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आशीष चंचलानी की FIR Club करने की मांग पर SC ने महाराष्ट्र और असम सरकार को जारी किया नोटिस

Ashish Chanchalani, Supreme Court

Indias Got Latent: शो के जज यूट्यबर आशीष चंचलानी ने ऑनलाइन शो में कथित रूप से अश्लीलता को बढ़ावा देने के मामले में गुवाहाटी में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने या मुंबई स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है.

Written By Satyam Kumar | Published : February 21, 2025 8:55 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यूट्यूबर आशीष चंचलानी की उस याचिका पर महाराष्ट्र और असम सरकारों से जवाब मांगा है. यूट्यबर आशीष चंचलानी ने ऑनलाइन शो में कथित रूप से अश्लीलता को बढ़ावा देने के मामले में गुवाहाटी में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने या मुंबई स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है. मामला इंजियाज गॉट लेटैंट के जजेस से जुड़ा है, जिनके खिलाफ पैरेंट्स के साथ सेक्स को लेकर अशोभनीय बयान दिया गया था. इस बयान के चलते देश भऱ में मुकदमा दर्ज किया गया है और शो के जजेस समय रैना, रणवीर इलाहाबादिया, आशीष चंचलानी और अपूर्वा मखीजा के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. यह FIR देश के कई कोने में की गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने चंचलानी की याचिका को इन्फ्लुएन्सर रणवीर इलाहाबादिया की लंबित याचिका के साथ ही सूचीबद्ध किया है. सुनवाई शुरू होने पर पीठ ने चंचलानी के वकील से कहा कि उन्हें इस मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है, लेकिन देश भर में प्राथमिकी को एक साथ क्लब करने की मांग की है.

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इस पीठ ने कहा कि वह पहले से ही इस मुद्दे पर सुनवाई कर रही है और चंचलानी की याचिका को संबंधित याचिकाओं के साथ नत्थी किया जाता है.

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रणवीर इलाहाबादिया को SC से राहत

शीर्ष अदालत ने पॉडकास्टर’ रणवीर इलाहाबादिया को यूट्यूब के एक कार्यक्रम के दौरान उनकी टिप्पणियों के लिए 18 फरवरी को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया। न्यायालय ने इलाहाबादिया की टिप्पणियों को अश्लील’’ कहा और यह भी कहा कि उनके दिमाग में गंदगी है जो समाज को शर्मसार करने वाली है.

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कॉमेडी समय रैना के यूट्यूब कार्यक्रम इंडियाज गॉट लैटेंट’ पर माता-पिता और यौन संबंध पर टिप्पणी के लिए बीयरबाइसेप्स’ के नाम से मशहूर इलाहाबादिया के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई थीं.

हाई कोर्ट से आशीष चंचलानी को जमानत

गुवाहाटी हाई कोर्ट ने मंगलवार को चंचलानी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी और उन्हें 10 दिनों के भीतर जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने को कहा. गुवाहाटी पुलिस ने 10 फरवरी को एक व्यक्ति की शिकायत पर भारतीय न्याय समिति (बीएनएस), सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, सिनेमैटोग्राफ अधिनियम और महिलाओं का अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी.

(खबर एजेंसी इनपुट से है)