'लोकतांत्रित राज्य में किसी को यह कहने का अधिकार नहीं कि वह कानून का पालन नहीं करेगा', Bombay HC ने ठाणे नगर निगम को अवैध मस्जिद ढ़हाने का आदेश दिया
बंबई हाई कोर्ट ने ठाणे नगर निगम को एक अवैध मस्जिद के ध्वंस को पूरा करने में विफल रहने के लिए कड़ी फटकार लगाई है. अदालत ने स्पष्ट निर्देशों के बावजूद नगर निगम द्वारा कार्रवाई न करने पर नाराजगी व्यक्त की. यह मामला न्यू श्री स्वामी समर्थ बोरिवडे हाउसिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर एक याचिका से संबंधित है. कंपनी ने अपने 18,000 वर्ग मीटर भूमि पर अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया. ठाणे नगर निगम के अनुसार, 1 जनवरी 2025 के दिन किए गए स्थल निरीक्षण में पाया गया कि यह एक 3,600 वर्ग फुट की ग्राउंड-प्लस-वन-स्टोरी मस्जिद है, जिसमें प्रार्थना हॉल भी शामिल है. मस्जिद के निवासियों का कहना है कि यह निर्माण तब किया गया था जब क्षेत्र ग्राम पंचायत के अधीन था, लेकिन नगर निगम के रिकॉर्ड में किसी भी प्रकार की अनुमति का आदेश नहीं मिला है.
नियमों का सख्ती पालन करें: HC
जस्टिस एएस गडकरी और जस्टिस कमल खाता ने ठाणे नगर निगम के विलंब के लिए दिए गए बहानों को खारिज कर दिया. उन्होंने कानून के सख्ती से पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि लोकतांत्रिक राज्य में किसी व्यक्ति या समूह को यह कहने की अनुमति नहीं दी जा सकती कि वह कानून का पालन नहीं करेगा.
याचिका के बाद, ठाणे नगर निगम ने 27 जनवरी को इस संरचना को अवैध घोषित किया और इसे हटाने का आदेश दिया. हालांकि, वरिष्ठ अधिवक्ता राम अप्टे ने अदालत को बताया कि 19 फरवरी को साइट पर एक भीड़ के विरोध के कारण ढ़हाने के कार्य में देरी हुई. अदालत ने इस स्पष्टीकरण को खारिज कर कानून को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया है. अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि ठाणे नगर निगम ने पहले अवैध निर्माण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए थे, जबकि याचिकाकर्ताओं की ओर से लगातार शिकायतें की जा रही थीं.
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14 अप्रैल को अगली सुनवाई
ठाणे नगर निगम ने ढ़हाने कार्य पूरा करने के लिए और समय मांगा, जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि एक संरचना, जो पहले ही काफी हद तक ध्वस्त हो चुकी है, के लिए चार सप्ताह की अवधि की आवश्यकता नहीं है. अदालत ने ठाणे नगर निगम को आदेश दिया कि वह रमजान के महीने के तुरंत बाद शेष ध्वस्तीकरण कार्य पूरा करे, और इसे 14 अप्रैल 2025 तक पूरा किया जाना चाहिए. अब मामले की सुनवाई अदालत इसी दिन करेगी.
इसके अलावा, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले के प्रतिवादियों सहित कोई भी व्यक्ति ध्वस्त किए गए हिस्से का पुनर्निर्माण करने का प्रयास नहीं करेगा. इस आदेश के पूर्ण कार्यान्वयन का जिम्मा अदालत ने नगर निगम के अधिकारियों पर सौंपा है.
केस टाइटल: न्यू श्री स्वामी समर्थ बोरिवडे हाउसिंग कंपनी बनाम ठाणे नगर निगम