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हिबा क्या है और मुस्लिम कानून में इसकी वैधता की क्या हैं औपचारिकताएं?

हिबा देने और लेने वाले दोनो ही के साथ कई शर्ते जुड़ी है. लेकिन हिबा लेने के मामले में कुछ शर्ते अलग है. एक बार हिबा दिए जाने के बाद उसे वापस लेने के लिए केवल दो परिस्थितियों पर निर्भर करता है.

Written By My Lord Team | Published : March 13, 2023 1:18 PM IST

नई दिल्ली: मुस्लिम कानून के तहत "हिबा" को एक उपहार के रूप में दर्शाया गया है. मुस्लिम कानून के तहत संपत्ति को स्थानांतरित करने के कई तरीके हैं, जिसमे "हिबा" भी एक माध्यम है. उपहार के हस्तांतरण को आमतौर पर संपत्ति अंतरण अधिनियम (Transfer of Property Act), 1882 के द्वारा नियंत्रित किया जाता है लेकिन इस अधिनियम की सीमाएँ है.

धार्मिक स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए मुस्लिम कानून के अंतर्गत हिबा को मान्यता प्राप्त है जिसके लिए कुछ औपचारिकताओं का पालन अनिवार्य है. मुस्लिम कानून के तहत उपहार की वैधता के लिए कई जरूरी बातों का ख्याल रखना जरूरी है.

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हिबा या तो लिखित या मौखिक रूप से बनाया जा सकता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हिबा के रूप में दी गई संपंति या सामग्री स्पष्ट होनी चाहिए और इसमें कोई भ्रम या अस्पष्टता नहीं होनी चाहिए.

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जिसे हिबा दिया जा रहा है, उसके द्वारा इसकी स्वीकृति होनी चाहिए. हालांकि जब अभिभावक से बच्चे को हिबा दिया जाता है, तो इस मामले में बच्चे द्वारा स्वीकृति आवश्यक नहीं है. लेकिन जब एक नाबालिग को हिबा दिया जाता है, तो अभिभावक की स्वीकृति आवश्यक होती है.

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उपहार/हिबा के रूप में दी गई संपत्ति जिसे दी जानी है उस व्यक्ति को हस्तांतरित की जानी चाहिए, उस संपत्ति के हस्तांतरण के बिना हिबा अधूरी और अमान्य होगा.

हिबा देने के लिए जरूरी शर्ते

हिबा देने से जुड़ी शर्तो के अनुसार हिबा देना वाला मुस्लिम होना चाहिए और स्थानांतरण बिना शर्त होना चाहिए क्योंकि यह एक उपहार है.

जो व्यक्ति संपंति को हिबा के रूप में दे रहा है वह संपत्ति का मालिक होना चाहिए और हिबा को तुरंत बनाया जाना चाजिए, यानी उसका हस्तांतरण तत्काल किया जाए.

हिबा देने वाला व्यक्ति की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और हिबा को उसकी स्वतंत्र सहमति से दिया जाना आवश्यक है.

हिबा लेने के लिए जरूरी शर्ते

हिबा देने और लेने वाले दोनो ही के साथ कई शर्ते जुड़ी है. लेकिन हिबा लेने के मामले में कुछ शर्ते अलग है.

हिबा लेने वाला मुस्लिम या गैर-मुस्लिम हो सकता है, और वह 18 वर्ष से अधिक या कम आयु का भी हो सकता है.

हिबा किसी ऐसे व्यक्ति को दिया जा सकता है जो मानसिक रूप से स्थिर हो या 18 वर्ष से कम हो लेकिन यह तभी पूरा होगा जब हिबा कानूनी अभिभावक के अधिकार में दिया गया हो.

एक अजन्मे बच्चे के लिए हिबा अमान्य है. लेकिन एक अपवाद है कि अगर हिबा के निर्माण के समय बच्चा मां के गर्भ में होता है और हिबा के बनने की तारीख से 6 महीने के भीतर पैदा होता है तो ऐसे हिबा को मान्य माना जाएगा.

हिबा एक से अधिक व्यक्तियों के लिए बनाया जा सकता है लेकिन हिबा में प्रत्येक व्यक्ति के हिस्सा स्पष्ट किया जाना जरूरी है.

नही लिया जा सकता वापस

एक बार हिबा दिए जाने के बाद उसे वापस लेने के लिए केवल दो परिस्थितियों पर निर्भर करता है.

हिबा को भले ही किसी के नाम करने की प्रक्रिया कर दी गई हो, लेकिन उसका वितरण करने से पहले वापस लिया जा सकता है. चूंकि हिबा की वितरण नहीं हुआ है तो हिबा अधूरा है, इसलिए इसे बिना किसी शर्त के वापस लिया जा सकता है.

लेकिन एक बार सामने वाले को हिबा ​दिए जाने के बाद उसे वापस नहीं लिया जा सकता. इसे केवल दो प्रक्रियाओं जिसमें पहली अदालत के आदेश से और दूसरी लेने वाले की सहमति से ही लिया जा सकता है.

रद्द किया जा सकता है?

एक बार हिबा देने के बाद भी कई मामलों में इसे रद्द किया जा सकता है, जब हिबा पति से पत्नी या पत्नी से पति को दी गई हो, जब दान देने या लेने वाले में से किसी एक की मृत्यु हो जाए, हिबा को देने के बाद अगर उसका मूल्य बढ़ गया है तो उसे रद्द किया जा सकता हैं.

यहां तक कि जब हिबा का इरादा धार्मिक या आध्यात्मिक रहा हो जैसे कि किसी गरीब को दिया गया उपहार ताकि उसे एक अच्छा काम माना जा सके और जब हिबा के रूप में दी गई दी हुई वस्तु नष्ट या खो जाती है, तब इसे रद्द किया जा सकता है.