि मैं शिवसेना (यूबीटी) से पूछता हूं कि अगर बालासाहेब यहां होते तो क्या वे वह भाषण दे पाते?... यह एक ऐतिहासिक विधेयक है और इससे मुस्लिम समुदाय को राहत मिलेगी और उनका उत्थान होगा. उनका विरोध सिर्फ अपने कुकृत्यों को छिपाने के लिए है. वक्फ संपत्तियों के नाम पर जो लूट-खसोट हुई है, उसका खुलासा हो रहा है. अब उसे जब्त किया जाएगा और उनकी करतूतें सामने आएंगी.

7:17 PM IST 2 APR

उद्धव ठाकरे गुट ने वक्फ बिल का विरोध किया

शिवसेना (UBT) के सांसद अरविंद गणपत सावंत का कहना है कि वे भी जेपीसी का हिस्सा थे, लेकिन जैसा दावा किया गया था इस पर कोई क्लॉ-बाई-क्लॉज चर्चा नहीं हुई.

सावंत ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) वक्फ बोर्ड में मुसलमानों को अल्पसंख्यक नहीं बनने देगी. उनका कहना है कि सरकार इसे हिंदू मंदिर बोर्ड और ईसाई तथा सिख ट्रस्टों तक बढ़ा सकती है. सावंत का आरोप है कि यह विधेयक आगामी बिहार चुनावों को प्रभावित करने के लिए लाया जा रहा है. वक्फ बिल का विरोध करते हुए सासंद ने कहा कि आप इस विधेयक को लाकर किसी को न्याय नहीं देना चाहते.