भले ही कितना कुख्यात अपराधी हो! जांच के बहाने पुलिस उसके घर में जबरदस्ती नहीं घुस सकती: केरल हाई कोर्ट
क्या पुलिस आपके घर में घुस सकती है? क्या पुलिस आपके घर में बिना वारंट घुस सकती है? क्या पुलिस रात में किसी अपराधी के घर में जबरन घुस सकती है? एक शख्स की इसी समस्या से जुड़ी याचिका पर केरल हाई कोर्ट के इस फैसले ने ऊपर के सभी सवालों का जवाब दिया है. दूसरे शब्दों में केरल हाई कोर्ट के इस फैसले से इन सभी सवालों के जबाव मिल जाएंगे.
केरल हाई कोर्ट में जस्टिस वीजी अरुण ने यह फैसला एक व्यक्ति की याचिका पर सुनाया, जिस पर आरोप है कि उसने पुलिस अधिकारियों को तब अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोका, जब पुलिस ने उसे कुख्यात अपराधियों से जुड़ी जांच के दौरान देर रात घर से बाहर आने को कहा था. केरल हाई कोर्ट ने कहा है कि पुलिस को जांच की आड़ में संदिग्ध व्यक्तियों अथवा कुख्यात अपराधियों के दरवाजे खटखटाने या रात में उनके घरों में घुसने का कोई अधिकार नहीं है.
याचिका स्वीकार करते हुए अदालत ने व्यक्ति के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और उससे संबंधित सभी कार्यवाही को रद्द कर दिया और कहा कि जांच की आड़ में, पुलिस कुख्यात अपराधियों के दरवाजे नहीं खटखटा सकती या उनके घरों में जबरन घुस नहीं सकती. अ
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हाई कोर्ट ने कहा,
दूसरे शब्दों में, हर आदमी का घर उसका महल या मंदिर होता है. किसी व्यक्ति के जीवन के अधिकार में गरिमा के साथ जीने का अधिकार शामिल है और गरिमा से समझौता नहीं किया जा सकता.’’
हाई कोर्ट ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि घर की अवधारणा आवास के रूप में अपनी भौतिक अभिव्यक्ति से परे है और भावनात्मक एवं सामाजिक आयामों के एक समृद्ध ताने-बाने को समेटे हुए है. उपरोक्त टिप्पणी के साथ केरल हाई कोर्ट ने शख्स को राहत दे दी.
(खबर एसेंजी इनपुट के आधार पर लिखी गई है)