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'बाबा रामदेव किसी के कंट्रोल में नहीं, वे अपनी ही दुनिया में रहते हैं', शरबत जिहाद मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा

Delhi HC, Baba Ramdev

शरबत जिहाद मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पाया कि रामदेव ने अपनी पिछली आज्ञा का उल्लंघन किया है, जिसमें उन्हें हमदर्द के उत्पादों पर कोई बयान जारी करने या वीडियो साझा करने से मना किया गया था.

Written By Satyam Kumar | Updated : May 1, 2025 7:12 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को योग गुरु रामदेव को उनके विवादास्पद शरबत जिहाद टिप्पणी के लिए अदालत की अवमानना का नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई में हाजिर होने को कहा है. अदालत ने कहा कि रामदेव किसी के नियंत्रण में नहीं है और जब तक अदालत द्वारा अवमानना की कार्रवाई के निर्देश देने की कोशिश नहीं की जाती है, तब तक वे अपनी ही दुनिया में रहते हैं. दिल्ली हाई कोर्ट की यह नाराजगी अपने शरबत जिहाद मामले में अपने निर्देशों की अनदेखी करने पर आई.

कोर्टरूम आर्गुमेंट

हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई में उन्हें हमदर्द’ के प्रोडक्ट के बारे में भविष्य में कोई बयान जारी नहीं करने या वीडियो साझा नहीं करने का आदेश दिया था.

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जस्टिस अमित बंसल को आज (बृहस्पतिवार) सूचित किया गया कि अदालत के 22 अप्रैल के निर्देशों के बावजूद रामदेव ने आपत्तिजनक बयान देते हुए एक वीडियो प्रसारित किया है.

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रिकॉर्ड पर रखे डॉक्यूमेंट्स को देखने के बाद कहा कि पिछले आदेश के मद्देनजर, उनका हलफनामा और यह वीडियो प्रथम दृष्टया अवमानना ​​के अंतर्गत आता है. हम अब अवमानना ​​नोटिस जारी कर उन्हें यहां बुला रहे हैं.

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जस्टिस ने कहा की,

वह (रामदेव) किसी के वश में नहीं हैं. वह अपनी ही दुनिया में रहते हैं.’’

रामदेव के वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि मामले की सुनवाई कुछ समय बाद की जाए, क्योंकि मामले में बहस करने वाले वकील उपलब्ध नहीं हैं, जिसके बाद अदालत ने सुनवाई कुछ समय के लिए टाल दी.

शरबत जिहाद से जुड़े पोस्ट हटाएं जाएंगे: बाबा रामदेव

पिछली सुनवाई में बाबा रामदेव ने अपने बचाव का बयान करते हुए कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया है. फिर भी बाबा रामदेव के वकील ने दिल्ली हाई कोर्ट को आश्वासन दिया कि उनके शरबत जिहाद’ वाले बयान से जुड़े वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट हटा दिए जाएंगे. दिल्ली हाई कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर के बयान को रिकॉर्ड में लिया और रामदेव से पांच दिनों के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा कि वे भविष्य में प्रतिस्पर्धियों के उत्पादों के बारे में ऐसा कोई बयान, विज्ञापन या सोशल मीडिया पोस्ट जारी नहीं करेंगे.

इस दौरान हमदर्द के वकील ने दावा किया कि पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए रामदेव ने आरोप लगाया कि हमदर्द के रूह अफ़ज़ा से अर्जित धन का इस्तेमाल मदरसों और मस्जिदों के निर्माण में किया गया.

शरबत जिहाद की नई धारणा

ज्ञात हो कि रामदेव का एक वीडियो पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें वह पतंजलि के शरबत का प्रचार करने के दौरान यह कहते हुए देखे और सुने जा सकते हैं कि शरबत के नाम पर एक कंपनी है जो शरबत तो देती है, लेकिन शरबत से जो पैसा मिलता है, उससे मदरसे और मस्जिदें बनवाती है. इस बयान को लेकर हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया’ ने रामदेव और उनकी पतंजलि फूड्स लिमिटेड’ के खिलाफ याचिका दायर की है.