कैसे दे इनकम टैक्स धारा 142(1) के नोटिस का जवाब
हमारे देश में प्रत्येक नागरिक के लिए जिसकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है उसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर भरना जरूरी है. लेकिन किसी नागरिक की कुल सालाना आय 2.5 लाख से कम हो या उसकी कुल सालाना आय सिर्फ़ कृषि और उससे जुड़े कार्य से होती है, तो फिर ऐसे व्यक्ति को आईटीआर भरने की जरूरत नहीं हैं. प्रत्येक वर्ष की 31 जुलाई इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख होती है.
कितनी आय पर टैक्स
तो अब जान गए होंगे कि कोई भी व्यक्ति जिसकी आय कम से कम 2.5 लाख से अधिक है उसे आईटीआर भरना जरूरी है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति 2.5 लाख से ज्यादा आय के बावजूद इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरता है तो उसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस भेज सकता है. दूसरा आपके द्वारा रिटर्न भरते समय कोई गलती हो गयी है या फिर रिटर्न में आने गलत जानकारी प्रदान की है ऐसी स्थिति में भी आपको नोटिस मिल सकता है.
कब जारी किया जाता है नोटिस
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 142(1) के तहत नोटिस आपको तब जारी किया जा सकता है जब आप आईटीआर दाखिल करते हैं, और असेसिंग ऑफिसर (Assessing Officer) को आपके रिटर्न दावों की पुष्टि करने वाले दस्तावेजों या जानकारी की आवश्यकता होती है. दूसरा कारण है आपके द्वारा किसी वित्तीय वर्ष के लिए आईटीआर दाखिल नहीं किया है, असेसिंग ऑफिसर आपको ऐसा आईटीआर दाखिल करने के लिए कहता है. इस नोटिस का कारण है कि असेसिंग ऑफिसर (Assessing Officer) आपके रिटर्न का निष्पक्ष मूल्यांकन करना चाहता है.
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नोटिस आने पर क्या करें
अगर आपको आयकर विभाग से कोई नोटिस आया है तो आपको घबराने की बिलकुल जरूरत नहीं है. सबसे ज्यादा जरूरी है आपको मिले नोटिस को सही और शांती से पढकर उसे समझना की आपको यह नोटिस किस कारण से भेजा गया है.
अगर आपने किसी वित्तीय वर्ष में आईटीआर दाखिल नहीं किया है तो ऐसी स्थिति में आपको इनकम टैक्स एक्ट की धारा 142(1) का नोटिस दिया जा सकता है. इस नोटिस को साधारण तरीके से समझे तो यह नोटिस आपको के लिए एक संदेश है कि को अपना पिछला रिकॉर्ड की जानकारी करनी है कि आप क्या जानकारी देना भूल गए है.
इसका यह मतलब है कि करदाता द्वारा किसी वर्ष में आईटीआर दाखिल नहीं की गई है लेकिन पिछले वर्षों के रिटर्न आधार पर, असेसिंग ऑफिसर (Assessing Officer) धारा 142(1) नोटिस के जरिये करदाता से इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की मांग करता है.
नोटिस का जवाब कैसे दें
इस नोटिस का जवाब देना बहुत आसान है. सबसे पहले आपके द्वारा नोटिस से पहले भरे गए सभी रिटर्न की जानकारी चेक करनी है और उसके बाद जिस वर्ष या करंट वर्ष का आईटीआर आपने नहीं भरा है उस वर्ष का आपको आईटीआर दाखिल करना है. आईटीआर दाखिल करने के बाद विभाग द्वारा जो रसीद आपको ऑनलाइन या मैसेज द्वारा प्राप्त होती है. उसके साथ रिटर्न की एक प्रति सूचना असेसिंग ऑफिसर (Assessing Officer) को पत्र के जरिये भेजनी होगी.
कब लगता है जुर्माना
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सूचना असेसिंग ऑफिसर (Assessing Officer) द्वारा धारा 142(1) के तहत भेजे गए पहले नोटिस का जवाब नहीं देने पर या मांगी गई जानकारी नहीं भेजने पर सूचना असेसिंग ऑफिसर धारा अंतर्गत बेझे गए नोटिस का पालन नहीं करता है तो फिर असेसिंग ऑफिसर (Assessing Officer), ऐसे व्यक्ति के खिलाफ दूसरा नोटिस जारी करते हुए 10,000 रुपये का जुर्माना लगा सकता है.
अगर अधिकारी संतुष्ट नहीं हैं और विभाग को आईटीआर भरने वाले की ओर से गलत जानकारी दी गयी है तो असेसिंग ऑफिसर (Assessing Officer) इनकम टैक्स एक्ट की धारा 276D के तहत मुकदमा दर्ज करा सकता है. आपके द्वारा गलत जानकारी दिया जाना साबित होने पर अदालत आपको 1 वर्ष की सजा सुना सकती है और भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
आयकर विभाग द्वारा भेजे गए नोटिस से कभी डरे नहीं, बल्कि सही तरीके से वास्तविक जानकारी के आधार पर समय पर जवाब देना ही सबसे बेहतर उपाय है.