क्या डीएनए सबूत ने दिलाई प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद की सजा? बेंगलुरु कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा, देखें मामले की पूरी टाइमलाइन
सेक्स टेप के वायरल होने के एक साल बाद ही बेंगलुरु स्पेशल कोर्ट ने जनता दल (सेक्युलर) के निलंबित नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को शनिवार को शेष जीवन के लिए कारावास की सजा सुनाई है. स्पेशल कोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना पर कुल 11.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. फैसले में अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि इसमें से 11.25 लाख रुपये पीड़ित महिला को दिए जाएं, जो आरोपी के परिवार की घरेलू सहायिका थी.
बेंगलुरु स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) के संरक्षक एच डी देवेगौड़ा के पोते रेवन्ना (34) को उसके खिलाफ दर्ज यौन शोषण और बलात्कार के चार मामलों में से एक में दोषी ठहराया है. विशेष अदालत ने रेवन्ना को भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया और जुर्माना भी लगाया. एमपी/एमएलए विशेष अदालत के जज संतोष गजानन भट ने एक दिन पहले रेवन्ना को दोषी ठहराए जाने के बाद शनिवार को यह फैसला सुनाया.
बेंगलुरु स्पेशल कोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना को धारा 376(2)(के) के तहत आजीवन कारावास और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, तथा धारा 376(2)(एन) के तहत आजीवन कारावास जिसका अर्थ बाकी जीवन जेल में गुजारना होगा और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. इसके अलावा उसे धारा 354ए के तहत तीन साल के कठोर कारावास और 25,000 रुपये जुर्माने, धारा 354बी के तहत 7 साल के कठोर कारावास और 50,000 रुपये जुर्माने, धारा 354सी के तहत 3 साल के कठोर कारावास और 25,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. प्रज्वल रेवन्ना को धारा 506 के तहत दो वर्ष की कैद और 10,000 रुपये का जुर्माना, धारा 201 के तहत 3 वर्ष की कैद और 25,000 रुपये का जुर्माना तथा आईटी अधिनियम की धारा 66 ई के तहत 3 वर्ष की कैद और 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
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बता दें कि रेप केस का यह मामला 48 वर्षीय एक महिला से जुड़ा है, जो हासन जिले के होलेनरसीपुरा स्थित आरोपी के परिवार के गन्निकाडा फार्महाउस में सहायिका के रूप में काम करती थी. 2021 में पीड़िता के साथ कथित तौर पर दो बार - हासन फार्महाउस और बेंगलुरु स्थित आवास पर - बलात्कार किया और आरोपी ने इस कृत्य को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया.
मामले की जांच करने वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) ने रेवन्ना पर आईपीसी की धारा 376(2)(के) (किसी महिला पर नियंत्रण या प्रभुत्व की स्थिति में होने पर, उससे बलात्कार करना), 376 (2)(एन) (महिला से बार-बार बलात्कार), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354बी (महिला के कपड़े उतरवाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 354सी (ताक झांक), 506 (आपराधिक धमकी) और 201 (साक्ष्यों को गायब करना) तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66ई (गोपनीयता का उल्लंघन) के तहत मामला दर्ज किया था.
प्रज्वल रेवन्ना से जुड़ा घटनाक्रम इस प्रकार हैं:
- अप्रैल 2024: सेक्स वीडियो सामने आए, जिससे पूरे देश में हंगामा मच गया. प्रज्वल रेवन्ना ने लीक के राजनीति से प्रेरित होने का दावा किया और कहा कि इसका उद्देश्य लोकसभा सीट जीतने की उसकी संभावनाओं को ख़त्म करना है.
- 20 अप्रैल, 2024: रेवन्ना के चुनाव एजेंट ने एक प्राथमिकी दर्ज करायी जिसमें आरोप लगाया गया कि वीडियो चुनाव से पहले रेवन्ना की छवि धूमिल करने के लिए प्रसारित किए जा रहे हैं.
- 26 अप्रैल, 2024: लोकसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न. रेवन्ना राजनयिक पासपोर्ट पर देश से रवाना हुआ.
- 27 अप्रैल, 2024: कर्नाटक सरकार ने आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया.
- 28 अप्रैल, 2024: रेवन्ना और उसके पिता, पूर्व मंत्री एच. डी. रेवन्ना पर उनकी पूर्व घरेलू सहायिका द्वारा दर्ज करायी गई शिकायत के आधार पर यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया गया.
- 29 अप्रैल, 2024: शिकायतकर्ता लापता हुई. उसे कथित तौर पर रेवन्ना के माता-पिता ने रेवन्ना के खिलाफ गवाही देने से रोकने के लिए अपहृत कर लिया.
- 30 अप्रैल, 2024: जद (एस) ने रेवन्ना को पार्टी से निलंबित किया.
- 2 मई, 2024: कर्नाटक पुलिस ने रेवन्ना के खिलाफ बलात्कार के आरोप में मामला दर्ज किया और "फरार" सांसद के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया.
- 4 मई, 2024: अपहृत पूर्व घरेलू सहायिका को एसआईटी ने छुड़ाया.
- 30 मई, 2024: रेवन्ना जर्मनी के फ्रैंकफर्ट मुख्य हवाई अड्डे से बेंगलुरु के लिए उड़ान भरता है.
- 31 मई, 2024: रेवन्ना को पहुंचने पर एसआईटी द्वारा रोका गया और गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में उसे हिरासत में भेज दिया गया.
- 26 जून, 2024: जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आपराधिक मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए गठित सांसदों और विधायकों की विशेष अदालत का रेवन्ना को ज़मानत देने से इनकार.
- 5 जुलाई, 2024: रेवन्ना ने जमानत के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख किया.
- 23 अगस्त, 2024: विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मामले में पहला आरोपपत्र दाखिल किया.
- 9 सितंबर, 2024: विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 1,632 पन्नों का दूसरा आरोपपत्र दाखिल किया.
- 21 अक्टूबर, 2024: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बलात्कार के दो मामलों और यौन उत्पीड़न के एक मामले में रेवन्ना को नियमित और अग्रिम ज़मानत देने से इनकार किया.
- 2 नवंबर, 2024: कथित बलात्कार पीड़िता के अंतर्वस्त्रों पर रेवन्ना का डीएनए पाया गया.
- 11 नवंबर, 2024: उच्चतम न्यायालय ने रेवन्ना की जमानत याचिका खारिज की.
- 16 जनवरी, 2025: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बलात्कार मामले में सभी डिजिटल साक्ष्यों की मुद्रित प्रति देने के रेवन्ना के अनुरोध को अस्वीकार किया.
- 1 मई, 2025: कर्नाटक हाई कोर्ट ने रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना द्वारा दायर एक याचिका खारिज की, जिसमें नये वकील की नियुक्ति के लिए और समय मांगा गया था.
- 2 मई, 2025: पूर्व घरेलू सहायिका द्वारा दायर बलात्कार मामले में सांसदों और विधायकों के लिए विशेष अदालत में मुकदमा शुरू हुआ.
- 18 जुलाई, 2025: मुकदमे की सुनवायी पूरी हुई. अदालत ने अपना फैसला 30 जुलाई के लिए सुरक्षित रख लिया.
- 30 जुलाई, 2025: विशेष अदालत ने स्पष्टीकरण मांगा और मामले की सुनवाई 1 अगस्त के लिए स्थगित कर दी.
- 1 अगस्त, 2025: विशेष अदालत ने रेवन्ना को बलात्कार का दोषी ठहराया. सजा अगले दिन सुनाना निर्धारित किया गया.
(खबर पीटीआई इनपुट से है)