TIDE 2.0 के तहत 826 स्टार्टअप्स को अनुदान प्राप्त हुआ, जानिए क्या है ये योजना
नई दिल्ली: भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन एंड डेवलपमेंट ऑफ एंटरप्रेन्योर्स (Technology Incubation and Development of Entrepreneurs- TIDE 2.0) योजना के तहत 826 स्टार्टअप्स ने तीन वर्षों के लिए अनुदान प्राप्त किया है.
यह सूचना ओडिशा के राज्यसभा सांसद अमर पटनायक के पिछले सप्ताह पूछे गए प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने TIDE 2.0 योजना की प्रगति के संबंध में यह जानकारी साझा की. मंत्रालय ने बताया कि योजना की मंजूरी के बाद वित्त वर्ष 2020-21 की अंतिम तिमाही से 51 TIDE 2.0 इन्क्यूबेशन केंद्रों को शुरू किया गया है.
इसी के साथ ही यह भी खुलासा किया गया कि 3,000 से अधिक आवेदकों में से, 826 स्टार्टअप्स ने तीन वर्षों के लिए TIDE 2.0 योजना के तहत अनुदान प्राप्त किया है. हालांकि इस योजना के तहत निर्धारित आवंटन 1200 स्टार्टअप्स के लिए था, लेकिन आवेदकों में से 826 स्टार्टअप्स ही अनुदान के लिए उपयुक्त पाए गए.
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क्या है TIDE 2.0 योजना?
TIDE 2.0 सामाजिक प्रासंगिकता के पूर्व-पहचाने गए क्षेत्रों में मुख्य रूप से उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे Internet of थिंग्स (IoT), Artificial इंटेलिजेंस (AI), ब्लॉक-चेन, रोबोटिक्स आदि का उपयोग करने में लगे Information and Communications टेक्नोलॉजी (ICT) स्टार्टअप का समर्थन करने वाले इनक्यूबेटरों को वित्तीय और तकनीकी सहायता के माध्यम से तकनीकी उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गयी योजना है.
यह योजना भारत में 51 इनक्यूबेटरों को सशक्त बनाने और 5 वर्षों की अवधि में लगभग 2000 Technology स्टार्ट-अप को मदद करने के उद्देश्य से लागू की गई है. यह योजना स्टार्टअप्स को आवश्यक लिंकेज की पहचान करवाने और निर्माण के माध्यम से प्रौद्योगिकी स्टार्टअप और इन्क्यूबेशन केंद्रों का समर्थन करने के लिए एक समग्र इकोसिस्टम बनाने की कल्पना करती है.
इस योजना के तहत, मंत्रालय Technology स्टार्टअप्स के इन्क्यूबेटरों को वित्तीय और तकनीकी सहायता करती है और ये इनक्यूबेटर, इस सहायता के बदले में स्टार्टअप्स को सभी आवश्यक सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराते हैं.
कौन होते हैं इन्क्यूबेटर्स (Incubators)?
स्टार्टअप इनक्यूबेटर ऐसे संस्थान होते हैं जो उद्यमियों (Entrepreneurs) को अपना व्यवसाय विकसित करने में मदद करते हैं, खासकर शुरुआती चरणों में. इनक्यूबेशन का काम आमतौर पर उन संस्थानों द्वारा किया जाता है, जिनके पास बिजनेस और प्रौद्योगिकी (Technology) की दुनिया का अनुभव होता है.
इनक्यूबेटर समर्थन में तकनीकी सुविधाएं और सलाह, प्रारंभिक विकास निधि, नेटवर्क, सह-कार्यस्थल, प्रयोगशाला सुविधाएं, सलाह और सलाहकार सहायता प्रदान करना शामिल है. शुरुआती चरण के संरक्षक के रूप में, इनक्यूबेटर स्टार्टअप इकोसिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.
TIDE 2.0 के तहत लाभ पाने के लिए क्या है मानदंड
TIDE 2.0 योजना के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए स्टार्टअप्स को निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना अनिवार्य होगा: -
· 7 साल से कम अस्तित्व वाला स्टार्टअप TIDE 2.0 इनोवेशन प्रोग्राम के लिए आवेदन कर सकता है.
· आवेदन करते समय, स्टार्टअप्स को स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत डीपीआईआईटी (DPIIT) की मान्यता प्राप्त होनी चाहिए.
· स्टार्टअप के पास डीपीआईआईटी (DPIIT) मान्यता नहीं है, तो स्टार्टअप को कार्यक्रम के लिए धन प्राप्त करने से पहले डीपीआईआईटी (DPIIT) मान्यता सुनिश्चित करनी होगी.
· आवेदक कंपनी में कम से कम 51% भारतीय हिस्सेदारी होनी चाहिए.
· स्टार्टअप के पास एक योग्य टीम होनी चाहिए.
तो यह है भारतीय सरकार की TIDE 2.0 योजना, जिसके तहत सरकार ICT (Information and Communications Technology) स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है. यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में सही कदम है, क्योंकि वर्तमान में अर्थव्यवस्था को चलाने वाले सभी क्षेत्रों के विकास में प्रौद्योगिकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.