Train Accident Insurance: IRCTC 45 पैसे में देता है 10 लाख का इंश्योरेंस, टिकट बुकिंग के समय आता है ऑप्शन, क्लेम करने का तरीका भी जानिए
Train Accident Insurance: कंचनजंगा एक्सप्रेस एक्सीडेंट की भयावह दुर्घटना ने लोगों की माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं. घटना अप्रत्याशित रूप से घटी. घटना के बाद लोगों में इंश्योरेंस को लेकर चिंताएं बढ़ गई है. रेल यात्रा के दौरान अगर किसी प्रकार की अप्रत्याशित घटना घटती है या व्यक्ति के शरीर को किसी प्रकार की क्षति पहुंचती है, तो रेलवे पीड़ित को हर्जाना देगी. उस पीड़ित को हर्जाना तब दी जाएगी, जब उसने टिकट बुकिंग के दौरान इंश्योरेंस लिया होगा. आइये जानते भारतीय रेलवे द्वारा दी जाने वाली इंश्योरेंस के बारे में. इसे आप कब खरीद सकते हैं. इसे क्लेम करने का प्रोसेस क्या है?
कहां मिलता है ट्रैवल इंश्योरेंस?
जब आप कहीं यात्रा करने के लिए टिकट बुक करने जाते हैं, IRCTC की साइट से, तो फाइनल पेमेंट के वक्त IRCTC आपसे ट्रैवल इंश्योरेंस का ऑप्शन देता है, जिसकी कीमत 45 पैसे होती है. अगर उस ऑप्शन पर क्लिक करते हैं, तो फाइनल पेमेंट में ऐड होकर इंश्योरेंस आपको उपलब्ध हो जाती है. इस बात की जानकारी आपको मेल पर भी मिलती है.
ट्रैवल इंश्योरेंस की सुविधा आपको ऑनलाइन माध्यम से टिकट बुक करने पर ही मिलती है. प्लेटफॉर्म से टिकट खरीदने वाले के लिए ट्रैवल इंश्योरेंस की ये सुविधा उपलब्ध नहीं होगी.
ट्रैवल इंश्योरेंस में कितने का बीमा होता है?
45 पैसे के इंश्योरेंस में रेलवे आपको दस लाख रूपये का बीमा देती है. इसमें भी कई प्रावधान है, जो यात्रियों को पहुंची चोट के अनुसार दी जाती है.
उन प्रावधानों को भी जान लीजिए;
रेल दुर्घटना में यात्री की मौत होने पर, रेल दुर्घटना में पूरी तरह दिव्यांग होने पर 10 लाख रूपये हर्जाने के तौर दी जाती है. अगर दुर्घटना में व्यक्ति आंशिक रूप से विकलांग हो जाता है, तो उसे करीब 7.5 लाख रूपये की राशि दी जाती है. वहीं, घायल होने पर करीब 2 लाख रूपये की राशि दी जाती है.
दुर्घटना के बाद इंश्योरेंस क्लेम करने का प्रोसेस:
क्लेम दुर्घटना होने के चार महीने के भीतर आप कभी भी करा सकते हैं. पीड़ित व्यक्ति को अदालत की फाइनल रिपोर्ट चाहिए होगी. उसे दिव्यांगता साबित करने के लिए एक्सीडेंट से पहले और बाद की तस्वीर भी जमा करनी पड़ेगी.
इंश्योरेंस क्लेम करने में इन कागजों की जरूरत पड़ेगी
- रेल ऑथोरिटी की ओर से जारी एक्सीडेंट होने का प्रमाण
- एक्सीडेंट क्लेम फॉर्म पर नॉमिनी और कानूनी वारिस के सिग्नेचर
- दिव्यांग होने वाले व्यक्ति की हादसे से पहले और बाद की तस्वीर
- अस्पताल की फाइनल रिपोर्ट
- सभी बिल पर साइन, सिग्नेचर और स्टॉम्प होने चाहिए.
- मृत यात्री की घोषणा वाली ऑफिशियल रिपोर्ट
- अंत में, NEFT डिटेल्स और कैंसिल चेक जमा संबंधित कार्यलय में जमा करवाना होगा.
हमें आशा है कि ये लेख आपके बड़े काम आएगी, जिससे आप भी आगे से रेल यात्रा के दौरान के ट्रैवल इंश्योरेंस को कम पैसे का मानकर इसे लेने में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतेंगे.