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Sin Tax क्या है और यह किन प्रोडक्ट्स पर लगाया जाता है?

समाज के विभिन्न वर्गों को अस्वास्थ्यकर या जंक फूड आइटम्स के सेवन से दूर रखने के लिए सरकार Tax बढ़ा के भी ऐसी वस्तुओं की demand को काम करने की कोशिश करती है ताकि लोगों को इनके सेवन से रोका जा सके.

Written By My Lord Team | Published : February 15, 2023 8:59 AM IST

नई दिल्ली: सिगरेट या शराब की कीमत उनकी उत्पादन लागत से कहीं अधिक होती है. वास्तव में, ऐसी वस्तुओं पर लगाया जाने वाला कर (Tax) आपके द्वारा दैनिक उपयोग किए जाने वाले अधिकांश उत्पादों की तुलना में बहुत अधिक होता है और इसी में उन उत्पादों की कीमतों का एक बड़ा हिस्सा शामिल होता है.

समाज के विभिन्न वर्गों को अस्वास्थ्यकर या जंक फूड आइटम्स (Unhealthy or Junk food items) के सेवन से दूर रखने के लिए सरकार कर (Tax) बढ़ा के भी ऐसी वस्तुओं की मांग (Demand) को काम करने की कोशिश करती है ताकि लोगों को इनका सेवन करने से रोका जा सके.

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क्या होता है सिन टैक्स (Sin Tax)

इस टैक्स का मतलब जानने से पहले हमें सिन गुड्स (Sin Goods) का मतलब समझना होगा. सिन गुड्स वे उत्पाद होते हैं जिन्हें समाज के लिए हानिकारक माना जाता है. इसी तरह के उत्पादों पर कर लगाने से संबंधित है सिन टैक्स (Sin Tax) की अवधारणा. आपको बता दें कि शराब और तंबाकू, कैंडीज, ड्रग्स, कोल्ड ड्रिंक (Cold Drinks), फास्ट फूड, कॉफी, चीनी, जुआ, इत्यादि हानिकारक वस्तुओं की श्रेणी में आते हैं.

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सरकार द्वारा सिन गुड्स (Sin Goods) पर लगाए जाने वाले टैक्स को सिन टैक्स (Sin Tax) कहा जाता है जो की एक तरह का उत्पाद शुल्क (अब Goods and Services Tax- GST) है जिसे विशेष रूप से समाज के लिए हानिकारक माने जाने वाले कुछ सामानों पर लगाया जाता है, उदाहरण के लिए शराब और तंबाकू, कैंडी, जुआ, इत्यादि.

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Sin Tax का उद्देश्य

इस प्रकार के टैक्स को सही ठहराने के लिए तीन प्रमुख तर्कों का उपयोग किया जाता है:

  • यह बढ़ी हुई कीमतों के माध्यम से हानिकारक उत्पादों की खपत को कम करता है.
  • इस तरह के कर से उत्पन्न राजस्व का उपयोग देश के अन्य बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए किया जा सकता है.
  • इससे स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए संसाधन बढ़ते हैं.

भारत में किन उत्पादों पर लगता है सिन टैक्स

1. भारत में तम्बाकू उत्पाद 28% के उच्चतम GST स्लैब में आते हैं क्योंकि यह भारी उपकर (Cess) को आकर्षित करता है. इसी के जरिए GST के कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न होने वाले राजस्व के किसी भी नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र द्वारा राज्यों को उपकर का भुगतान किया जाता है.

2. बिना ब्रांड वाले तंबाकू पर 65% का उपकर है जबकि सुगंधित जर्दा (Scented Zarda) पर 160% का उपकर लगाया जाता है. गुटखा युक्त पान मसाला 204% उपकर के अधीन है.

3. सिगरेट पर वर्तमान उपकर (Cess) 5% प्लस 4,170 रुपये प्रति 1,000 स्टिक है. अंतिम कर-सहित खुदरा मूल्य (Retail Price) के प्रतिशत के रूप में कुल टैक्स- सिगरेट के लिए लगभग 52.7%, बीड़ी के लिए 22% और धुंआ रहित तंबाकू के लिए 63.8% है.

4. शराब, जो GST के दायरे से बाहर है, उस पर अलग राज्यों द्वारा अलग से कर लगाया जाता है. RBI की एक रिपोर्ट बताती है कि 2019-20 के दौरान, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने शराब पर राज्य के उत्पाद शुल्क (Excise Duty) से कुल 1,75,501.42 करोड़ रुपये का बजट बनाया था.

5. ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए से होने वाली जीत पर आयकर कानून के तहत 2.5 लाख रुपये की मूल छूट सीमा को ध्यान में रखे बिना 30% की समान दर से कर लगाया जाता है.

देश में सिन टैक्स (Sin Tax) की अवधारणा का प्रयोग इस तरह से किया जाता है. केंद्र और राज्यों सरकार द्वारा इस तरह के टैक्स से राजस्व में वृद्धि की जाती है और इसका प्रयोग अहम परियोजनाओं में किया जाता है.