क्या सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीना अपराध है? जानिये सम्बंधित कानून और सजा
नई दिल्ली: हमारे देश में शराब को लेकर हर राज्य का अपना -अपना कानून है. किसी राज्य में शराबबंदी है तो कहीं पर शराब के सेवन पर प्रतिबंध नहीं है. जानकारी के अभाव में कि किस राज्य में शराब का सेवन करना अपराध की श्रेणी में आता है और किस राज्य में यह अपराध नहीं है लोग अक्सर सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने की जलती कर देते है.
उदाहरण के लिए जानते हैं कि क्या है दिल्ली में शराब पीने को लेकर कानून. क्योंकि हाल ही में दिल्ली पुलिस ने सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने के आरोप में 201 लोगों को पकड़ा.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस उपायुक्त (द्वारका) हर्षवर्धन के अनुसार, यह कार्रवाई द्वारका क्षेत्र में सार्वजनिक रूप से शराब पीने के खिलाफ दो दिवसीय विशेष अभियान के तहत किया गया. इस कार्रवाई के तहत 201 लोगों को पकड़ा गया और सम्बंधित लोगों के विरुद्ध 40-ए आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया.
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दिल्ली आबकारी एक्ट 2009 के धारा 40-ए में सार्वजनिक जगह पर शराब पीने से संबंधित नियम को बताया गया है.
धारा 40-ए
इस अधिनियम के अनुसार जो कोई भी-
- (A) सार्वजनिक स्थान पर शराब का सेवन करता है;
- (B) सार्वजनिक स्थान पर शराब का सेवन कर उपद्रव पैदा करता है;
- (C) अगर कोई शराब की दुकानों के आसपास या दुकान परिसर में शराब पीता है संचालक के अनुमति से तो, संचालक सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे.
इस तरह के कृत्यों के लिए सजा और जुर्माना दोनों का ही प्राविधान है -
(1) खंड (ए) के तहत आने वाले अपराध को अगर कोई अंजाम देता है तो वह जुर्माने का पात्र माना जाएगा जो कि पाँच हजार रुपये तक बढ़ाया जा सकता है.
(2) खंड (बी) के तहत आने वाले अपराध के मामले में, एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा जिसे तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माने को दस हजार रुपये तक बढ़ाया जा सकता है.
(3) खंड (सी) के तहत आने वाले अपराध में पकड़े जाने पर दोषी को एक अवधि के लिए कारावास की सजा दी सकती है जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माने के तौर पर पचास हजार रुपए देना पड़ सकता है.
नियम से अधिक शराब दुकान में रखने
- 1. नियमानुसार, डिपार्टमेंटल स्टोर के तहत लाइसेंस में केवल 15 फीसद में वाइन बियर रख सकते हैं, लेकिन दुकान में शराब व नियम से अधिक बियर की अधिक मात्रा मिलने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है.
- 2.डिपार्टमेंटल स्टोर के चिलर में केवल पनीर, सी फूड वगैरह रखा जा सकता है, लेकिन दुकान में चिलर में बीयर की बोतलें और केन नहीं रखी जा सकती हैं.
- 3. शराब की दुकानों के बाहर बैठकर शराब पीने पर भी कार्रवाई का प्रविधान है.
मद्रास हाईकोर्ट में PIL दायर
कुछ लोग पैसे कमाने के लालच में जहरीली शराब बेचने लगते हैं जिससे कई लोग अपनी जान गवां बैठते हैं. ऐसे ही कृत्यों को रोकने के लिए हाल ही में सरकारी शराब की दुकानों पर पुलिस कार्रवाई के लिए मद्रास हाईकोर्ट में एक पीआईएल दायर किया गया.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस की माने तो जहरीली शराब की बिक्री को रोकने के लिए तमिलनाडु राज्य विपणन निगम से जुड़े बार पर पुलिस द्वारा कार्रवाई के लिए कोयम्बटूर के एक कार्यकर्ता आर बूमीराज ने एक जनहित याचिका दायर की है.
याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष कहा कि तंजावुर में एक निगम के एक आउटलेट से जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस को इन आउटलेट पर समय-समय पर कार्रवाई की अनुमति दी जानी चाहिए.
जनहित याचिका में विल्लुपुरम और चेंगलपट्टू जिलों में 22 लोगों की दुखद मौत का हवाला देते हुए यह भी कहा गया है कि तमिलनाडु में नकली शराब की मौजूदगी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए.