CJI पर जूता फेंकने वाले वकील की बढ़ी मुश्किलें, AG ने 'अवमानना' की कार्यवाही शुरू करने की इजाजत दी
अटॉर्नी जनरल (AG) आर. वेकंटरमणी ने भारत के चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने का प्रयास करने वाले वकील के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू करने की सहमति दे दी है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के प्रमुख एवं सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे. बागची की पीठ से अनुरोध किया कि चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई की जाए.
सिंह ने कहा कि छह अक्टूबर को हुई इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर ढ़ेर सारे पोस्ट शेयर किए जा रहे हैं, जो संस्थागत अखंडता और गरिमा को ठेस पहुंचा रही है. मेहता और सिंह ने अदालत से सोशल मीडिया पर ऐसी सामग्री पोस्ट करने पर रोक से संबंधी आदेश पारित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि हर तरह की अपमानजनक टिप्पणियां की जा रही हैं. पीठ ने कहा कि भाषण और अभिव्यक्ति का मौलिक अधिकार दूसरों की गरिमा की कीमत पर नहीं हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पोस्ट के प्रोडक्ट और कंज्यूमर दोनों हैं.
चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने के प्रयास की यह अभूतपूर्व घटना छह अक्टूबर को हुई. उस दिन सुबह करीब 11:35 बजे अदालत कक्ष संख्या-एक में 71-वर्षीय अधिवक्ता राकेश किशोर ने अपने जूते उतारकर उन्हें चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ की ओर फेंकने का प्रयास किया. सुरक्षाकर्मियों ने आरोपी अधिवक्ता को तुरंत हिरासत में ले लिया. अदालती कार्यवाही के दौरान हुई इस घटना से अविचलित प्रधान न्यायाधीश ने अदालत के अधिकारियों और अदालत कक्ष में मौजूद सुरक्षाकर्मियों से इसे नजरअंदाज करने और राकेश किशोर नामक दोषी वकील को चेतावनी देकर छोड़ देने को कहा
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