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प्रेमिका की हत्या मामले में फरार IB Officer की मुश्किलें बढ़ी, Kerala HC ने अग्रिम जमानत देने से किया इंकार

kerala HC

आईबी ऑफिसर पर 24 वर्षीय प्रेमिका और सहकर्मी की आत्महत्या में भूमिका निभाने का आरोप है. इसी फैक्ट को ध्यान में रखते हुए केरल हाई कोर्ट ने सोमवार को इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) अधिकारी सुकंठ सुरेश की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की.

Written By Satyam Kumar | Published : May 26, 2025 12:44 PM IST

केरल हाई कोर्ट ने आईबी अधिकारी (IB Officer) सुकंत सुरेश की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की. सुरेश 24 मार्च से फरार है, जब महिला अधिकारी ने तिरुवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अपनी रात की ड्यूटी पूरी करने के बाद एक तेज गति वाली ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी थी. हाई कोर्ट ने कहा कि अब तक मिले सबूतों से संकेत मिलता है कि उसने मृतका का भावनात्मक, शारीरिक और आर्थिक शोषण किया था.

सोमवार को, अदालत ने सुरेश की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिका दाखिल किए जाने के बाद लगभग दो महीने बीत गए हैं, लेकिन पुलिस उन्हें पकड़ने में असमर्थ रही है. अदालत ने सवाल किया कि क्या पुलिस उनकी गिरफ्तारी में रुचि नहीं रखती है. हाई कोर्ट ने आगे पूछा कि क्या इस कार्रवाई की कमी का कारण यह है कि सुरेश एक IB अधिकारी हैं. अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि इन आधुनिक समयों में कोई व्यक्ति कितनी देर तक फरार रह सकता है? अगर वह इंटेलिजेंस ब्यूरो में काम कर रहा है, तो क्या यह उसे गिरफ्तारी से बचाता है?

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वहीं, पिछले सप्ताह मृतका के परिवार के सदस्यों ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से मुलाकात की और अपनी चिंताओं को व्यक्त किया कि पुलिस ने अभी तक सुरेश को गिरफ्तार नहीं किया है. मृतका के पिता ने बाद में मीडिया से कहा कि शायद सुरेश को गिरफ्तार नहीं किया गया क्योंकि उनके सत्ताधारी पार्टी से करीबी संबंध हैं.

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मृतका के माता-पिता ने बताया कि उनकी बेटी सुरेश के काफी करीब थी, जो कोचिन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर काम कर रहा था. यह पता चला कि वह अपनी सैलरी का एक हिस्सा सुरेश को ट्रांसफर करती थी. जब उनकी बेटी की मौत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की, तब यह भी सामने आया कि आत्महत्या से कुछ सेकंड पहले वह सुरेश से बात कर रही थी. पुलिस जांच टीम को मृतका के पिता द्वारा यह जानकारी दी गई कि उनकी बेटी ने पिछले वर्ष गर्भपात कराया था.

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वहीं, केरल हाई कोर्ट ने आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इंकार करते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी है.