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CJI बनते ही ट्विटर पर ट्रेंड करने जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई, राष्ट्रपति द्रौपदी, PM Modi सहित इन नेताओं ने दी बधाई

CJI BR Gavai

सीजेआई पद की शपथ लेने के बाद सीजेआई रामकृष्ण गवई ट्विटर यानि X पर ट्रेंड करने लगे. देश भर से लोगों का उन्हें अपनी बधाई और शुभकामनाएं देने होड़ सी मच गई.

Written By Satyam Kumar | Published : May 14, 2025 5:16 PM IST

जस्टिस बीआर गवई ने बुधवार को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जस्टिस बीआर गवई को बधाई दी है। उन्होंने सीजीआई जस्टिस बीआर को उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं भी दी. गवई देश के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश हैं. उनसे पहले जस्टिस के. जी. बालाकृष्णन इस पद पर आसीन रहे थे. जस्टिस बालाकृष्णन साल 2007 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे. वहीं, सीजेआई पद की शपथ लेने के बाद सीजेआई रामकृष्ण गवई ट्विटर यानि X पर ट्रेंड करने लगे. देश भर से लोगों का उन्हें अपनी बधाई और शुभकामनाएं देने होड़ सी मच गई. शुभकामनाएं देने में सबसे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी सहित कई अन्य नेता शामिल हैं.

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार सुबह राष्ट्रपति भवन में जस्टिस बीआर गवई को भारत के 52वें सीजीआई के रूप में शपथ दिलाई. वहीं, राष्ट्रपति कार्यालय ने एक्स अकाउंट पर तस्वीर भी शेयर की। उन्होंने एक्स पर लिखा कि जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने राष्ट्रपति भवन में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली.

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वहीं, उपराष्ट्रपति कार्यालय ने एक्स पर तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज राष्ट्रपति भवन में भारत के 52वें माननीय मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई के शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहे.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुआ। उन्हें उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं.

केन्द्रीय कानून राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी ट्वीट कर जस्टिस बीआर गवई को सीजेआई बनने की बधाई.

लोकसभा अध्यक्ष ओम प्रकाश बिरला ने भी भारत के नए सीजेआई बीआर गवई मंगलकामनाओं के साथ बधाई दी.

सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ। उन्होंने 16 मार्च 1985 को वकालत की दुनिया में कदम रखा और शुरुआत में दिवंगत राजा एस. भोंसले, जो पूर्व महाधिवक्ता और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके हैं, के साथ कार्य किया. वर्ष 1987 से 1990 तक उन्होंने बॉम्बे उच्च न्यायालय में स्वतंत्र वकालत की, और इसके बाद मुख्य रूप से नागपुर पीठ के समक्ष विभिन्न मामलों की पैरवी करते रहे.