कठुआ पीड़िता की पहचान जाहिर करने के मामले में अल जजीरा को दिल्ली हाईकोर्ट का आठवां नोटिस
नई दिल्ली, दिल्ली हाईकोर्ट ने कठुआ गैंगरेप मामले में नाबालिग बालिका की पहचान जाहिर करने के मामले में कतर स्थित अल जजीरा मीडिया नेटवर्क को चौथा नोटिस जारी किया है. कठुआ मामले में पीड़िता की पहचान जाहिर करने पर मार्च 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वप्रेणा प्रसंज्ञान लेते हुए 28 मीडिया घरानों को नोटिस जारी किया था.
स्वप्रेणा से लिया था प्रसंज्ञान
18 अप्रैल 2018 को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान अधिकांश मीडिया संस्थानों ने माफी मांगते हुए जुर्माना अदा करना स्वीकार किया था. जिस पर तत्कालीन कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और जस्टिस सी हरिशंकर की पीठ ने सभी मीडिया संस्थानों को मुआवजा राशि हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास एक सप्ताह में जमा करने के आदेश दिए थे.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद अधिकांश मीडिया संस्थानों ने अगले एक वर्ष में हाईकोर्ट रजिस्ट्रार के समक्ष 10 लाख का जुर्माना अदा कर दिया. लेकिन अल जजीरा की ओर से पिछले चार साल में हाईकोर्ट के समक्ष कोई प्रतिनिधी या अधिवक्ता पेश नहीं हुए. यहां तक की हाईकोर्ट ने इस मामले में केन्द्र सरकार को भी मीडिया संस्थान का पता बताने के निर्देश दिए थे.
Also Read
- POCSO Act के तहत देर से शिकायत दर्ज कराने का मामला, Delhi HC ने आरोपी व्यक्ति को दी राहत
- 'नाबालिग का ब्रेस्ट पकड़ना Attempt to Rape नहीं', इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने बताया 'असंवेदनशील'
- बच्ची के स्तन दबाने, पजामी के नाड़ा खींचने को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने Attempt to Rape मानने से क्यों किया इंकार
अल जजीरा संस्थान की तरफ से किसी के पेश नहीं होने पर मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने नया नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं.
मार्च 2018 में पहला नोटिस
दिल्ली हाईकोर्ट ने कठुआ मामले में पीड़ित नाबालिग की पहचान उजागर करने पर (POCSO पॉक्सो एक्ट की धारा 23 और आईपीसी की धारा (IPC) 228A का उल्लंघन मानते हुए मार्च 2018 में स्वप्रेणा से प्रसंज्ञान लिया था. हाईकोर्ट ने इस मामले में सर्वप्रथम कुल 28 मीडिया संस्थानों को प्रतिवादी बनाया था, Al Jazeera Media Network Private Limited इस सूची में 28 वे नंबर पर प्रतिवादी बनाया गया थात बाद में कुछ संशोधन के साथ कुल 23 मीडिया संस्थानों को नोटिस जारी करते हुए प्रत्येक पर 10—10 लाख का जुर्माना लगाया. लेकिन Al Jazeera Media Network Private Limited को प्रतिवादी 28 के तौर पर ही नोटिस सर्व किए गए.
दिल्ली हाईकोर्ट ने मार्च 2018 से लेकर नवंबर 2022 तक Al Jazeera Media Network Private Limited को कुल 8 नोटिस जारी किए है. हाईकोर्ट दो बार केंद्र सरकार से इस कंपनी का स्थानीय पता मांग चुकी है. सरकार द्वारा बताए पते पर भेजे नोटिस का भी जवाब नही दिया गया.
हाईकोर्ट ने भेजे है 8 नोटिस
पहला— स्वप्रेणा प्रसंज्ञान लेते हुए मार्च 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी मीडिया संस्थानों के साथ अल जजीरा को पहला नोटिस जारी किया था. 18 अप्रैल 2018 को इस मामले में पहली सुनवाई हुई.
दूसरा— 19 मई 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करने के बावजूद पेश नहीं होने पर नाराजगी जताई, लेकिन कोई विरोधी आदेश पारित करने से इंकार करते हुए दूसरा नोटिस जारी किया.
तीसरा— 16 जुलाई 2018 को एक बार फिर हाईकोर्ट ने अल जजीरा को फ्रेश नोटिस जारी करते हुए मामले की सुनवाई 8 अगस्त 2018 को तय की.
