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'अप्रैल आखिर तक Bombay HC की नई इमारत के लिए पूरी जमीन सौंप दी जाएगी', महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया

राज्य के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करते हुए कहा कि 4.09 एकड़ में से 1.94 एकड़ भूमि पहले ही आवंटित की जा चुकी है और शेष 2.15 एकड़ भूमि इस महीने के अंत तक सौंप दी जाएगी.

Written By Satyam Kumar | Published : April 9, 2025 8:41 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नई इमारत और भूमि से संबंधित 21 जनहित याचिकाओं को वापस उच्च न्यायालय में ट्रांसफर किया है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि इस मामले से संबंधित सभी याचिकाएं और मामले केवल हाई कोर्ट द्वारा ही सुने जाएंगे. आज सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम को अवगत कराया कि बांद्रा में बम्बई हाई कोर्ट के नये भवन के निर्माण के लिए 30 अप्रैल तक अतिरिक्त जमीन सौंप दिया जाएगा.

महाराष्ट्र सरकार ने मांगी मोहलत

राज्य सरकार ने जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ को सूचित किया कि अगले चरण में 4.09 एकड़ भूमि 31 मार्च तक सौंपी जानी थी. अब इसे लेकर राज्य के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने कहा कि 4.09 एकड़ में से 1.94 एकड़ भूमि पहले ही आवंटित की जा चुकी है और शेष 2.15 एकड़ भूमि इस महीने के अंत तक सौंप दी जाएगी. राज्य के महाधिवक्ता ने कहा कि हम अनुरोध कर रहे हैं कि हमें शेष 2.15 एकड़ भूमि सौंपने के लिए अप्रैल के अंत तक का समय दिया जाए. आज तक हमने 11.58 एकड़ भूमि सौंप दी है.

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क्या है मामला?

बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट को नए भवन और अतिरिक्त भूमि आवंटन के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. यह मामला इस बात को लेकर है कि कैसे मुंबई में एक नया हाई कोर्ट परिसर बनाया जाएगा. 16 जनवरी को, राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि नए भवन के निर्माण के लिए भूमि पूजन समारोह 23 सितंबर 2024 को किया गया था. वहीं, पिछले वर्ष अक्टूबर में, राज्य सरकार ने कुल 30.16 एकड़ भूमि को हाई कोर्ट को चरणबद्ध तरीके से सौंपने की बात कहीं थी.

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सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल 2024 को बॉम्बे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नितिन ठाकरे और अन्य बार नेताओं द्वारा भेजे गए पत्र पर ध्यान दिया, जिसमें बॉम्बे हाई कोर्ट के लिए आवास की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया था. पत्र में नए हाई कोर्ट परिसर की आवश्यकता सुरक्षा उठाई गई.

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बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट महाराष्ट्र पर न्यायिक अधिकार क्षेत्र रखता है, जिसमें मुंबई में मुख्य सीट और नागपुर, और औरंगाबाद और गोवा में बेंच शामिल हैं. बॉम्बे हाई कोर्ट में 94 न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या है. यह संख्या न्यायपालिका की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए आवश्यक है, ताकि सभी मामलों का समय पर निपटारा किया जा सके. यह दादरा और नगर हवेली और दमण और दीव जैसे संघ शासित क्षेत्रों पर भी न्यायिक अधिकार रखता है. बॉम्बे हाई कोर्ट की स्थापना 16 अगस्त 1862 को हुआ था और यह वर्तमान में फ्लोरा फाउंटेन (हुतात्मा चौक) के पास एक भव्य भवन में स्थित है, जिसे कोर्ट ने नवंबर 1878 से अपने अधिकार में रखा है. यह भवन अब 150 वर्ष पुराना हो चुका है, और इसकी संरचना और सुविधाएं अब आधुनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ हैं. प्रस्तावित नया परिसर बांद्रा, मुंबई में होगा, जिसमें अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए और विशाल कोर्ट रूम, न्यायाधीशों और रजिस्ट्रार कर्मचारियों के लिए चैंबर, एक मध्यस्थता और सुलह केंद्र, एक ऑडिटोरियम, एक पुस्तकालय, और कर्मचारियों, वकीलों और याचिकाकर्ताओं के लिए कई सुविधाएं शामिल होंगी.