सोना तस्करी मामले को केरल से कर्नाटक ट्रांसफर करने की मांग, ED की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों से जवाब मांगा
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सोना तस्करी मामले की सुनवाई केरल से कर्नाटक स्थानांतरित करने के अनुरोध संबंधी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर बृहस्पतिवार को चार आरोपियों को नोटिस जारी किया है. जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने धनशोधन रोधी जांच एजेंसी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू की दलीलों पर गौर किया और आरोपियों से छह सप्ताह के भीतर जवाब मांगा तथा याचिका पर सुनवाई ग्रीष्मावकाश के बाद जुलाई में तय की. विधि अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी को याचिका में अन्य शेष आरोपियों को भी पक्षकार बनाना होगा. वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय ने सरिथ पी.एस., स्वप्ना प्रभा सुरेश, संदीप नायर और श्री एम. शिवशंकर को अपनी याचिका में पक्षकार बनाया है.
क्या Diplomat के समान की जांच नहीं की जा सकती?
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले केंद्र से जानना चाहा था कि क्या राजनयिकों के सामान की भारत में जांच की जा सकती है या उन्हें तलाशी से छूट प्राप्त है. अदालत ने 2022 में दायर ईडी की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें सोने की तस्करी मामले की सुनवाई केरल से कर्नाटक स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है. इस याचिका में दावा किया गया था कि राज्य में मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से सुनवाई संभव नहीं है. ईडी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि आरोपियों और केरल सरकार के शीर्ष अधिकारियों और पदाधिकारियों के बीच घनिष्ठ संबंध हैं.
क्या है मामला?
मामले की एक प्रमुख आरोपी, तिरुवनंतपुरम में यूएई वाणिज्य दूतावास की पूर्व कर्मचारी स्वप्ना सुरेश को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 11 जुलाई, 2020 को बेंगलुरु से एक अन्य आरोपी संदीप नायर के साथ हिरासत में लिया था. एनआईए, ईडी ोोो सीमा शुल्क विभाग ने पांच जुलाई, 2020 को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर यूएई वाणिज्य दूतावास की राजनयिक के सामान से 15 करोड़ रुपये मूल्य के सोने की जब्ती के साथ रैकेट का भंडाफोड़ किया था. इस मामले के सिलसिले में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के पूर्व प्रधान सचिव एम शिवशंकर और यूएई वाणिज्य दूतावास के एक अन्य पूर्व कर्मचारी सरिथ पी एस समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
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(खबर पीटीआई इनपुट से है)