Advertisement

Budget 2024: इनकम टैक्स स्लैब से वित्त मंत्री ने हटाया पर्दा, जानिए नए टैक्स स्लैब में कितनी आय पर कितना लगेगा कर

बजट सत्र

वित्त मंत्री ने न्यू टैक्स रिजीम में नए टैक्स स्लैब का ऐलान करते हुए कहा कि 3 लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं लगेगा.

Written By Satyam Kumar | Updated : July 23, 2024 2:35 PM IST

New Tax Slab:  बजट 2024-25 के सत्र के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोगों की उत्सुकता पर ब्रेक लगा दिया है. बजट का दिन हो, तो जल्द से जल्द लोग, खासकर टैक्सपेयर्स टैक्स स्लैब का इंतजार करते हैं. लोग के मन में ये आशा रहती है कि सरकार से उनकी आय में कितनी राहत मिलेगी! इनकम टैक्स में कितनी छूट मिलेगी. वित्त मंत्री ने इस उत्सुकता पर पर्दा हटा दिया है.नए इनकम टैक्स स्लैब भी सामने आ गया है. नए टैक्स स्लैब के अनुसार एक लाख से तीन लाख तक की सलाना आय के लिए कोई कर नहीं देना पडे़गा.

वित्त मंत्री ने न्यू टैक्स रिजीम में नए टैक्स स्लैब का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि 3 लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं लगेगा. साथ ही 3-7 लाख रुपए तक सलाना कमाई करनेवाले टैक्सपेयर्स को 5% टैक्स तक देना पड़ेगा.वहीं 7-10 लाख तक की आय वाले लोगों को अपनी कुल कमाई का 10% टैक्स के रूप में देना पड़ेगा.

Advertisement

Up to 3,00,000: Nil

Also Read

More News

3,00,001 to 7,00,000: 5%

Advertisement

7,00,001 to 10,00,000: 10%

10,00,001 to 12,00,000: 15%

12,00,001 to 15,00,000: 20%

15,00,000 से ऊपर: 30%

इस बजट में युवाओं को नौकरी व इंटर्नशिप के लिए विशेष जोड़ रहेगा. साथ ही IBC के तहत और NCLT खोलने का लक्ष्य रखा गया है जो देश में कंपनी के दिवालिया कानून को प्रभावी तौर पर लागू करने में मददगार साबित होगी.

TDS भरने में देरी होने पर अब नहीं चलेगा अपराधिक मुकदमा 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट सत्र के दौरान टैक्सपेयर्स को टीडीएस को लेकर एक बड़ी सौगात दी है. वित्त मंत्री ने कहा है कि अब टीडीएस भरने में देरी होने पर अपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जाएगी. साथ ही वित्त मंत्री ने ये भी कहा कि अब से हर छह महीने पर इनकम टैक्स कानून की समीक्षा की जाएगी, वहीं इस वित्त वर्ष से ई-कामर्स पर TDS की दर घटाकर 0.1% होगा.

ऐसा करने के पीछे वित्त मंत्री ने बताया कि इस फैसले से इमानदार टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिलेगी. टीडीएस फाइल करने में देरी होने पर कार्रवाई करने से इमानदार टैक्सपेयर्स को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता था.