क्या आप जानते हैं कि लॉयर और ऐडवोकेट एक नहीं होते? समझें दोनों के बीच का अंतर
अनन्या श्रीवास्तव
कोर्ट में काम करने वाले, काले कोट और सफेद बैंड बांधने वाले लोगों को देखते ही पहचाना जा सकता है कि वो वकील हैं। अंग्रेजी में आप इन्हें लॉयर या ऐडवोकेट बुलाते हैं और इन दोनों शब्दों को ज्यादातर स्थितियों में, आपस में अदल-बदलकर इस्तेमाल किया जाता है। क्या आप जानते हैं कि असल में, पारिभाषिक तौर पर दोनों एक नहीं होते। एक लॉयर और ऐडवोकेट में क्या अंतर है और दोनों का काम क्या होता है, आइए जानते हैं.
कौन होता है 'लॉयर'?
लॉयर (Lawyer) यानी 'वकील' शब्द का इस्तेमाल जनरल टर्म्स में किया जाता है। कोई भी शख्स जिसने वकालत पढ़ी हो या जो एलएलबी (LLB) की पढ़ाई कर रहा हो, उसे 'लॉयर' या वकील कहा जा सकता है। एक वकील ऐडवोकेट भी हो, यह जरूरी नहीं है। लॉयर किसी को लीगल एडवाइस दे सकता है लेकिन वो कोर्ट में जाकर मुकदमा नहीं लड़ सकता है।
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'ऐडवोकेट' किसे कहते हैं?
लॉयर सिर्फ उसे कहते हैं जिसने कानून की पढ़ाई की हो लेकिन 'ऐडवोकेट' यानी अधिवक्ता उसे कहते हैं जो लॉ की पढ़ाई करने के बाद अदालत में बहस करे और मुकदमे लड़े।
आसान भाषा में, लॉयर का बेसिक वर्जन है और ऐडवोकेट अपग्रेडेड वर्जन; एक 'अधिवक्ता' एक 'वकील' से ज्यादा प्रोफेशनल होता है। जैसा कि हमने आपको अभी बताया, एक वकील ऐडवोकेट हो, ऐसा जरूरी नहीं लेकिन हर ऐडवोकेट वकील जरूर होता है।
क्या है 'लॉयर' और 'ऐडवोकेट' के बीच अंतर?
आइए समझते हैं कि एक 'वकील' और एक 'अधिवक्ता' के बीच मूल अंतर क्या होता है। 'वकील' वो है जिसने लॉ की पढ़ाई की है और ट्रेनिंग ली हुई है और 'अधिवक्ता' एक विशेष प्रकार का वकील होता है जो किसी भी कोर्ट में अपने मुवक्किल के पक्ष से लड़ता है और उन्हें केस जीताने की कोशिश करता है।
जहां एक लॉयर सिर्फ कानूनी सलाह देता है, जनहित याचिका दायर कर लेता है और कोर्ट की हियरिंग अटेंड कर लेता है वहीं एक ऐडवोकेट कानूनी सलाह देने के साथ-साथ सिर्फ कोर्ट की हियरिंग्स स्टेंड नहीं करता बल्कि उनमें भाग लेता है.
ऐडवोकेट अपने क्लाइंट का प्रतिनिधित्व करता है और केस लड़ता है। एक अधिवक्ता उर्फ ऐडवोकेट के अनुभव, स्किल और काम का दायरा एक वकील यानी लॉयर से बहुत बड़ा होता है।