2 नए जजों की नियुक्ति के साथ ही देश की सर्वोच्च अदालत में 100 प्रतिशत वैकेंसी पूर्ण
नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के लिए कॉलेजियम द्वारा की गई दो जजों के नाम की सिफारिश को मंजूरी देने के साथ अब राष्ट्रपति ने नियुक्ति वारंट जारी कर दिए है.
राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी किए गए नियुक्ति वारंट के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राजेश बिंदल और गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अरविंद कुमार सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किए गए है.
इन दो जजो की नियुक्ति के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में कार्यरत जजों की संख्या 34 हो गई है. 2021 के बाद ये दूसरी बार है जब देश की सर्वोच्च अदालत में स्वीकृत पदों के अनुसार 100 प्रतिशत जज होंगे.
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केन्द्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने शुक्रवार सुबह दोनो जजों की नियुक्ति की जानकारी साझा करते हुए शुभकामनाए दी है.
जस्टिस राजेश बिंदल
इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राजेश बिंदल देश में हाईकोर्ट जजों में सबसे वरिष्ठ जज है. 31 जनवरी को ही सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता में हुए कॉलेजियम ने इनके नाम की सिफारिश की थी.
16 अप्रैल 1961 में जन्में जस्टिस राजेश बिंदल जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट और कोलकोता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके है.
मूल पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश बिंदल को मार्च 2006 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया था. 26 अक्टूबर 2018 को कॉलेजियम ने उनका तबादला मद्रास हाईकोर्ट में करने की सिफारिश की. कॉलेजियम की सिफारिश में बदलाव को लेकर जस्टिस बिंदल ने प्रतिवेदन दिया, जिसके बाद उन्हे जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट में तबादला किया गया.
तीन बार कार्यवाहक सीजे
11 नवंबर 2018 को उन्हे तबादले के बाद जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया. 9 नवंबर 2020 को वे जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए.
जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट बार उनके व्यवहार के चलते उनकी कोर्ट का बहिष्कार भी किया. जिसके बाद 5 जनवरी 2021 को उनका तबादला कोलकोता हाईकोर्ट में किया गया. 29 अप्रैल 2021 को उन्हे कोलकोता हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश् नियुक्त किया गया.
वरिष्ठता के आधार पर बाद में उन्हे 11 अक्टूबर 2021 को इलाहाबाद हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया.
जस्टिस राजेश बिंदल के नाम पर कई महत्वपूर्ण् फैसले भी है मुख्य तौर पर पंजाब में आरक्षण मामले में दिया गया उनका फैसला शामिल है जिसमें वे जस्टिस बी एस वालिया के साथ बेंच के दूसरे सदस्य थे.
जस्टिस अरविंद कुमार
गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अरविंद कुमार को गुजरात न्यायपालिका में कई बड़े बदलावों के लिए जाना जाता है.
14 जुलाई 1962 को कर्नाटक में जन्मे जस्टिस अरविंद कुमार को वर्ष 2009 में तीन दशक के वकालात के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट जज नियुक्त किया गया था.
दिसंबर 2012 में उन्हे कर्नाटक हाईकोर्ट में ही पदोन्नति देते हुए स्थायी जज नियुक्त किया गया. करीब 9 वर्ष कर्नाटक हाईकोर्ट में जज रहने के बाद अक्टूबर 2021 में उन्हे गुजरात हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया.
देश के हाईकोर्ट जजों की वरिष्ठता क्रम के अनुसार जस्टिस अरविंद कुमार 26 नबंर पर है. कॉलेजियम ने 31 जनवरी को ही उनके नाम की सिफारिश केन्द्र को भेजी थी.
कोई पद खाली नहीं
देश की सर्वोच्च अदालत में इन 2 जजों की नियुक्ति के साथ ही ये सुप्रीम कोर्ट में कार्यरत जजों की संख्या 34 हो गई है. यह तीसरी बार है जब देश की सर्वोच्च अदालत में जजों के बढाए गए पदों के बाद सभी वैकेंसी पूर्ण कर दी गई.
पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एनवी रमना के कार्यकाल में कुछ समय के लिए ही सुप्रीम कोर्ट के सभी 34 जज एक साथ कार्यरत थे.