ICJ में रूस के खिलाफ वोट करने वाले कौन है भारतीय जज दलवीर भंडारी
नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ), जिसे कभी-कभी विश्व न्यायालय के रूप में जाना जाता है, वह न्यायालय है जो अंतर्राष्ट्रीय कानून की व्याख्या करता है और देशों के बीच कानूनी विवादों का सुलझाता करता है. यह अदालत संयुक्त राष्ट्र का हिस्सा है और इसमें 15 न्यायाधीश हैं जिनका कार्यकाल 9 साल का होता है, जिनमे से एक जज दलवीर भंडारी है जो 2012 से इस कोर्ट के सदस्य हैं.
दलवीर भंडारी को 2017 में दूसरे कार्यकाल के लिए चुना गया था. हालांकि यूनाइटेड किंगडम के उम्मीदवार क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के साथ एक कड़ी प्रतिस्पर्धा थी, लेकिन अंत में न्यायाधीश धालवीर को फिर से चुना गया और ICJ के 71वें वर्ष के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि अब कोई ब्रिटेन से न्यायाधीश में नहीं है.
हालांकि वह मूल रूप से 2012 में जॉर्डन के जज अवन अल-खसावनेह के इस्तीफे के बाद चुने गए थे ,जिससे वह ICJ में न्यायाधीश बनने वाले चौथे भारीतय बन गए.
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रह चुके हैं सुप्रीम कोर्ट के जज
1947 में जोधपुर में पैदा हुए न्यायाधीश दलवीर ने जोधपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री पूरी की और नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी शिकागो से LLM किया. उन्होंने शुरू में राजस्थान उच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में अभ्यास किया, फिर राजस्थान हाई कोर्ट में तब तक काम किया जब तक कि उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत नहीं किया गया.
शिक्षाविदों और अंतर्राष्ट्रीय कानून में विशेषज्ञता वाले अन्य क्षेत्रों में उनका असाधारण करियर रहा है, वह एशियन सोसाइटी ऑफ इंटरनेशनल लॉ के सलाहकार बोर्ड के सदस्य रहे है, साथ ही में 2007 से इंडिया इंटरनेशनल लॉ फाउंडेशन के अध्यक्ष रहे है और साथ ही में कई वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट में इंटरनेशनल लॉ एसोसिएशन के सदस्य भी रहे हैं.
13 साल तक दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में काम करने के बाद उन्हें बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया, वहीं 2005 में उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया.
लेकिन, निश्चित रूप से यह उनके कानूनी करियर की असाधारण यात्रा की शुरुआत थी और यह एक नई ऊंचाई पर तब पहुंच गया जब 2012 में उन्हें अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया.
कानून की दुनिया में वह एक जाने-माने शख्सियत है, जहा उनके काम की सरहाना की जाती रही है और इसका सबसे बड़ा उद्धरण यह है की उन्हें 2014 में भारत सरकार द्वारा "पद्म भूषण" से सम्मानित किया गया था, जो भारत में तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है.
कुलभूषण से लेकर रूस मामले में यह रह चुके है न्याय-पीठ का हिस्सा
न्यायाधीश दलवीर भंडारी 2012 से ICJ के सामने आने वाले हर मामले का हिस्सा रहे हैं. इनमें से सबसे प्रमुख मामले में कुलभूषण जाधव, यूक्रेन पर रूस का आक्रमण और अंटार्कटिका में व्हेल के शिकार का मामला शामिल है. 2017 में भारत ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पकड़ने और उन्हें वकील उपलब्ध नहीं कराने के लिए ICJ में पाकिस्तानी के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
इसके अलावा पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने कुलभूषण यादव को फांसी देने का फैसला दिया था, जिसमें ICJ ने सर्वसम्मत फैसले से पाकिस्तान को फांसी की सजा से आगे नहीं बढ़ने का आदेश दिया था.
न्यायाधीश दलवीर भंडारी ने फैसले से अलग एक घोषणा दी, जहां उन्होंने कहा "यह प्रशंसनीय है कि भारत उन अधिकारों को रखता है जो वह दावा कर रहा है" और यह भी कहा कि " भारत सरकार को उनसे मिलने या वकील की अनुमति नहीं देकर जाधव के बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया है".
यहां तक कि जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया, तो वह उन अधिकांश न्यायाधीशों में से थे, जिन्होंने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के खिलाफ मतदान किया था, जिसके बाद ICJ ने रूस को यूक्रेन पर आक्रमण को निलंबित करने का आदेश देते हुए कहा था और इस बल प्रयोग को "गंभीर रूप से चिंता का विषय बताया गया.
यह विशेष रूप से एक महत्वपूर्ण निर्णय था क्योंकि भारत ने संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ प्रस्ताव लाने पर ना ही रूस के खिलाफ और न ही रूस के पक्ष में वोट किया था और यह सबको भली भांति पता है की रूस-यूक्रेन मामले में भारत ने किसी के पक्ष में खुल के नहीं बोला है जिसका सीधा सम्बन्ध भारत और रूस के गहरे सम्बन्ध में है.
हालांकि बाद में भारत ने स्पष्ट किया था कि रूस के खिलाफ वोट न्यायाधीश दलवीर भंडारी की व्यक्तिगत क्षमता में था
कैसे होती है ICJ में जजों की नियुक्ति?
ICJ के न्यायाधीश 9 साल की अवधि के लिए चुने जाते हैं, जबकि ICJ के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तीन साल की अवधि के लिए गुप्त मतदान के माध्यम से चुने जाते हैं. हर देश अपने उम्मीदवारों का प्रस्ताव कर सकता है, हालांकि हर सरकार चार लोगों के एक समूह को चुनता है जो ICJ के न्यायाधीशों के पद के लिए उम्मीदवारों का प्रस्ताव रखता है.
मतदान संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्यों द्वारा किया जाता है और दोनों परिषदों में पूर्ण बहुमत प्राप्त करने वाले न्यायाधीशों का चयन किया जाता है. न्यायाधीश भंडारी ने 2017 में अपने चुनाव में UNGA में 122 मत प्राप्त किए और 15 देशों की UNSC में 13 मत प्राप्त किए.