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पुलिस पर हाथ उठाने का क्या होता है अंजाम? जानिए कानून के तहत इसकी सजा

Hitting a Police Officer is a Crime See Punishment with respect to IPC

हर मामले में हमारी मदद करने वाले पुलिस अधिकारी को यदि कोई मारता है या हाथ उठाता है तो उसका क्या नतीजा होता है? जानें कानून की किन धाराओं में इस बारे में लिखा है और उनके तहत इसकी क्या सजा तय की गई है

Written By My Lord Team | Updated : June 27, 2023 9:54 AM IST

नई दिल्ली: देश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए कई नियम-कानून हैं और साथ ही, पुलिस भी है जो नागरिकों के हित हेतु काम करती है। गंभीर आपसी झड़प से लेकर किसी बड़ी लड़ाई तक, हर हाल में आप पुलिस के पास जाकर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं और आपकी मदद करना उनका कर्तव्य है। पुलिस पर यदि कोई हाथ उठाता है तो उसका क्या अंजाम होता है? कानून के तहत पुलिस अधिकारी से मारपीट करना पर आईपीसी की किन धाराओं में क्या सजा निर्धारित की गई है, आइए जानते हैं...

पुलिस पर हाथ उठाना कानूनी अपराध

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जहां पुलिस कर्मचारी पर हाथ उठाना कानूनी अपराध है वहीं ऐसी भी कुछ खास परिस्थितियां हैं जिनमें शख्स अपनी खुद की सुरक्षा हेतु पुलिस पर हाथ उठा सकता है।

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कोई भी पुलिस अधिकारी यदि आपको बिना किसी कारण के गंभीर चोट पहुंचाता है जिससे आपके शरीर का कोई अंग खराब हो जाए, तो आत्मरक्षा (Self Defence) में आप उनपर हाथ उठा सकते हैं।

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अब आइए जानते हैं कि आमतौर पर किसी पुलिस अधिकारी पर हाथ उठाने की क्या सजा है।

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पुलिस अधिकारी से मारपीट पर सजा

बता दें कि भारतीय दंड संहिता, 1860 (Indian Penal Code, 1860) की दो धाराएं हैं जिनके तहत पुलिस अधिकारी पर हाथ उठाना या उनके काम में बाधा डालने के खिलाफ सख्त सजा निर्धारित की गई है।

आईपीसी की धारा 186 'लोक सेवक के कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना' (Obstructing public servant in discharge of public functions) है जिसके तहत यदि कोई भी शख्स पुलिस अधिकारी समेत किसी भी लोक सेवक के काम में बाधा डालता है और उसे परेशान करता है तो उसे सजा सुनाई जाएगी।

इस धारा के तहत दोषी को तीन महीने तक की जेल की सजा, 500 रुपये तक का आर्थिक जुर्माना या फिर दोनों भुगतना पड़ सकता है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 332 'किसी लोक सेवक को उनके काम से भटकाने हेतु जानबूझकर चोट पहुंचाना' (Voluntarily causing hurt to deter public servant from his duty) को लेकर है। यदि पुलिस अधिकारी या कोई अन्य लोक सेवक अपना काम ईमानदारी से कर रहा है और कोई व्यक्ति जानबूझकर, उनके काम को खराब करने के उद्देश्य से चोट पहुंचाता है, उसे इस धारा के तहत सजा मिलेगी।

ऐसे में, धारा 332 के तहत दोषी को तीन साल तक की जेल की सजा सुनाई जाएगी, आर्थिक जुर्माना भरना पड़ेगा या फिर दोनों सजाएं भुगतना पड़ सकता है।