चौथा— 14 मार्च 2019 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्त चेतावनी के साथ चौथा नोटिस जारी करते हुए कहा कि अगर अगली तारीख पर अल जजीरा की तरफ से कोई पेश नही होता है तो अदालत बिना नोटिस जारी किए आगे सख्त कार्रवाई करेगा. हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल 2019 तय की.
पांचवा— 1 मई 2019 को दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस एस रविन्द्र भट्ट और जस्टिस प्रतीक जालान की पीठ ने फिर से नया नोटिस जारी किया. इसके साथ ही पीठ ने अल जजीरा को 21 अगस्त 2019 तक जवाब पेश करने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने केंद्र सरकार को अल जज़ीरा का उचित पता प्रदान करने का भी निर्देश दिया.
छटा— 3 सितंबर 2019 को एक बार फिर से दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में विस्तृत आदेश पारित किया. इसी आदेश में अल जजीरा को सभी माध्यम से नोटिस सर्व करने के आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने एक और मौका देते हुए 8 नवंबर को जवाब पेश करने के आदेश दिए.
यहां तक की अदालत द्वारा नियुक्त किए गए न्यायमित्र ने Ministry of Corporate Affairs द्वारा उपलब्ध कराए गए पते पर भी नोटिस जारी किया गया.
सातवा— 18 फरवरी 2020 को हाईकोर्ट ने एक बार फिर से इस मामले में नाराजगी जताई की बार बार नोटिस के बावजूद अल जजीरा की ओर से कोई पेश नहीं हुआ.हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा अल जजीरा भारत में अपने चैनल का संचालन और प्रसारण कर रहा है, इसके बावजूद इसी अदालत द्वारा 24 मार्च 2019 को पारित किए आदेश के अनुसार ₹10 लाख जमा नहीं किए हैं.
हाईकोर्ट ने एक बार फिर से Al Jazeera Media Network Private Limited को फ्रेश नोटिस जारी करते हुए केन्द्र सरकार को भी आदेश दिए कि वह एक सप्ताह के भीतर प्रतिवादी Al Jazeera Media Network Private Limited का उचित पता उपलब्ध कराए.
आठवां— कोविड काल की दो वर्ष की अवधि बीत जाने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने 11 नवंबर 2022 को इस मामले पर सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की पीठ ने अल जजीरा को मामले की सुनवाई की अगली तारीख की सूचना के साथ एक सप्ताह के भीतर फ्रेश नोटिस जारी करने का आदेश दिया. अदालत ने इसके साथ ही मामले की सुनवाई की तारीख 13 फरवरी 2023 तय की हैं .
इस मामले में 23 में से अल जजीरा को छोड़कर लगभग हर समाचार आउटलेट ने राशि का भुगतान किया है. करीब साढ़े चार साल बाद भी अल जजीरा की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट के किसी भी नोटिस का जवाब नहीं दिया गया है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या अल जजीरा जो कि भारत देश में अपने चैनल प्रसारण करता है लेकिन वह इस देश की अदालतों का सम्मान नहीं करता.
क्या कहती है पोक्सो की धारा 23
पॉक्सो एक्ट की धारा 23 के तहत नाबालिग के साथ दुष्कर्म से जुड़े किसी भी केस के मामले में मीडिया के लिए नियम बनाए गए है. पीड़ित बच्चे की पहचान फोटो, विडियो, नाम या उसके क्षेत्र, परिवार, गांव किसी रूप से उसकी पहचान नहीं बताई जा सकती और ना ही उस बच्चे पर कोई रिपोर्ट या टिप्पणी कर सकते है जिससे उसकी प्रतिष्ठा कम हो सकती है या उसकी गोपनीयता का हनन हो सकता है.
ऐसे मामलों में पीड़ित बच्चे की पहचान, उसके नाम, पता, फोटोग्राफ, परिवार के विवरण, स्कूल, पड़ोस या किसी भी अन्य विवरण का खुलासा नहीं कर सकते, जिससे बच्चे की पहचान का खुलासा हो सकता है.
इस मामले में किसी भी तरह से कर्मचारी के कार्यों और चूक के लिए संयुक्त रूप से और गंभीर रूप से संस्थान के प्रकाशक और मालिक को उत्तरदायी बनाया गया है. जेल की सजा को एक वर्ष तक के लिए बढाया जा सकता है और उसके साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है.