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Sale Deed क्या है? स्वामित्व हस्तांतरण के लिए क्यों है जरूरी

एक खरीदार होने के नाते, आपके निवेश से संबंधित सभी पहलु के बारे में पता होना आवश्यक है. संपत्ति खरीदने में पैसे का निवेश करने से पहले खुद को धोखाधड़ी से बचाने के लिए निवारक उपाय करना चाहिए. Sale deed भी उस निवारक उपायों का एक अभिन्न हिस्सा है.

Written By My Lord Team | Published : February 24, 2023 9:45 AM IST

नई दिल्ली: संपत्ति धोखाधड़ी, यानी संपत्ति के स्वामित्व का गैरकानूनी हस्तांतरण हमारे देश में तेजी से बढ़ते अपराधों में एक है. इसमें आमतौर पर संपत्ति के कागजी कार्रवाई को पूरा न करके, मालिक और खरीदार को धोखा दिया जाता है. इस धोखाधड़ी से बचने के लिए विक्रेता और क्रेता को संपत्ति खरीदने व बेचने के समय कागजी कारवाई का खास ध्यान रखना आवश्यक है.

Sale deed ऐसा ही एक लिखित प्रमाण है, जो क्रेता को भविष्य में किसी आपत्ति पूर्ण झगड़े से बचाता है. Transfer of Property Act, 1882 या संपत्ति अधिनियम, 1882 धारा 54 के तहत Sale deed को परिभाषित किया गया है. इस अधिनियम के अधीन- भुगतान या वादा किए गए मूल्य के बदले में, संपत्ति के स्वामित्व का हस्तांतरण हीं "बिक्री" है.

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Sale deed क्या है

Sale deed संपत्ति के हस्तांतरण का रिकॉर्ड होता है, यानी संपत्ति का स्वामित्व विक्रेता से क्रेता को हस्तांतरण करने के लिए इस deed को बनवाना आवश्यक होता है. जब भी आप किसी संपत्ति -जमीन, मकान ,दुकान, फ्लैट या अन्य कोई संपत्ति को खरीदना या बेचना चाहते है तो Sale deed आपको बनानी होगी. इसमें संपत्ति का विवरण शामिल होता है और प्रत्येक पार्टी के अधिकारों और दायित्वों को पूर्व निर्धारित करता है.

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बोलचाल की भाषा में इसे बिक्रीनामा या बिक्री विलेख भी कहते हैं. यह मूल रूप से एक कानूनी दस्तावेज है जो संपत्ति के अधिकारों को विक्रेता से खरीदार के नाम पर स्थानांतरित करने में समर्थ बनाता है.

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Sale deed क्यों जरूरी है

Sale deed किसी भी प्रकार की संपत्ति संबंधित अस्पष्टता से विक्रेता और क्रेता की रक्षा करता है. खरीदार को वह कागज़ मिलता है जिसमें क्षेत्र का विवरण अच्छी तरह से परिभाषित किया गया है, ताकि बाद में हुई परेशानी के लिए क्रेता के पास एक संदर्भ मौजूद हों.

कई मामलों में ऐसे होते है कि, संपत्ति में संबंधित कोई न कोई बकाया, या किसी वारिस का दावा , होम लोन, सरकार को कोई बकाया टैक्स इत्यादि होता है, जिसके कारण आप के साथ फ्रॉड या बाद में आपको किसी तरह से परेशानी हो सकती है, इसलिए Sale deed अनिवार्य है. यह प्राथमिक कानूनी दस्तावेज के रूप में कार्य करता है जो विक्रेता से खरीदार को संपत्ति के बिक्री और स्वामित्व के हस्तांतरण की पुष्टि करता है. यह खरीदार की संपत्ति के स्वामित्व का अपना प्रमाण स्थापित करता है और बाद की बिक्री के लिए भी आवश्यक दस्तावेज है.

सावधानियां

यदि आप कोई संपत्ति को खरीदना चाहते हैं तो संपत्ति खरीदने से पहले आपको कुछ आवश्यक जानकारी रखनी चाहिए और कुछ सावधानियां जरूर बरतें. जैसे-

संपत्ति के विक्रेता के बारे में अच्छी जांच करें और यह पुष्टी आवश्यक है की बेचने वाला ही उस संपत्ति का मालिक है. सम्पति में विक्रेता का Clear title होना चाहिए.

संपत्ति को खरीदने से पूर्व आप उस संपत्ति के बारे में पिछले 30 से 40 वर्षों का लेन देन का इतिहास जान लें.

आप यह जान लें की संपत्ति में स्वामित्व को लेकर कोई भी समस्या नहीं है. संपत्ति में संबंधित कोई बकाया, या किसी वारिस का दावा , होम लोन, सरकार को कोई       बकाया टैक्स इत्यादि की जानकारी सुनिश्चित करें.

ध्यान दें की Sale deed में कोई अस्पष्ट condition न हो तथा सभी जानकारियों से संतुष्ट होने के बाद-

  • संपत्ति की कीमत विक्रेता से तय कर उचित डील फाइनल करें
  • डील फाइनल होने के बाद एग्रीमेंट ऑफ सेल बनवाए. इसमें आप संपत्ति के मूल्य का 10% देकर करार करते हैं
  • एग्रीमेंट ऑफ सेल में संपत्ति के हस्तांतरण के विषय में टर्म और कंडीशन लिखी होती है जैसे- पूरे पैसे चुकाए जाने के विषय में ,पैसे देने का माध्यम, यदि parties डिफॉल्टर हो जाये तो उस समय की स्थिति के संबंध में टर्म एंड कंडीशन आदि.
  • सारी राशि देने के बाद Sale deed बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है
  • Sale deed एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है अत: इसे किसी अच्छे जानकार वकील से बनवाएं
  • सब-रजिस्ट्रार के पास Sale deed का पंजीकरण कराएं
  • रजिस्ट्रेशन के बाद आप सम्पति का उपभोग कर सकते है- mortgage, lease, या फिर sell भी कर सकते है

