आदिवासी युवक पर पेशाब करने का आरोपी गिरफ्तार, IPC 294, 504 और SC/ST Act के तहत होगी कार्रवाई
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में आदिवासी युवक पर पेशाब करने के वायरल वीडियो मामले में पुलिस ने मंगलवार की देर रात आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी की पहचान प्रवेश शुक्ला के तौर पर की गई है और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 294 एवं 504 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, हिरासत में लिए गए व्यक्ति के खिलाफ कड़े रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के अंतर्गत कार्रवाई शुरू की गई है। आइये जानते है क्या है पूरा मामला और इन सजा के प्रावधानों के विषय में ।
क्या है मामला
MP के 'सीधी' से एक शर्मनाक घटना सामने आई है जिसमें एक शख्स गरीब, और बेसहारा आदिवासी शख्स के ऊपर पेशाब करते हुए सिगरेट फूंकते नजर आ रहा है. ये मामला नौ दिन पुराना है, जो कि वीडियो वायरल होने के बाद सामने आया है। बताया जा रहा है कि सीधी जिले के कुबरी बाजार में मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक बैठा था।
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रिपोर्ट के अनुसार, अभियुक्त प्रवेश शुक्ला ने नशे की हालत में उसके ऊपर पेशाब कर दी। किसी ने इसका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर डाल दिया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तत्काल प्रभाव से प्रवेश शुक्ला को कुबरी गांव के खैरहवा से गिरफ्तार कर लिया गया है, और उसके खिलाफ धारा 323 ,294, 506 आइपीसी और एनएसए के तहत मामला दर्ज किया और साथ हि एससी/एसटी अधिनियम कि कुछ धारा भी लगायी है.
IPC की धारा 323
इस धारा के तहत जो कोई, स्वेच्छा से चोट पहुंचाता है, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माना जो एक हजार रुपये तक बढ़ाया जा सकता है, या दोनों के साथ दंडित किया जाएगा।
धारा 294
इसके तहत अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को चिढ़ाने के इरादे से किसी भी सार्वजनिक जगह पर कोई भी अश्लील कार्य करता है या किसी भी सार्वजनिक स्थान या उसके आसपास कोई अश्लील गाना, कथागीत या शब्द गाता है या बोलता है तो उसे सजा दी जा सकती है.
धारा 504
आईपीसी की धारा 504 के अंतर्गत कोई व्यक्ति किसी को उकसा कर उसका अपमान करता है और लोग शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर उसका अपमान करता है तो वह आईपीसी की धारा 504 के अंतर्गत आता है। इसके लिए 2 साल के कठोर कारावास का प्रावधान है। इसके अलावा जुर्माना भी अपराधी को भरना पड़ता है या फिर दोनों भी उस पर लागू हो सकते हैं। इसके अलावा यह जमानती होता है और गैर संघेय अपराध की श्रेणी में भी आता है।
इस अपराध के तहत किसी को उकसाकर लोग शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना आईपीसी 504 में आता है, जो कि इस मामले में आरोपित किया गया है.
सजा का प्रावधान – 2 साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों है . यह एक जमानती है वह गैर संगे अपराध माना जाता है इसके अलावा किसी भी न्यायाधीश के द्वारा विचारणीय भी है।
क्या है SC/ST Act?
यह अधिनियम इस बात का प्रावधान करता है कि जब भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के अतिरिक्त कोई व्यक्ति किसी भी तरह से किसी अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंध रखने वाले किसी व्यक्ति को प्रताड़ित करेगा, तो उसके विरुद्ध यह कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून
इसके तहत अगर सरकार को लगता कि कोई व्यक्ति उसे देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कार्यों को करने से रोक रहा है तो वह उसे गिरफ्तार करने की शक्ति दे सकती है। सरकार को ये लगे कि कोई व्यक्ति कानून-व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में उसके सामने बाधा खड़ा कर रहा है तो वह उसे गिरफ्तार करने का आदेश दे सकती है। साथ ही, अगर उसे लगे कि वह व्यक्ति आवश्यक सेवा की आपूर्ति में बाधा बन रहा है तो वह उसे गिरफ्तार करवा सकती है। इस कानून का उपयोग जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, राज्य सरकार अपने सीमित दायरे में भी कर सकती है।