Advertisement

हाई वैल्यू कैश ट्रांजेक्शन में लापरवाही बरतने पर आ सकता है इनकम टैक्स एक्ट के तहत नोटिस

Cash Payment,

क्रेडिट कार्ड का बिल 1 लाख रुपये या उससे अधिक होने पर व्य़क्ति के द्वारा अगर कैश में पेमेंट किया जाता है. विभाग इसे लेकर जवाब मांग सकता है

Written By My Lord Team | Published : June 23, 2023 6:24 PM IST

नई दिल्ली: डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) के दौर में आज भी बहुत से लोग कैश में ही भुगतान करना पसंद करते हैं. छोटे कैश पेमेंट करने वालों के लिए तो कोई परेशानी नहीं हैं लेकिन जो लोग बड़े अमाउंट का भुगतान कैश में करते हैं उन्हे पांच हाई वैल्यू कैश ट्रांजेक्शन से बचना चाहिए नहीं तो उन्हे इनकम टैक्स विभाग की तरफ से आयकर अधिनियम के तहत नोटिस भेजा जा सकता है. आईए डालते हैं उस पर एक नजर.

10 लाख से अधिक कैश जमा

बैंक में अगर आप एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा कैश जमा करता हैं तो इसकी सूचना केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के नियम के अनुसार आयकर विभाग को दी जाती है.

Advertisement

आपके पैसे एक या एक से अधिक खातों में जमा किए गए हो सकते हैं. चुकी तय सीमा से अधिक पैसे जमा किए जा रहे हैं तो आयकर विभाग इन पैसों के स्रोत के बारे में नोटिस भेज कर पूछ सकता है.

Also Read

More News

फिक्स्ड डिपॉजिट

अगर कोई व्यक्ति एक या एक से अधिक एफडी में एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक कैश जमा करता है तब गड़बड़ी की आशंका होने पर आयकर विभाग जमा पैसों के स्रोत को लेकर जवाब मांग सकता है.

Advertisement

बड़े प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन पर

नियमों के अनुसार अगर कोई व्यक्ति प्रॉपर्टी खरीदते समय 30 लाख रुपये या उससे ज्यादा का कैश ट्रांजेक्शन करता है तो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार इसकी सूचना आयकर विभाग को जरूर देगा.

इन परिस्थितियों में इतने बड़े ट्रांजेक्शन की वजह से आयकर विभाग जवाब के लिए नोटिस भेज सकता है.

क्रेडिट कार्ड बिल

क्रेडिट कार्ड का बिल 1 लाख रुपये या उससे अधिक होने पर व्य़क्ति के द्वारा अगर कैश में पेमेंट किया जाता है. विभाग इसे लेकर जवाब मांग सकता है कि आपने पैसे कहां से प्राप्त किए.

इसके साथ ही अगर किसी वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये या उससे अधिक का भुगतान किसी भी तरीके से किया जाता है तो आयकर विभाग सवाल कर सकता है.

शेयर या म्यूचुअल फंड

शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड का क्रेज कितना बढ़ गया है ये किसी से छुपा नहीं है ऐसे में अगर शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बॉन्ड खरीदने में बड़ी मात्रा में कैश का इस्तेमाल कोई व्यक्ति करता है तो आयकर विभाग के रडार पर आ सकता है.

वहीं अगर कोई शख्स 10 लाख रुपये या उससे अधिक का ट्रांजेक्शन करता है तो इसकी जानकारी आयकर विभाग तक पहुंच जाती है. ऐसे में आयकर विभाग आपसे पैसे के स्रोत के बारे में आप से पूछ सकता है.