दिल्ली हाईकोर्ट ने NHRC के आदेश पर रोक लगाने से किया इंकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा छात्र को पीटने पर लगाए गए 3 लाख रुपये के मुआवजे के आदेश में हस्तक्षेप से इंकार किया है.राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) छात्र के साथ मारपीट करने पर प्रिंसिपल पर 3 लाख से अधिक रुपये मुआवजे के तौर पर देने के आदेश दिए थे.
प्रिंसिपल ने 11 वीं कक्षा के एक छात्र के साथ उस समय मारपीट की थी जब वह अन्य साथी छात्रों के साथ अपनी कक्षा में बैठा था. प्रिंसिपल ने छात्र को अन्य छात्रों की मौजूदगी में जबरन उसकी कक्षा से बाहर ले जाकर बुरी तरह पीटा गया था. जिससे छात्र को कई जगह पर चोटे आयी थी.
छात्र के साथ मारपीट करने पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने प्रिसिपल के साथ स्कूल प्रशासन पर 3 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया था.
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आयोग ने प्रिंसिपल के साथ निजी स्कूल प्रशासन को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था और जुर्माने की राशि में शामिल किया था. इसी आदेश के खिलाफ स्कूल प्रशासन की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के आदेश को चुनौती दी गयी.
याचिका में कहा गया कि प्रिंसिपल को उसके कार्य के लिए व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी ठहराया जाना चाहिए था और इस घटना के लिए स्कूल पर कोई उत्तरदायित्व नहीं लगाया जा सकता है. बहस सुनने के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप से इंकार करते राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के आदेश पर रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया.