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शिवाजी महाराज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में पूर्व पत्रकार प्रशांत कोरटकर को Court ने न्यायिक हिरासत में भेजा

Prashant Kortakar

प्रशांत कोराटकर को छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके पुत्र छत्रपति संभाजी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. यह आरोप एक ऑडियो वार्तालाप पर आधारित है जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

Written By Satyam Kumar | Published : March 31, 2025 12:05 PM IST

कोल्हापुर की एक सत्र अदालत ने पूर्व पत्रकार प्रशांत कोरटकर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पत्रकार पर छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके पुत्र छत्रपति संभाजी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का उपयोग करने का आरोप है. कोरटकड़, जो नागपुर के निवासी हैं, को 24 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. कोरटकर को रविवार के दिन उनकी पुलिस हिरासत पूरे होने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश किया गया. चूंकि पुलिस ने उनकी आगे की हिरासत के लिए कोई अनुरोध नहीं किया, अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया.

जेल में मिलेगा अलग सेल

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कोरटकर को कोल्हापुर के कालंबा जेल में सुरक्षा कारणों से एक अलग सेल में रखा जाएगा. अधिकारियों ने यह निर्णय भी लिया कि कोरटकड़ को अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया जाएगा, क्योंकि 24 मार्च को अदालत परिसर से ले जाते समय उन्हें चोट पहुंचाने के प्रयास किए गए थे. इसके अलावा, 28 मार्च को एक वकील ने उनके खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया, हालांकि पुलिस के अनुसार, इस दौरान कोई शारीरिक हमला नहीं हुआ.

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दो समूहों में नफरन फैलाने का आरोप

पूर्व पत्रकार प्रशांत कोरटकर को 24 मार्च को तेलंगाना से गिरफ्तार किया गया था. उनके खिलाफ मामला 26 फरवरी को उस समय दर्ज किया गया था जब उनके और कोल्हापुर के इतिहासकार इंद्रजीत सावंत के बीच एक ऑडियो बातचीत वायरल हुई. कोरटकड़ पर आरोप है कि उन्होंने इस बातचीत के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं, जिसे सावंत ने सोशल मीडिया पर साझा किया. इस ऑडियो के सार्वजनिक होने के बाद व्यापक जनाक्रोश उत्पन्न हुआ और उनकी गिरफ्तारी की मांग की गई. पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) भारतीय न्याय संहिता के तहत दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने समूहों के बीच नफरत या दुश्मनी को बढ़ावा दिया.

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फोन हैक कर लिया गया...

पहले, एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने 1 मार्च तक प्रशांत कोरटकर को गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी, जिसके बाद कोल्हापुर पुलिस ने बॉम्बे हाई कोर्ट में इस अंतरिम सुरक्षा को रद्द करने की मांग की. हाई कोर्ट ने फिर कोल्हापुर सत्र अदालत से मामले की सुनवाई करने के लिए कहा. 18 मार्च को, कोल्हापुर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने प्रशांत कोरटकर की anticipatory bail याचिका खारिज कर दी. प्रशांत कोरटकर ने इस याचिका में दावा किया था कि उनका फोन हैक कर लिया गया था और ऑडियो को छेड़छाड़ किया गया था. कोरटकर ने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने एक सार्वजनिक रूप से माफी मांगी. यह पूरी घटना न केवल कोरटकर के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई है. इस मामले ने छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी के प्रति सम्मान और उनके विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणियों के प्रति संवेदनशीलता को उजागर किया है.

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