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चोरी का मोबाइल, लैपटॉप खरीदना बन सकता है आपके लिए मुश्किल, ये है सजा का प्रावधान

चोरी के मोबाइल, लैपटॉप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामग्री का प्रयोग करने को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 या आईटी एक्ट के तहत एक अपराध माना गया है.ऐसा व्यक्ति आईटी एक्ट की धारा 66 ख के तहत दोषी होगा.

Written By Nizam Kantaliya | Published : December 14, 2022 7:16 AM IST

नई दिल्ली, दुनियाभर में मोबाइल का उपयोग करने वालों की सर्वाधिक दूसरी संख्या हमारे देश में है. सितंबर, 2022 के अंत में हमारे देश में टेलीफोन ग्राहकों की संख्या लगभग 117.19 करोड़ थी. मोबाइल की बढ़ती मांग के बीच अब चोरी के मोबाइल का भी एक बड़ा मार्केट उभर रहा है.

पिछले कुछ समय में देश के सभी शहरों में मोबाइल फोन लूट और चोरी की घटनाओं में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. लूटे गए और चोरी किए मोबाइल अब धड़ल्ले से बाजार में बेचे जा रहे हैं. यही हाल लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान को लेकर भी है.

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आम युवा भी अब सस्ते सामान के चलते चोरी के मोबाइल और लैपटॉप खरीद रहे हैं और ना ही खरीदते समय पक्के बिल की मांग करते है. बेचने वाला भी बड़ी ही मासूमियत के साथ कोई बहाना बनाकर उसका पक्का बिल नहीं देता. यदि इस तरह चोरी का मोबाइल फोन या फिर कंप्यूटर, लैपटॉप खरीदना है तो कानून के अनुसार उसे जेल की सजा हो सकती है.

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आईटी एक्ट (IT Act)  की धारा 66 ख

चोरी के मोबाइल, लैपटॉप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामग्री का प्रयोग करने को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (Information Technology ACT) 2000 या आईटी एक्ट के तहत एक अपराध माना गया है. इस कानून के अनुसार कोई भी व्यक्ति चुराए गए किसी भी प्रकार के कंप्यूटर साधन या संचार का कोई भी यंत्र को यह जानते हुए की वह चोरी का है, बेईमानी से प्राप्त करेगा या उसको अपने पास रखेगा तो ऐसा व्यक्ति आईटी एक्ट की धारा 66 ख के तहत दोषी होगा.

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कई बार अपराधी बेहद संगीन अपराध में ऐसे मोबाइल और लैपटॉप का उपयोग कर उसे चोर बाजार बेच देते है. ऐसे में इस तरह के चोरी के मोबाइल, लैपटॉप खरीदने वाला व्यक्ति बड़े मामलों में फंस सकता है.

चोरी के मोबाइल या लैपटॉप का उपयोग करना वैसे तो संज्ञेय एवं जमानती अपराध हैं, ऐसे मामलों में जहां जिस व्यक्ति का मोबाइल चोरी हुआ है और जिसने चोरी किया है. दोनो के बीच आपसी सहमति से समझौता हो सकता है.

निरीक्षक स्तर का अधिकारी

मोबाइल या लैपटॉप चोरी के मामलो की जांच को लेकर आईटी एक्ट में खास प्रावधान किया गया है. आईटी एक्ट की धारा 78 के अनुसार इस तरह के मामलों की जांच का अधिकार निरीक्षक यानी इंस्पेक्टर स्तर का अधिकारी ही करेगा. निरीक्षक से नीचे के स्तर का पुलिस अधिकारी ऐसे मामलों की जांच नहीं कर सकता है.

होगी जेल की सजा

इलेक्ट्रॉनिक सामग्री में मोबाइल, लैपटॉप या अन्य कोई भी सामग्री जो संचार के माध्यम से जुड़ा है और जो चोरी का सामान होने का पता होने पर भी खरीदा गया हो या उसका उपयोग किया गया हो. ऐसा साबित होने पर आईटी एक्ट की धारा 66 ख के तहत तीन साल की जेल और 1 लाख रुपए तक का जुर्माने की सजा दी जा सकती है. अदालत कई मामलों में अपराधी को दोनों ही सजा दे सकती है.

रखें ये सावधानी

मोबाइल, लैपटॉप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम खरीदते समय आपको विशेष सावधानी बरतने की जरूरत हैं. ऐसी सामग्री खरीदते समय सबसे पहले सुनिश्चित करें कि आप बेचने वाले व्यक्ति को व्यक्तिगत तौर पर जानते हैं या नहीं.  मोबाइल फोन या किसी भी कंप्यूटर उपकरण का हर हाल में पक्का बिल जरूर प्राप्त करें. बिल में प्रोडक्ट की कीमत के अलावा GST अमाउंट, दुकानदार का GST नंबर और खरीदने वाले व्यक्ति का नाम आवश्यक रूप से होना चाहिए.