Sale deed में क्या लिखें

Sale deed में सभी अधिकारों और दोनों पक्षों के दायित्वों को विस्तार से कागजी दस्तावेजों में शामिल करने से, दोनों पक्षों के लिए संपत्ति संबंधित जोखिम कम होता है, इसलिए अनिवार्य है की सभी बातों को स्पष्ट रूप से deed में शामिल किया जाए. पंजीकरण अधिनियम 1908 के तहत, Sale deed को गैर-कानूनी टिकट पत्र (non-legal stamp paper) पर लिखा जाता है. अपने अनुसार sale deed बनाए, पहले के किसी मॉडल ड्राफ्ट की कॉपी न करें.

दोनों पक्षों का विवरण: Sale deed में सबसे पहले दोनों पक्षों का विवरण होना चाहिए जैसे-विक्रेता और क्रेता का नाम, पता ,उम्र आदि

संपत्ति का विवरण: संपत्ति के डिटेल- जैसे संपत्ति कहां स्थित है, मूल्य, अगर संपत्ति पर कंस्ट्रक्शन है, तो उसका मूल्य, संपत्ति का क्षेत्र इत्यादि.

भुगतान विवरण: इसके बाद पेमेंट का माध्यम जैसे-चेक से या ड्राफ्ट से, नेट बैंकिंग या कैश और भुगतान की तारीख भी स्पष्ट रूप से बताएं. यदि कोई advance payment या part payment किया जाता है, तो इसे भी sale deed में लिखें. यदि भुगतान किस्तों में किया जाना हो,तो इसका भी विवरण deed में शामिल करें

संपत्ति का कब्जा: Sale deed बनाने का उद्देश्य होता है,संपत्ति के स्वामित्व का हस्तांतरण, इसलिए deed में transfer of ownership/title लिखा होना चाहिए. Sale deed में प्रॉपर्टी Handover की तारीख का भी जिक्र होगा.

संपत्ति के गवाह: Sale deed में भाग लेने के लिए दो गवाह अनिवार्य हैं. दोनों पक्षों से कम से कम एक गवाह को Sale deed पर हस्ताक्षर करना चाहिए साथ ही गवाह को अपना पूरा नाम, पता और उम्र भी साझा करना होगा.

अनिवार्य खुलासे: सम्पति में कोई lien जैसे- बकाया कर, ऋण, शुल्क नहीं है, इस बात को भी sale deed में लिखना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि संपत्ति से संबंधित सभी शुल्कों को मुक्त कर दिया गया है और इसके अलावा, विक्रेता संपत्ति की बिक्री को अंतिम रूप देने से पहले किसी भी बंधक और ऋण का भुगतान करेगा.

विवाद में: विवाद की स्थिति में मामले को कैसे सुलझाना है, जैसे:- mediation या arbitration या court में, इसे भी deed में तय किया जाना चाहिए.

पंजीकरण कैसे कराए

Sale deed को बनाने के 4 माह के अंदर पंजीकृत करा लेना चाहिए. संपत्ति या संपत्ति का कोई अंश जिस जिला में हो उस जिला के sub-registrar के पास जाकर Sale deed का पंजीकरण करा सकते हैं.

पंजीकरण कराते वक्त इन दस्तावेज़ों को साथ रखना आवश्यक होता है- Sale deed का ड्राफ्ट(2 कॉपी), सम्पति का नक्शा, सम्पति का फोटो, प्रॉपर्टी क्रेता और विक्रेता का फ़ोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, दोनों गवाहों का आधार कार्ड, पैन कार्ड ,स्टैंप ड्यूटी के भुगतान से संबंधित रिसिप्ट, कन्वेंस फीस भुगतान के संबंध में रिसिप्ट,रजिस्ट्रेशन फीस भुगतान के संबंध में रिसिप्ट.

Sale deed की प्रक्रिया

  • सबसे पहले किसी अच्छे वकील से Sale deed ड्राफ्ट करा ले.
  • इसके बाद संपत्ति के मूल्य के अनुसार आपके राज्य में देने वाले स्टांप ड्यूटी जमा करें.
  • Sale deed में विक्रेता, क्रेता और गवाहों अपना-अपना साइन करें.
  • इसके बाद दोनें गवाहों के साथ रजिस्ट्रार के पास जाएं, रजिस्टर के सामने आप सभी ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स लेकर जाए.
  • सभी दस्तावेज देखने के बाद रजिस्टर यह देखता है कि वह संपत्ति उसके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत है या नहीं. इसके बाद यह देखा जाता है कि आपने स्टाम्प ड्यूटी जमा किया है या नहीं. ये सभी जांच करने के बाद रजिस्ट्रार, certificate of registration जारी करता है.
  • Certificate of registration जारी करने के बाद मूल sale deed खरीदार को दे दिया जाता है और एक कॉपी रजिस्ट्रार अपने पास रखता है.

Fee: आमतौर पर प्रॉपर्टी क्रेता को ही स्टाम्प ड्यूटी देनी होती है. स्टाम्प ड्यूटी प्रत्येक राज्य में अलग-अलग होता है. यह प्रॉपर्टी के कीमत का 4% से 10% तक हो सकता है. स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान आप अपने राज्य अनुसार भुगतान कर सकते है. आप इस राशि का भुगतान किसी भी माध्यम जैसे- ऑनलाइन चालान, cash या फिर स्टाम्प पेपर खरीदकर भी कर सकते है. स्टाम्प ड्यूटी के अलावे conveyance fee और registration fee भी देनी होती है.