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श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद: इलाहाबाद HC ने अगली सुनवाई 26 सितंबर को तय की, सभी पक्षों से अपना पक्ष रखने को कहा

इलाहाबाद हाई कोर्ट

मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को अगली सुनवाई से पहले अपनी आपत्तियां दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले में कुल 18 याचिकाएं लंबित हैं, जिनमें मस्जिद को हटाने की मांग की गई है.

Written By Satyam Kumar | Published : September 12, 2025 11:13 PM IST

मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़ा मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहा है. शुक्रवार को जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई की और इस पर अगली सुनवाई की तिथि 26 सितंबर निर्धारित की. शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान वाद संख्या 7 और 13 विशेष रूप से चर्चा में रहे. वाद संख्या 13 में वादी अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी आपत्ति दाखिल कर दी है. वहीं, वाद संख्या 7 में वादी संख्या 1 का नाम हटाने को लेकर बहस हुई.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई से पहले सभी पक्ष अपनी आपत्तियां दाखिल करें, ताकि मुकदमे की सुनवाई सुचारू रूप से आगे बढ़ सके. गौरतलब है कि इस विवाद से जुड़ी कुल 18 याचिकाएं इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित हैं. इन याचिकाओं में शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और भूमि पर कब्जे की मांग की गई है. इस पर लगातार बहस चल रही है.

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22 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में मस्जिद कमेटी की ओर से सीपीसी की धारा 151 के तहत एक आवेदन दायर किया गया था, जिसमें समेकित मुकदमों की आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गई थी. उनका पक्ष था कि केवल प्रतिनिधि वाद पर सुनवाई हो. इसके बाद अदालत ने मंदिर पक्ष को आपत्तियां दाखिल करने के लिए समय दिया था. 18 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाद संख्या 17 (भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और अन्य) को प्रतिनिधि वाद घोषित किया था. शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी का पक्ष है कि केवल इसी प्रतिनिधि वाद पर सुनवाई होनी चाहिए और अन्य सभी वादों पर रोक लगाई जानी चाहिए. मंदिर पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह मस्जिद वास्तव में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की जमीन पर बनी है और वहां मूल मंदिर ध्वस्त कर मस्जिद का निर्माण कराया गया था, जबकि मस्जिद पक्ष का कहना है कि 1968 के समझौते के तहत यह विवाद पहले ही सुलझ चुका है और अब नए मुकदमे टिकाऊ नहीं हैं.

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(खबर IANS इनपुट पर है)

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