चिराग पासवान की सांसदी को चुनौती देनेवाली याचिका Delhi HC ने की खारिज, फैसले में ये वजह बताई
बिहार के हाजीपुर से लोकसभा सांसद व पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने उनकी सांसदी को चुनौती देनेवाली याचिका खारिज कर दी है. याचिका पर सुनवाई कर रहे जस्टिस अमित बंसल ने कहा कि अदालत के पास क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र का अभाव है. हालांकि, अदालत ने अन्य कानूनी उपायों से राहत पाने के लिए छूट दी है. इन तर्कों के साथ अदालत ने याचिका पर आगे सुनवाई से करते हुए खारिज कर दिया. मामले में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि वह प्रिंस राज (चिराग पासवान के रिश्तेदार) और उनके सहयोगियों द्वारा कथित यौन उत्पीड़न की पीड़िता है, और पासवान ने अपने नामांकन हलफनामे में इस कथित आपराधिक पूर्ववृत्त का खुलासा नहीं किया. याचिकाकर्ता का तर्क था कि ऐसी जानकारी को छिपाना जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125ए का उल्लंघन है, जिसमें छह महीने की कैद का प्रावधान है.यह धारा उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य करता है कि वे अपने आपराधिक इतिहास को स्पष्ट रूप से बताएं.
चुनाव आयोग ने याचिका का विरोध किया
दिल्ली हाई कोर्ट में चुनाव आयोग की ओर से वकील सिद्धांत कुमार ने कहा कि याचिका दिल्ली में स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि चुनाव बिहार में हुआ था. उन्होंने यह भी बताया कि केवल उस निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता या उम्मीदवार ही चुनाव याचिका दायर कर सकता है, और याचिकाकर्ता इन मानदंडों को पूरा नहीं करती. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने आगे तर्क किया कि याचिकाकर्ता का मामला सही नहीं है, क्योंकि वह न तो मतदाता है और न ही उस क्षेत्र का उम्मीदवार. उन्होंने याचिका को खारिज करने की मांग की.
कौन हैं चिराग पासवान?
चिराग पासवान, एक भारतीय राजनीतिज्ञ और पूर्व अभिनेता, जून 2024 से खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं। वह 2021 से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के संस्थापक अध्यक्ष रहे हैं और 2019 से 2021 तक लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रहे. 2024 से, चिराग पासवान हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वह दिवंगत रामविलास पासवान के पुत्र हैं, जो एक प्रमुख केंद्रीय मंत्री और सांसद रहे हैं.
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(खबर एजेंसी इनपुट से है)