क्या Income Tax Act के तहत किसी शख्स की मौत के बाद भी उसका ITR भरना जरूरी है?
नई दिल्ली: आपने ये तो जानते हैं कि कमाने वाले व्यक्ति का इनकम टैक्स रिटर्न भरना जरूरी है अगर उसकी आय इनकम टैक्स के दायरे में आती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है इनकम टैक्स भरने से पहले तब इनकम टैक्स विभाग क्या करता है.
इसी तरह के प्रश्न से संबंधित है Income Tax Act की धारा 159, जिसमें बताया गया है कि मृत व्यक्त का भी इनकम टैक्स रिटर्न भरना जरूरी है या नहीं.
I-T Act की धारा 159
इसमें बताया गया है कि कोई ऐसा आयकरदाता है जिसकी मृत्यु हो जाती है टैक्स भरने से पहले ही तो इस धारा में किए गए प्रावधान के अनुसार मृत आय़करदाता की जगह पर उतनी ही राशी उसकी तरफ से उसका कानूनी वारिस जो होगा वो उस टैक्स को भरने के लिए उत्तरदायी होगा.
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विभाग भेजता है नोटिस
इन हालातों में आय़कर विभाग आयकर दाता के घर पर आईटीआर फाइल करने के लिए नोटिस भेजती है. चुकि आय़कर दाता की मृत्यु हो चुकि है इसलिए उसकी जगह उसका कानूनी वारिस उस नोटिस का जवाब देने के लिए उत्तरदायी होगा. इसके साथ ही अगर विभाग की ओर से आयकर दाता पर कोई जुर्माना लगाया गया है या कोई लेट फीस मांगी गई है तो वारिस को उसे देने के लिए बाध्य नहीं किया जाता सकता है.
कौन हो सकता है कानूनी वारिस
मृत व्यक्ति की ओर से हर कोई आईटीआर फाइल नहीं कर सकता है इसके लिए कानूनी रूप से मंजूरी लेनी पड़ती है. कोर्ट मृत व्यक्ति के किसी करीबी सदस्य जैसे पति-पत्नी या बेटे-बेटी या किसी और को कानूनी वारिस बना सकती है. अगर आप चाहें तो स्थानीय नगर निगम से भी कानूनी वारिस की मान्यता हासिल कर सकते हैं.
खुद को करें रजिस्टर
कानूनी वारिस बनने की अनुमति मिलने के बाद आयकर विभाग की वेबसाइट पर खुद को मृत व्यक्ति के कानूनी वारिस के तौर पर रजिस्टर करना होगा .
इसके लिए कोर्ट से या नगर निगम से मिली कानूनी वारिस प्रमाण पत्र की कॉपी भी जमा करना होगा. जिसके बाद ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होगी. प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद आयकर विभाग की तरफ से इसकी सूचना भेज दी जाती है.
इन बातों का रखें ख्याल
किसी भी मृत व्यक्ति का आईटीआर भरते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखें. कानूनी वारिस बनते ही व्यक्ति को मृत व्यक्ति के आईटीआर खाते में लॉगिन करने की सहूलियत मिल जाती है.
आईटीआर भरने के बाद आयकर विभाग उस खाते को बंद कर देती है, क्योंकि खाताधारक की मौत हो चुकी है.
मृत व्यक्ति का आईटीआर भरते वक्त उस शख्स का मृत्यु प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड, आपका पैन और आधार कार्ड और साथ ही कानूनी वारिस बनाए जाने के प्रमाण पत्र की जरूरत होगी.
आईटीआर भरने के बाद अगर कोई रिफंड आता है तो वह मृत व्यक्ति के खाते में ही आएगा. उस पैसे को निकालने के लिए आपको बैंक जाना होगा. उस खाते से पैसे निकालने के बाद उसको बंद करवाना होगा.