लुकआउट नोटिस क्या है? इसे कौन और किन परिस्थितियों में जारी करता है
नई दिल्ली: भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में वाराणसी पुलिस ने आरोपित गायक समर सिंह और उसके भाई संजय सिंह के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है. सारनाथ थानाध्यक्ष धर्मपाल सिंह ने न्यूज एजेंसी भाषा को यह जानकारी दी है कि आरोपितों के विदेश भागने की आशंका के मद्देनजर सभी हवाई अड्डों के प्रशासन को उनके बारे में विस्तृत विवरण भेज दिया गया है ताकि वे देश छोड़ कर न भाग सकें.
गौरतलब है कि भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री आकांक्षा दुबे गत 26 मार्च को वाराणसी के सारनाथ स्थित एक होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं. उनके गले में फांसी का फंदा लगा पाया गया था. फिलहाल पुलिस मामले की तहकीकात में लगी हुई लेकिन क्या आप जानते हैं कि लुकआउट नोटिस क्या होता है और यह किसके लिए जारी किया जाता है और कौन जारी करता है चलिए जानते हैं.
क्या होता है लुक आउट नोटिस
लुक आउट सर्कुलर यानी LOC को लुक आउट नोटिस के नाम से भी जाना जाता है. किसी केस में वांछित व्यक्ति (चाहे वह संदिग्ध/अपराधी हो) देश छोड़कर बाहर न जा पाए इसके लिए लुक आउट नोटिस जारी किया जाता है. इस नोटिस के जारी होने के बाद आरोपित के देश छोड़कर जाने पर पाबंदी लग जाती है.
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लुक आउट नोटिस का इस्तेमाल इंटरनेशनल बॉर्डर जैसे- एयरपोर्ट, समुद्री क्षेत्र और बंदरगाहों पर इमिग्रेशन जांच के लिए किया जाता है. लुक आउट नोटिस जारी होने का मतलब है कि इमिग्रेशन अफसर ऐसे व्यक्ति को एयरपोर्ट पर ही रोक सकते हैं या उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं.
लुक आउट नोटिस कौन जारी करता है?
लुक आउट सर्कुलर गृह मंत्रालय या अन्य आधिकारिक सरकारी एजेंसियों के द्वारा अधिकारियों को एक प्रकार का दिशा निर्देश होता है. लुक आउट नोटिस को ऑथोराइज्ड ऑफिसर ही जारी कर सकते हैं. डिप्टी सेक्रेटरी से नीचे का अफसर इसे जारी नहीं कर सकता.
किसी राज्य में जॉइंट सेक्रेटरी से पद के नीचे का अधिकारी इसे नहीं जारी कर सकता है. किसी जिले का कलेक्टर या SP, CBI या ED जैसी जांच और सिक्योरिटी एजेंसियों के डेजिग्नेटेड ऑफिसर के साथ ही इंटरपोल के डेजिग्नेटेड अफसर भी इसे जारी कर सकते हैं.
सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस और मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स में एडिशनल डायरेक्टर रैंक से नीचे का अधिकारी इसे नहीं जारी कर सकता है.
नवंबर 2018 में सरकार के द्वारा बैंकों को भी वित्तीय अपराधों के मामले में लुक आउट सर्कुलर जारी करने की शक्ति प्रदान की गई.
लुक आउट सर्कुलर कब जारी किया जाता है
गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार निम्नलिखित स्थितियों में लुक आउट नोटिस जारी किया जा सकता है जैसे
.संज्ञेय अपराध का आरोपित अगर गिरफ्तारी से बच रहा है, या
.संज्ञेय अपराध का आरोपित अगर अदालत में सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं हो रहा है, या
.संज्ञेय अपराध के आरोपित द्वारा गिरफ्तारी से बचने के लिए देश छोड़ने की संभावना हो
.राष्ट्र-विरोधी, आतंकवादी या संदिग्ध व्यक्ति
इसके साथ ही भारतीय दंड संहिता 1973 के तहत संज्ञेय अपराध के संदर्भ में भी लुक आउट सर्कुलर जारी किया जा सकता है.