Budget Session में शामिल होंगे इंजीनियर राशिद, Delhi HC से दो दिन की कस्टडी पैरोल मिली
दिल्ली हाई कोर्ट ने बारामुला से सांसद राशिद इंजीनियर को संसद के बजट सत्र में शामिल होने के लिए दो दिन की कस्टडी पैरोल दी है. वह 11 और 13 फरवरी के दिन होनेवाले सेशन में शामिल होंगे. बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने इंजीनियर राशिद को कड़ी शर्तों के साथ कस्टडी पैरोल दी है. कस्टडी पैरोल पर बाहर आने के दौरान इंजीनियर राशिद के फोन या इंटरनेट यूज करने पर पाबंदी रहेगी, साथ ही वे प्रेस से बातचीत भी नहीं कर पाएंगे.
बजट सेशन में शामिल होंगे राशिद
जस्टिस विकास महाजन ने 11 और 13 फरवरी को संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति दी. इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने 7 फरवरी को हिरासत पैरोल पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था. राशिद ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि एनआईए अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर निर्णय नहीं लिया, जिससे वे अबूझ स्थिति में फंसे है, उन्होंने अंतरिम राहत के रूप में कस्टडी पैरोल की मांग की थी.
सीनियर एडवोकेट एन हरिहरन और अधिवक्ता विक्यात ओबेरॉय ने तर्क दिया कि राशिद को सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र का बजट सत्र के दौरान प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा है, इसमें भी उनके राज्य को आवंटित धन में 1000 करोड़ रुपये की कमी आई है. राशिद के वकील ने 2009 में विधायक पप्पू यादव के मामले का उल्लेख किया, जिसमें उन्हें संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति दी गई थी.
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वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और अधिवक्ता अक्षय मलिक, जो एनआईए (NIA) का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, ने हिरासत पैरोल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि राशिद को संसद में जाने का कोई अधिकार नहीं है और उन्होंने अपनी मांग के लिए कोई विशेष उद्देश्य प्रदर्शित नहीं किया है. लूथरा ने सुरक्षा चिंताओं पर जोर दिया और कहा कि हिरासत पैरोल के लिए पुलिस की सुरक्षा आवश्यक होती है, जिससे संसद परिसर में मौजूद सशस्त्र कर्मियों की मौजूदगी के साथ जटिलताएं पैदा कर सकती है.
टेरर फंडिंग मामले में आरोपी हैं राशिद
राशिद पर टेरर फंडिंग मामले में मुकदमा चल रहा है, जिसमें उन पर अलगाववादी और आतंकवादी समूहों को वित्तीय सहायता देने के आरोप लगाए गए हैं. यह मामला 2019 में शुरू हुआ जब उन्हें पैसे की तस्करी और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
क्या है कस्टडी पैरोल?
कस्टडी पैरोल (Custody Parole) का अर्थ है कि एक कैदी को उसकी यात्रा के स्थान पर सशस्त्र पुलिस कर्मियों द्वारा ले जाया जाएगा. न्यायालय ने स्पष्ट किया कि राशिद को लोकसभा में ले जाया जाएगा और उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय सचिवालय के साथ परामर्श के बाद तय किए जाएंगे. इस दौरान राशिद के मोबाइल उपयोग और मीडिया से बातचीत करने पर पाबंदी रहेगी.