बीमार कैदियों के लिए क्या है कारागार अधिनियम के तहत प्रावधान
नई दिल्ली: अक्सर कारागार में कैदी के बीमार होने की या मृत्यु की खबरें सामने आती रहती हैं. लापरवाही के आरोप भी जेल अधिकारियों पर लगाए जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि जेल में बंद बीमार कैदियों के इलाज के लिए क्या नियम हैं. जानकारी के लिए आपको बता दें कि ऐसे कैदियों के इलाज के लिए और कारागार अधिनियम में प्रावधान किया गया है.
इस अधिनियम की धारा 37 में यह बताया गया है अगर किसी कैदी का स्वास्थ्य खराब होता है या वह चिकित्सीय मदद चाहता है तो उसके लिए कानून क्या कहता है.
कारागार अधिनियम की धारा 37
इस अधिनियम को दो उप धाराओं में विभाजित किया गया है. इसकी उपधारा 1 के अनुसार, चिकित्सा अधीनस्थ को देखने के इच्छुक या मन या शरीर से अस्वस्थ दिखने वाले कैदियों के नाम, ऐसे कैदियों के तत्काल प्रभारी अधिकारी द्वारा जेलर को अविलंब सूचित किए जाएंगे.
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उपधारा 2- इन हालातों में जेलर की यह ड्यूटी होगी कि वह बिना किसी देरी के, चिकित्सा अधीनस्थ का ध्यान उस कैदी की ओर आकर्षित करेगा, जो उसे देखना चाहता है, या जो बीमार है, या जिसकी मन या शरीर की स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है, और चिकित्सा अधिकारी या चिकित्सा अधीनस्थ द्वारा ऐसे किसी कैदी के अनुशासन या उपचार में परिवर्तन के संबंध में दिया गया सभी लिखित निर्देशों को प्रभावी करेगा.
चिकित्सा अधिकारी के निर्देशों का रिकॉर्ड
इस एक्ट की धारा 38 में बताया गया है कि बीमार कैदी के इलाज के लिए डॉक्टर के द्वारा दिए गए निर्देशों का रिकॉर्ड भी रखा जाएगा.
चिकित्सा अधिकारी या चिकित्सा अधीनस्थ द्वारा किसी भी कैदी के संबंध में दिए गए सभी निर्देश, दवाओं की आपूर्ति के आदेशों के अपवाद के साथ या ऐसे मामलों से संबंधित निर्देश जो चिकित्सा द्वारा प्रभावी होते हैं अधिकारी स्वयं या उसके अधीक्षण के अधीन, बंदी के इतिहास-टिकट में या ऐसे अन्य अभिलेख में, जैसा कि 16 [राज्य सरकार] नियमानुसार निर्देशित करे, प्रतिदिन दर्ज किया जाएगा, और जेलर उसके उचित स्थान पर एक प्रविष्टि करेगा, जिसमें उसके संबंध में उल्लेख होगा.
प्रत्येक निर्देश का अनुपालन किया गया है या नहीं किया गया है, इस तरह की टिप्पणियों के साथ, कई जानकारी रिकॉर्ड किए जाएंगे.
अस्पताल की सुविधा
कारागार अधिनियम की धारा 39 में जेल में बीमार कैदियों के लिए अस्पताल की सुविधा मुहैया कराने का नियम बनाया गया है. जिसके अनुसार प्रत्येक जेल में बीमार कैदियों के स्वागत के लिए एक अस्पताल या उचित स्थान उपलब्ध कराया जाएगा.