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Waqf Act 2025 के विरोध में मुर्शिदाबाद में छिड़ी हिंसा, अब तक तीन लोगों की मौत... Calcutta HC ने ममता सरकार से मांगा जबाव

कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को तय करते हुए ममता सरकार और केंद्र सरकार दोनों को स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

Written By Satyam Kumar | Published : April 14, 2025 10:42 AM IST

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध प्रदर्शन के दौरान व्यापक हिंसा देखने को मिली, जिसमे अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है. घटना की गंभीरता को देखते हुए पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय बलों की तैनाती और एनआईए जांच की मांग करते हुए एक जनहित याचिका दायर की. याचिका में राज्य में, विशेष रूप से मुर्शिदाबाद जिले में व्यापक हिंसा का हवाला दिया गया है.रिपोर्टों के अनुसार, पश्चिम बंगाल के कई जिले इस हिंसा से प्रभावित हुए हैं, जिनमें मुर्शिदाबाद, अमताला (दक्षिण 24 परगना), उत्तर 24 परगना, चंपादानी (हुगली), धुलियान और जंगीपुर (मुर्शिदाबाद) और कोलकाता के कुछ हिस्से शामिल हैं.

केन्द्रीय बलों की तैनाती के आदेश

बीजेपी नेता द्वारा दायर जनहित याचिका पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने तुरंत केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को निर्धारित करते हुए हाई कोर्ट ने ममता सरकार और केंद्र सरकार दोनों को स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

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सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि संवैधानिक न्यायालय मूकदर्शक बनकर तकनीकी बचाव में खुद को उलझाए नहीं रख सकते हैं, जब लोगों की सुरक्षा खतरे में हो. प्रत्येक नागरिक को जीवन का अधिकार है और यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह सुनिश्चित करे कि प्रत्येक नागरिक का जीवन और संपत्ति सुरक्षित रहे. यह निर्विवाद है कि पश्चिम बंगाल राज्य में विभिन्न भागों में समुदायों के बीच हिंसा की लगातार घटनाएं हुई हैं और आज तक व्याप्त अशांत स्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. यद्यपि हमने राज्य के रुख पर गौर किया है कि राज्य विभिन्न समुदायों के बीच शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन अब तक उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं लगते हैं. स्थिति गंभीर और अस्थिर है. निर्दोष नागरिकों पर किए गए अत्याचारों को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

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याचिका में दावा किया गया कि जंगीपुर और धुलियान में दो समुदायों के बीच हिंसा बढ़ने और राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बहाल करने तथा सांप्रदायिक सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय पुलिस बल की तैनाती जरूरी है. विभिन्न समाचार रिपोर्टों से पता चलता है कि हाल ही में जिला प्रशासन ने मुर्शिदाबाद के जंगीपुर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की मदद से सामान्य स्थिति बहाल किया था, इसे लेकर याचिकाकर्ता ने दावा किया कि हिंसा के बढ़ने और जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए बीएसएफ या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की जरूरत पड़ेगी. बीजेपी नेता ने  दावा किया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 355 व सातवीं अनुसूची की सूची 1 की प्रविष्टि 2ए के अनुसार, केन्द्र सरकार को किसी भी राज्य में कानून व्यवस्था लागू करने में प्रशासन की सहायता के लिए सेना तैनात करने का अधिकार है.

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हाई कोर्ट ने आगे कहा कि केंद्रीय सशस्त्र बलों की पहले से तैनाती से स्थिति को कम किया जा सकता था, क्योंकि ऐसा लगता है कि समय रहते पर्याप्त उपाय नहीं किए गए. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 355 को एक सक्षम प्रावधान के रूप में पढ़ा जाना चाहिए, जिसमें भारत संघ पर यह दायित्व डाला गया है कि राज्य को आंतरिक अशांति से असुविधा न हो, भले ही राज्य ने ऐसी स्थिति को कम करने का प्रयास किया हो. हम विभिन्न रिपोर्टों को अनदेखा नहीं कर सकते हैं जो सामने आई हैं, जो प्रथम दृष्टया पश्चिम बंगाल राज्य के कुछ जिलों में बर्बरता दिखाती हैं. अर्धसैनिक बलों या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती का उद्देश्य केवल राज्य प्रशासन को इस राज्य में आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सुविधा प्रदान करना है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने प्रभावित क्षेत्र में केन्द्रीय बलों की तैनाती के आदेश दिए हैं.

बता दें कि सातवीं अनुसूची की सूची 1, केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र को परिभाषित करती है, जिसमें कानून और व्यवस्था बनाए रखना भी शामिल है. अनुच्छेद 355 राज्य सरकारों को कानून और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी देता है, लेकिन केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करने का अधिकार देता है यदि राज्य सरकार ऐसा करने में असमर्थ हो.

बंगाल पुलिस ने दी प्रतिक्रिया

मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस ने 150 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है.इस हिंसा के दौरान तीन लोगों की मौत हुई है. बंगाल पुलिस ने सुती से 71 और समसेरगंज से 67 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वर्तमान स्थिति का जायजा लेने के बाद जंगीपुर एसपी आनंद रॉय ने बताया कि हालात में लगातार सुधार हो रहा है. उन्होंने लोगो से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है.