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नरेन्द्र मोदी नीत NDA को मिला सरकार बनाने का न्यौता, PM पद की शपथ दिलाने में 'राष्ट्रपति' की भूमिका पर संविधान क्या कहता है?

राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे बीजेपी नेता

राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद नरेन्द्र मोदी तीसरी बार 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. आइये जानते हैं संविधान में इस बात का जिक्र कहां आता है? राष्ट्रपति किसे प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाएंगी. पीएम पद की शपथ दिलाने तक राष्ट्रपति की भूमिका क्या होती है?

Written By Satyam Kumar | Updated : June 7, 2024 7:00 PM IST

18th Lok Sabha Election: नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है. राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद नरेन्द्र मोदी तीसरी बार 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. आइये जानते हैं संविधान में इस बात का जिक्र कहां आता है? राष्ट्रपति किसे प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाएंगी. पीएम पद की शपथ दिलाने तक राष्ट्रपति की भूमिका क्या होती है?

'पीएम' की शपथ दिलाने तक राष्ट्रपति की भूमिका

राष्ट्रपति चुनाव परिणामों की समीक्षा करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि कौन सा दल या गठबंधन लोकसभा में बहुमत प्राप्त कर चुका है. तय करने के बाद राष्ट्रपति सबसे बड़े दल या बहुमत प्राप्त करने वाले गठबंधन के नेता को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं. तय तिथि के दिन राष्ट्रपति औपचारिक तौर पर बहुमत दल के नेता को प्रधानमंत्री की शपथ दिलाते हैं.

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जैसे, NDA ने लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल की. NDA के घटक दलों ने सर्वसम्मति से नरेन्द्र मोदी को अपना नेता मनोनीत किया, जिसके बाद नरेन्द्र मोदी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू औपचारिक तौर पर प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाएंगी. उसके बाद नवनियुक्त प्रधानमंत्री के सलाह पर राष्ट्रपति अन्य मंत्रियों को पद की शपथ दिलाएंगी, जो मंत्री परिषद का हिस्सा होंगे.

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लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी अव्वल 

आम चुनाव के बाद, राष्ट्रपति उस दल या गठबंधन के नेता को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं जिसे लोकसभा चुनाव में बहुमत प्राप्त हुआ हो. यदि कोई दल स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं कर पाता है, तो राष्ट्रपति सबसे बड़े दल या गठबंधन के नेता को आमंत्रित कर सकते हैं और उनसे विश्वास मत (Vote of Confidence) प्राप्त करने के लिए कह सकते हैं. इस परिस्थिति में भी बीजेपी को सबसे ज्यादा सीट (240) मिली है, जिसके चलते राष्ट्रपति बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे.

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राष्ट्रपति सुनिश्चित करते हैं कि नया प्रधानमंत्री लोकसभा में बहुमत साबित कर सके. यदि बहुमत साबित नहीं होता है, तो राष्ट्रपति अन्य संभावित पार्टियों को सरकार बनाने का अवसर दे सकते हैं.

भारतीय संविधान के तहत राष्ट्रपति को पावर

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75,  राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री नियुक्त करने की शक्ति प्रदान करता है. प्रधानमंत्री की नियुक्ति के बाद, राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर मंत्रियों की नियुक्ति करते हैं.

नई सरकार के गठन संविधान क्या कहती है?

राष्ट्रपति संविधान के अनुच्छेद 74 के तहत मंत्रिपरिषद की सलाह से बंधे होते हैं, लेकिन नई सरकार के गठन के समय वे अपनी विवेकाधीन शक्तियों का उपयोग कर सकते हैं, विशेषकर जब किसी भी दल या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत न मिला हो.

इन प्रावधानों और परंपराओं के आधार पर, राष्ट्रपति यह सुनिश्चित करते हैं कि सरकार स्थिर और सक्षम हो तथा लोकसभा का विश्वास प्राप्त कर सके.