CPC के तहत किसी को Legal Notice भेजने की क्या है प्रक्रिया- जानिये
नई दिल्ली: सामान्यतौर पर कोई भी व्यक्ति कानूनी दांव-पेंच में नहीं फँसना चाहता और इसका मुख्य कारण है कि न्यायप्रणाली के काम करने का तरीका बहुत ही सुस्त दिखाई देता है। सिविल मामलों में हम अक्सर ऐसा देखते है कि जब किसी व्यक्ति को समस्या होती है तो सबसे पहले वो मामले के समाधान के लिए न्यायालय की ओर रुख करता है और न्यायालय से न्याय की गुहार लगाता है, जिसमें उसका अच्छा खासा समय और धन खर्च हो जाता है।
हमारे कानून (Civil Procedure Code, 1908) में न्यायालय जाने से पहले दूसरे पक्ष को एक लीगल नोटिस भेजने का भी प्रावधान किया गया है जिसके तहत हम अपने समय की बर्बादी और पैसा भी बचा सकते हैं, और सरल तरीके से न्याय भी प्राप्त कर सकतें है, आइये जानते है कैसे यह लीगल नोटिस भेजी जाती है.
CPC की धारा 18 - Legal Notice
Legal Notice देने की प्रक्रिया कानूनी रूप से आगे बढ़ती है। इस नोटिस के द्वारा आप अपने विरोधी लोगों को कानूनी चेतावनी दे सकते हैं। जब काम खुद से नहीं हो सके तो ऐसे कार्य में कानूनी धमकी दी जा सकती है, जिसके जरिये हमारा बिगड़ा हुआ काम बन सकता है। Legal Notice में अपनी सारी शर्तों को शामिल किया जाता है यदि तय समय सीमा के अंदर आपके काम ना हो सके तो कानूनी कार्यवाही भी की जा सकती है। Legal Notice के माध्यम से हम अपनी समस्याओं से बाहर आ सकते हैं।
लीगल नोटिस क्यों भेजी जाती है?
Legal Notice के माध्यम से हम अपना अधिकार ले सकते हैं। जब भी ऐसा लगे कि किसी ने हमारे साथ गलत किया है या किसी बात के लिए धोखा दिया है तो ऐसे समय में Legal Notice भेजी जा सकती है। यदि किसी ने आपकी बेइज़्ज़ती की है या किसी का चेक बाउंस हो या कोई बहुत बड़ा नुकसान हुआ है तो ऐसे में लीगल नोटिस भेजना सही रहता है। लीगल नोटिस भेजने से सामने वाला व्यक्ति आपकी बात सुनने के लिए बाध्य होता है।
लीगल नोटिस तभी भेजा जाता है, जब कोई काम आसानी से ना हो सके। एक बार कोर्ट में लीगल नोटिस भेजा जाए तो वापस नहीं लिया जा सकता है इसलिए Legal Notice भेजते समय अच्छे से बनाएं जिससे कोई भी गलती ना होने पाए। यह नोटिस बनाने का काम किसी अच्छे वकील को ही देना चाहिए जिससे गलती की गुंजाइश ना हो और आसानी से काम भी हो जाए।
इन बातों का रखे ध्यान
जब भी किसी को आप लीगल नोटिस भेजें तो इन बातों को ध्यान में रखें । नोटिस में सबसे ऊपर दिनांक लिखिए उसके बाद लीगल नोटिस भेजने वाले का नाम एवं पता लिखिए। अगर आप एक से ज्यादा लोगों को Legal Notice भेज रहे हैं, तो सीरियल नंबर लिख कर नाम लिखें। अगर व्यक्ति किसी कंपनी, ऑफिस में हो, तो उनके ऑफिस के पते का विवरण दें। फिर सब्जेक्ट लिखने की जगह नोटिस का टाइटल लिखें, इससे यह बात समझ आ जाएगी कि आपने लीगल नोटिस भेजा है।
जिस कारण से आप लीगल नोटिस भेज रहे हैं, उसका भी पूरा विवरण दें ताकि उन्हें बात समझ में आ सकें। अपनी शर्तों और बातों को मानने के लिए जो समय आपने दिया है, उसका भी पूरा ब्यूरा दें। Legal Notice स्पीड पोस्ट, कूरियर से भी भेज सकते हैं और उसका भी पूर्ण विवरण देना चाहिए।
Legal Notice में किसी भी प्रकार से शर्त पूरी ना होने की दशा में नुकसान की राशि का विवरण दें। साथ में कोर्ट में जाने की बात स्पष्ट करें। लीगल नोटिस के हर पेज पर अपने हस्ताक्षर करें। जिसे भी नोटिस भेजा जा रहा है, उसे नोटिसी कहा जाता है। एक से ज्यादा लोगों को नोटिस भेजना हो, तो नोटिसी 1 और नोटिसी 2 के नाम से भी संबोधित किया जा सकता है। लीगल नोटिस का जवाब कैसे दें?
कानूनी नोटिस का जवाब कैसे दें?
यदि आपको किसी ने Legal Notice भेज दिया है। तो आपको इसका जवाब देना होगा। नोटिस का जवाब देते समय भी सही प्रकार से सारी जानकारी लिखा जाना चाहिए। जिसने भी लीगल नोटिस भेजा हो उसका नाम व ऑफिस के पते पर ही जवाब लिखें। सबसे पहले आप विरोधी पार्टी के वकील को संपूर्ण स्थिति से अवगत कराएं। आप उनको बताएं कि आप समस्त जानकारी से अनजान थे और आपके साथ धोखा हुआ है।
उसके बाद नोटिस के जवाब में पूरी बात बताएं ताकि उन्हें भी समझ आए कि सच्चाई क्या है? जवाब में अपनी भी शर्तों को लिखा जा सकता है। Legal Notice के जवाब की फीस की मांग भी किया जा सकता है. नोटिस की हर पेज पर हस्ताक्षर करना ना भूलें। बहुत जरूरी होने पर Legal Notice का जवाब दें वरना सामने वाली पार्टी को आपके डिफेंस का पता चल जाएगा।