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सेना कल्याण कोष में 20 हजार रुपये जमा करें, वकील के स्थगन की मांग से आजिज होकर Delhi HC ने सुनाया फैसला

Indian Army

दिल्ली हाई कोर्ट ने बौद्धिक संपदा प्राधिकरण को सेना केंद्रीय कल्याण कोष में 20,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है.

Written By Satyam Kumar | Published : May 12, 2025 11:18 AM IST

भारतीय सेना लगातार बॉर्डर पर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जबाव दे रही है. पहलगाम टैरर अटैक के बाद भी पाकिस्तान, आतंकवाद के खिलाफ भारत का सहयोग नहीं दे रहा था. फिर भी भारत ने जबावी कार्रवाई करते हुए आतंकवादियों के नौ ठिकाने को ध्वस्त कर दिए. भारत ने स्पष्ट कहा कि ये हमले केवल आतंकवाद के खिलाफ थे ना कि आम पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ. इसके बाद लगातार पाकिस्तान चोरी-छिपे भारत पर हमला कर रहा है. अभी तक की बात करें तो पाकिस्तान ने भारत से युद्धविराम (Ceasefire) करने की बात भी कहीं लेकिन तीन घंटे के भीतर ही उसे तोड़ दिया. वहीं, भारत ने स्पष्ट कह था कि अगर आगे से पाकिस्तान किसी तरह का हमला करेगा तो उसके इस तरह की गतिविधि को एक्ट ऑफ टेरर माना जाएगा.

सैन्य राहत कोष में जमा करें 20 हजार: HC

दिल्ली हाई कोर्ट ने बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) मामले में उसके वकील द्वारा स्थगन का अनुरोध करने पर बौद्धिक संपदा प्राधिकरण को सेना केंद्रीय कल्याण कोष में 20,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है. जस्टिस सौरभ बनर्जी ने यह जुर्माना लगाते हुए कहा कि पिछली तीन तारीखों पर भी कार्यवाही स्थगित करने का अनुरोध किया गया था. आठ मई को दिए आदेश में जस्टिस बनर्जी ने कहा कि यह राशि चार सप्ताह के भीतर जमा की जाए.

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अदालत के समक्ष 2023 में दायर मामला एक पेटेंट विवाद से संबंधित है, जिसमें याचिकाकर्ता ने भारत में अपने पेटेंट का पंजीकरण कराने की मांग की थी. जस्टिस ने कहा कि चूंकि प्रतिवादी के वकील ने पिछली तीन तारीखों पर भी स्थगन की मांग की थी, इसलिए न्याय के हित में अगली तारीख छह अगस्त 2025 तय की जाती है, यद्यपि, प्रतिवादी को चार सप्ताह की अवधि के भीतर सेना केंद्रीय कल्याण कोष में 20,000 रुपये का भुगतान करना होगा.

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