सरकार को ही ठग लिया! माइनिंग विभाग फेक वेबसाइट बनाकर Cyber Fraud ने जारी की 2000 रसीदें, 50 लाख का चपत लगाया
एल्गोरिदम की दुनिया की भाषा और उसे समझने-बूझने वाले क्या-क्या नहीं कर रहे हैं. आम लोगों से लेकर सरकार तक को ठग ले रहे हैं, कभी साइबर अरेस्ट करके, तो कभी जर्मनी के प्रेसिडिंट की ट्विटर प्रोफाइल को बिहार सरकार का जल विभाग बना देना हो,साइबर अपराधी सब में अव्वल है. हाल ही में साइबर धोखाधड़ी का एक नया कारनामा सुनने को मिला है, जिसमें उन्होंने पंजाब सरकार के माइनिंग यानि खनन विभाग का हूबहू नकल बना दया. लोग ने उस वेबसाइट से 2000 रसीद कटवा लिए. इस फेक वेबसाइट की वजह से पंजाब सरकार के खजाने को 50 लाख रूपये की हानि हुई है. आइये जानते हैं कि पंजाब सरकार को इस फेक वेबसाइट के बारे में कैसे पता चला, साइबर अपराधी को पकड़ पाए कि नहीं आदि आदि...
पंजाब सरकार की फेक माइनिंग वेबसाइट
बीते दिन एक खबर आती है कि पंजाब पुलिस की साइबर अपराध शाखा (Cyber Crime Branch) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गौरव कुमार नामक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार, यह आरोपी एक फर्जी वेबसाइट चला रहा था, जो पंजाब सरकार के खनन विभाग के आधिकारिक पोर्टल की क्लोनिंग कर अवैध खनन के लिए धोखाधड़ी से परमिट जारी किए, जिससे राज्य को 40 से 50 लाख रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ.
पंजाब सरकार को तकरीबन 50 लाख का जुर्माना
फेक माइनिंग विभाग और उससे जुड़े धोखाधड़ी की बात पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने बताया है. पुलिस महानिदेशक ने कहा कि मोहाली के खरड़ के आरोपी गौरव कुमार ने नवंबर 2024 में विभाग की मूल आधिकारिक वेबसाइट की हूबहू प्रोटोटाइप बनाई, जो जनवरी तक चालू थी. डीजीपी यादव ने कहा कि फर्जी रसीद में आधिकारिक खनन वेबसाइट की तर्ज पर एक बार और क्यूआर स्कैनर कोड भी शामिल था, जिस QR Code से वाहनों को अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए सभी सुरक्षा जांचों को पार करने में मदद मिली. उन्होंने कहा कि आरोपी ने फिरोजपुर के एक व्यक्ति के साथ मिलीभगत करके 2,000 से अधिक फर्जी खनन रसीदें बनाईं, जिससे सरकारी खजाने को 40 से 50 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.
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रसीद से ट्रकों को निकलने में फायदा
फर्जी रसीद की मदद से बालू की अवैध खनन कर ले जा रहे ट्रकों को सुरक्षा जांच से बच निकलने में मदद मिलती थी. पुलिस महानिदेशक ने कहा कि फर्जी रसीदों, वाहनों की तस्वीरों, खनन सामग्री के सोर्स और डेस्टिनेशन और अपराध में इस्तेमाल किए गए कंप्यूटर सिस्टम को डेटा के साथ-साथ वेबसाइट का बैकअप भी बरामद कर लिया है.
पुलिस ने ऐसे सुलझाई गुत्थी
पंजाब पुलिस ने बताया कि सरकार की माइनिंग विभाग की फेक वेबसाइट को यूएस-आधारित डोमेन प्रदाता गोडैडी (GoDaddy) पर रजिस्टर्ड और होस्ट किया गया था, उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम ब्रांच अधिकारियों ने गोडैडी के कानूनी अधिकारियों और विभिन्न इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से आरोपी गौरव कुमार द्वारा बनाई गई वेबसाइट के निर्माण का पता लगाया है. इस क्रम में पुलिस ने आरोपी के IP Address और मोबाइल नंबरों के बारे में जानकारी जुटा आरोपी की गिरफ्तारी के लिए विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की.