बिना किसी वजह के पत्नी का पति के साथ यौन संबंध से इनकार करना 'क्रूरता': मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
HC On Wife Refusal Of Physical Relationship: बिना किसी वजह के लंबे समय से पत्नी का पति के साथ यौन संबंध से इनकार करना 'क्रूरता' है. ये तलाक का वैध आधार है. इन टिप्पणियों के साथ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पति को तलाक की इजाजत दी. जस्टिस शील नागू और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने फैमिली कोर्ट के आदेश को रद्द किया.
बिना किसी कारण के यौन संबंध बनाने से पत्नी करती है इनकार
12 जुलाई 2006 में दोनों ने शादी की थी. पति ने आरोप लगाया कि 28 जुलाई 2006 को उसके भारत छोड़ने तक अपनी शादी को जारी रखने से इनकार कर दिया था. बिना किसी कारण के पत्नी ने काफी लंबे समय से यौन संबंध बनाने से इनकार कर दिया था. ये क्रूरता है. पति ने फैमिली कोर्ट में तलाक की मांग करते हुए याचिका दाखिल की. हालांकि फैमिली ने पति को अपनी पत्नी से तलाक लेने की इजाजत नहीं दी. इसके खिलाफ उसने हाईकोर्ट में अपील की. हालांकि पत्नी ने पति के दावों को विरोध किया.
Also Read
- खुला को लेकर तेलंगाना हाई कोर्ट अहम फैसला, मुस्लिम पत्नी को तलाक देने का पूरा हक, पति की सहमति जरूरी नहीं!
- खुद की संतुष्टि के लिए पत्नी का पोर्न देखना पति के साथ 'क्रूरता' नहीं और यौन संक्रमित रोग Divorce का आधार नहीं हो सकता: Madras HC
- युजवेन्द्र चहल और धनश्री वर्मा की जोड़ी टूटी, बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देश के बाद फैमिली कोर्ट ने तलाक को दी मंजूरी
हाईकोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?
कोर्ट ने कहा,
"हम समझते हैं कि बिना किसी शारीरिक अक्षमता या वैध कारण के काफी समय तक यौन संबंध बनाने से एकतरफा इनकार करना मानसिक क्रूरता हो सकता है."
2014 के फैसले को रद्द करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि फैमिली कोर्ट ने ये मानकर गलती की कि पत्नी का शादी से इंकार करना तलाक का वैध आधार नहीं हो सकता. इसमें आगे कहा गया कि महिला को पता था कि उसका पति भारत छोड़ देगा और फिर भी उसने अपनी शादी से इनकार कर दिया.
हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए कहा कि इस अवधि के दौरान, पति को शादी संपन्न होने की उम्मीद थी, लेकिन पत्नी ने इससे इनकार कर दिया और निश्चित रूप से ये कृत्य (पत्नी का) मानसिक क्रूरता के बराबर है.