स्वतंत्रता सेनानी की विधवा और तलाकशुदा बेटियां भी स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन पाने की हक़दार- दिल्ली हाई कोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि स्वतंत्रता सेनानी की विधवा और तलाकशुदा बेटियाँ भी स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन पाने की हक़दार है.
जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस तलवंत सिंह की पीठ ने Union of India vs Kolli Uday Kumari केस में कहा की स्वतंत्रता सेनानी के अविवाहित बेटी ही नहीं बल्कि विधवा और तलाकशुदा बेटियाँ भी स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन पाने की हक़दार है.
इस मामले में स्वतंत्रता सेनानी पिता की मृत्यु के बाद आश्रित के तौर पर पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए स्वतंत्रता सेनानी की विधवा और तलाकशुदा बेटियों ने भी आवेदन किया था. गृह मंत्रालय ने 12 फरवरी 2020 को एक पत्र जारी करते हुए पेंशन के लिए केवल सेनानियों की अविवाहित बेटियों को ही शामिल किया.
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सरकार का जवाब
इसके साथ ही मंत्रालय ने स्वतंत्रता सेनानी की विधवा और तलाकशुदा बेटियों को पेंशन देने से इंकार करते हुए कहा कि एक बार शादी होने के बाद बेटियां इस योजना का लाभ नहीं उठा सकती.
हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस तलवंत सिंह की पीठ ने गृह मंत्रालय के इस आदेश को रद्द करते हुए विधवा और तलाकशुदा बेटियों को भी पेंशन का हकदार माना है.
स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन योजना के तहत स्वतंत्रता सेनानियों और उनके आश्रितों को 2025-26 तक पेंशन और अन्य वित्तीय लाभ दिए जाने हैं. इस योजना के लिए 3,274.87 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है।
कोर्ट ने क्या कहा पेंशन पर
कोर्ट ने कहा की स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन योजना 2014 के दिशा निर्देशों के अनुसार पैराग्राफ 5.2.5 में दिया गया है कि विधवा/तलाकशुदा बेटी पेंशन के लिए पात्र नहीं है, जो 1980 की योजना के अनुरूप नहीं है. पीठ ने कहा कि कोई कारण नहीं है कि योजना का लाभ विधवा और तलाकशुदा बेटी को नहीं दिया जाए.
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि इस मामले में अप्रार्थिया इंदिरा कुमारी को आवेदन की तारीख से उनके पिता की मृत्यु की तारीख़ से छह सप्ताह के भीतर दी जाए.