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Mangaluru Acid Attack: परीक्षा देने जा रही तीन छात्राओं पर फेंका गया एसिड; जानें क्या है कानून, सजा के प्रावधान

मंगलुरू में परीक्षा देने जा रही तीन छात्राओं के चेहरे पर एसिड फेंका गया. पुलिस ने अपराधी को गिरफ्तार किया है. आइये जानते हैं अपराधी को किस कानून के तहत सजा मिलेगी और सजा क्या है..

Written By My Lord Team | Published : March 5, 2024 9:06 AM IST

तेजाब फेंकने की घटना गंभीर है. ये कृत्य निंदनीय हैं. ये घटनाएं सभ्य समाज के दावे और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं. ऐसी घटनाओं में कठोर सजा और कार्रवाई से ही मनचलों, उचक्कों और अपराधियों  के ऊपर नकेल कसी जा सकती है. 

तीन छात्राओं पर हुआ Acid Attack 

हाल ही में मंगलुरू में परीक्षा देने जा रही तीन छात्राओं के चेहरे पर एसिड फेंक दिया गया. ये हरकत 23 वर्षीय छात्र ने उस वक्त की जब छात्राएं परीक्षा हॉल में प्रवेश करने वाली थी. पुलिस ने घटना के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने सुसंगत धाराओं में मामले को दर्ज कर लिया है. वहीं, पुलिस ने बताया कि तीनों छात्राओं का इलाज जारी हैं. तीनों में से एक छात्रा का चेहरा बुरी तरह से जल गया, हालत गंभीर हैं. इलाज जारी है. 

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कानून में Acid Attack की घटना

तेजाब फेंकने की घटना एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है. आईपीसी की सेक्शन 362ए, एसिड अटैक की घटना से जुड़ी है. धारा के अनुसार, जब कोई व्यक्ति जानबूझ कर किसी महिला या पुरूष पर तेजाब फेंकता है तो उसके विरूद्ध आईपीसी की धारा 326ए के तहत मुकदमा दायर किया जाता हैं. ऐसे कृत्यों में व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा भी मिलती है.

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सेक्शन 326ए में क्या हैं प्रावधान? 

तेजाब फेंकने की घटना के मामले में धारा 326ए के तहत कार्रवाई होती है. वहीं, सजा तय करने के दौरान इन बिंदुओं पर ध्यान देती है जो निम्नलिखित है: 

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i) घटनाक्रम: कोर्ट ये देखती है कि ये घटना कैसे हुई है? क्या व्यक्ति ने स्वयं ही ये किया है या किसी ने जानबूझ कर एसिड फेंका हैं. 

ii) गंभीर चोट: हमले में पीड़ित (Victim) को कितना आघात पहुंचा है. 

iii) एसिड या संक्षारक पदार्थ का उपयोग: गंभीर चोट पहुंचाने के लिए आरोपी द्वारा एसिड या अन्य मिलता-जुलता खतरनाक पदार्थ का उपयोग किया जाना शामिल है.

iv) पुरुष या महिला, दोनों पर लागू: सेक्शन 326ए के तहत एसिड एटैक का अपराध पुरुषों व महिला दोनों के अपराध करने व शिकार होने पर समान रुप से लागू होता है.

v) मुआवजा: कोर्ट अपराधी को सजा के साथ-साथ पीड़िता को मुआवजा देने का भी फैसला सुना सकती हैं. 

कठोर सजा के हैं प्रावधान 

एसिड अटैक गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में आता है. साथ ही आरोपी को पुलिस बिना वारंट के व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती हैं. आईपीसी 326ए में एसिड हमला करने की सजा कम से कम दस साल कैद की सजा है. वहीं, अपराध की गंभीरता को देखते हुए आजीवन कारावास तक भी बढ़ाया जा सकता है. साथ ही, कोर्ट पीड़ित के मेडिकल खर्च देने के लिए  व सजा के तौर पर दोषी व्यक्ति पर जुर्माना (Fine) भी लगा सकती है. 

घटना होने पर बरतें ये सावधानी

किसी के साथ ऐसा न हों. अगर कहीं आप खुद को ऐसी स्थिति में पाते हैं, तो तुरंत ही पीड़ित को घटनास्थल से दूर हटाएं. ताकि ये कृत्य दोबारा ना हों. एंबुलेंस को कॉल कर बुलाएं या नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराएं. पुलिस को घटना की सूचना दें. तेजाब गिरने वाले जगह को पानी से बार-बार धोएं जिससे एसिड पतला हो सके. उसके बाद सूखे कपड़े से जगह को ढ़क दें. 

नोट: ये लेख केवल जानकारी भर के लिए है. यह लेख किसी प्रकार के अपराधों को सह नहीं देती हैं. साथ ही एसिड अटैक जैसी घृणित घटना की निंदा करती हैं.